Saturday, May 8, 2010

3.03 अक-अघ आद्यक्षर वाले शब्द

84 अकचकाना (अप्पन मरद के बात सुन के सुमितरी के माय अकचका के बोलल हल -"हाय राम, हमरो कोय बात के इयादे न रहऽ हे, तुरते सुरते से भूला जाही ।") (अल॰9:27.13)
85 अकचकाना, अकचका जाना (अमा॰12:15:1.25)
86 अकठकाठ (गो॰ 5:26.32)
87 अकबकाना (अकबका जाना) (मसक॰ 21:22)
88 अकबकाना, अकबका जाना (अमा॰166:8:1.5; 173:15:1.1; नसध॰ 11:48.9; 25:106.8)
89 अकबार (= अखबार) (नसध॰ 38:161.11)
90 अकलुष (~ संदर्भ आउ गुन कर्म के चिंतन) (नसध॰ 35:151.7)
91 अकवन (नसध॰ 19:76.16; 39:173.6)
92 अकवार (गो॰ 2:14.26)
93 अकवार (भर ~) (सुमितरी भर अकवार अलगंठवा के पकड़ के जउरी-पगहा जइसन हो गेल हल ।) (अल॰36:114.3; 42:134.3)
94 अकवार गहन (अगे बेटी, चिट्ठिया में हमरो ओर से अलगंठवा के असीरवाद आउर ओकर माय के अकवार गहन भी लिख देहु ।) (अल॰9:29.14, 16)
95 अकवारी (नसध॰ 3:9.25)
96 अकसरहाँ (ई सब अकसरहाँ मुँहजबानी (मौखिक रूप से) कहल-सुनल जाहे आउ एक कंठ से दोसर कंठ में चलइत हजारन बरस से जीवित हे) (अमा॰25:13:1:18)
97 अकानना (रम॰ 10:76.7)
98 अकाल (नसध॰ 16:69.10)
99 अकास (~ फट के गिर जाना) (नसध॰ 2:7.14; 38:162.17; 47:207.9)
100 अकास (= आकाश) (अमा॰1:17:1.1; 163:13:2.20)
101 अकास (= आकाश) (चौदस के चान पछिम ओर अकास पर टहटह टहटहा रहल हल ।) (अल॰6:14.19)
102 अकिल (= अक्कल, अक्ल) (नसध॰ 1:4.1; 47:205.10)
103 अकिल दौड़ाना (फूब॰ 6:21.6-7)
104 अकिलगर (तोर मरद बड़ा ~ हउ) (नसध॰ 14:64.28)
105 अकिलगर (हमरा चिन्ता काहे ला जब दुलहा हम्मर अकिलगर हे । दुनिया चाहे जे भी कहे, जियरा हम्मर अलगल हे ।) (अमा॰21:10:1.30)
106 अकीन (= यकीन) (हमरा बारे में बहुत तरह के अफवाह भी सगरो फैलावल जा रहलो हे ओकरा पर अकीन मत करते जइहऽ ।) (अल॰40:125.27)
107 अकुचाना (जी अकुचा हे) (अमा॰3:17:1.1)
108 अकुताना (अकुतायल) (नसध॰ 1:6.15)
109 अकेलुआ (मसक॰ 84:8; 121:2)
110 अकेल्ले (बअछो॰ 5:24.9)
111 अक्किल (बअछो॰ 3:18.11; 14:62.23)
112 अक्किल (= अक्ल) (अमा॰27:11:1.28)
113 अक्खड़ (परिवार के ~ न आना) (मसक॰ 151:12)
114 अक्षते (= अछइते, छइते) (राम के ~ भरत कइसे सासन करतन ?) (नसध॰ 10:45.17)
115 अक्सरहें (ऊ ~ गुरुजी के हाथ जोड़ के कहऽ हलन) (अमा॰29:11:1.23)
116 अखड़ना (चन्दर दुलार-पिआर के चलते मिडिल पास करके ही घर में अखड़ते रहऽ हल ।) (अल॰12.35.29)
117 अखड़ना-बमकना (इ तऽ अउरत-मरद इयानी पति-पतनी के भेद-भाव होबऽ हे, जेकरा हम न मानऽ ही । एही नेम-टेम भेद-भाव के बजह से अउरत जीमन भर भूखल रहऽ हे । आउर पुरूख भरपेट खा के बाघ बन के अगरइते रहल हे, अखड़ते-बमकते रहल हे आउर अउरत के सतइते रहल हे, जीमन भर कुहंकइते रहल हे ।) (अल॰42:133.7)
118 अखतियार (फूब॰ 3:10.16,33)
119 अखनिएँ (मसक॰ 59:7)
120 अखनी (अमा॰4:10:1:16; 7:9:2.16; 174:13:2.17; फूब॰ 4:14.21; गो॰ 1:10.1, 2; 3:18.27; 9:39.31, 41.19; मकस॰ 46:1; मसक॰ 74:7)
121 अखने (फूब॰ 1:4.4; 3:11.14; 5:18.19, 20.26)
122 अखने (की अइंठल चलऽ ह अखने, एक दिन समय भी तोरो अइतो) (अमा॰23:20:1.1)
123 अखनो (फूब॰ 7:24.27)
124 अखबार (अमा॰11:4:2.13)
125 अखरखन (रम॰ 15:118.14)
126 अखरखन (देखऽ बाबा, हेडमास्टर अखरखन कर रहल हे । तूँ घबड़ा न, हम ओकरा से मिल लेवइ आउर सुमितरी के फारम आज्झ से कल तक भरा जइतइ ।) (अल॰20:65.24)
127 अखरना (ओइसहीं मगही पत्रिका में 'सुजाता' आउ 'सरहलोक' के उल्लेख न होना भी अखर जाहे) (अमा॰5:2:1.29)
128 अखरा (गो॰ 10:45.9)
129 अखरी-पिपरी (अखरिन पिपरिन नियन त सब जीअ हे । तूँ जिअ त कोय इतिहास बना के जिअ ॥) (अमा॰29:15:2.3)
130 अखाड़ा (अमा॰16:11:1.9, 2.16)
131 अख्तियार (अआवि॰ 107:14)
132 अग-जग (गो॰ 1:5.2)
133 अगड़वम (बरमा बाबू केतना गिजा खा हथ, पेट ~ बनल रहऽ हइन) (नसध॰ 9:37.26)
134 अगना (= अंगना) (नसध॰ 37:158.14)
135 अगबही (नसध॰ 6:24.11)
136 अगम-अपार (उहें एगो बंगाली नट से मन्तर सिख के अगम-अपार बंगाल के सिध कलकत्ता से गाँव तक चेला-चुटरी के भरमार ।) (अल॰1:1.13)
137 अगमजानी (नसध॰ 5:21.3)
138 अगमान-भगमान (हमरा सब पता हे कि सब रिसी-फिसी अगमान-भगमान असल कोय न हे, सब कमसल हे ।) (अल॰43:143.11)
139 अगरचेत (गो॰ 1:6.6, 9.14; 5:26.1)
140 अगर-दिगर (रम॰ 13:105.2)
141 अगर-दिगर (~ करना) (अल॰44:146.5)
142 अगरबत्ती (नसध॰ 39:173.10; 41:183.15)
143 अगराना (मसक॰ 151:21; रम॰ 10:74.5; 11:86.11)
144 अगराना (जीत उछलइत आउ अगराइत चले हे) (अआवि॰ 42:26)
145 अगराना (बसन्त में धरती अगराइए गेल हे, बाकि बसन्त भी कम बगरल नञ हे) (अमा॰8:7:1.3; 26:1:2.9)
146 अगराना (सुमितरी .... पातर कमर से नीचे लटकइत झुमइत केस के साथ खड़ी होके अगराइत बोलल हल -"का कहऽ हऽ, गाँव में आयल हमरा चार-पांच दिन बीत गेलो, मुदा हमरा ओर तनी झांके न अइलऽ । लगऽ हे कि इद के चान हो गेलऽ हे ।"; खेत-खलिहान फसल से अगरा रहल हे, इतरा रहल हे ।) (अल॰13.39.3; 19:61.10; 34:108.8; 42:133.7)
147 अगलउनी (सुमितरी अप्पन घर जाय से पहिले अलगंठवा के कह देलक हल कि तूँ पटना जाय से पहिले हमरा एगो पाती जरूर भेज दीहऽ। अलगंठवा लापरवाही के साथ कहलक हल कि चिट्ठी आउर डा... अगलउनी होबऽ हे । तूँ घर जाके अप्पन परीच्छा के तइयारी करिहऽ । चिट्ठी तोहर चित के चितचोर बन जइतो, जेकरा से पढ़े-लिखे में मन उचट-उचट जइतो ।) (अल॰14.41.26)
148 अगल-बगल (अमा॰13:5:2.25; 173:13:1.4)
149 अगवन, अगबन (अगवन तो कहलऽ कि देवास में चलइत ही आउ इहाँ आन के पुलिस बोलावे लगलऽ ?; अगबन तनी जान में जान अयलो । देह गरमा गेलो बाकि भीतरे कँपकँपी बनले हो ।) (नसध॰ 11:50.19; 41:182.12)
150 अगवने (नसध॰ 4:14.25; 7:29.20; 39:164.27)
151 अगहन (अआवि॰ 80:31)
152 अगहनिया (सम्मन मांझी अगहनिया अमरूद लाके पेड़ से तोड़ के सबके खिलावे लगल हल ।) (अल॰44:156.18)
153 अगहनी (अगहनी धान टाल-बधार में लथरल-पथरल हल । कारीवांक, रमुनिया आउर सहजीरवा धान के गंध से सउंसे खन्धा धमधमा रहल हल ।; आज वसन्तपुर तरन्ना में अगहनी ताड़ी पीए ला रामखेलामन महतो के जमाइत जुटलन हल ।) (अल॰7:20.25; 8:23.6)
154 अगहनुआ (~ दोकान) (मसक॰ 51:27)
155 अगहुड़ (नसध॰ 26:115.25)
156 अगाड़ी (~ साल; मिसिर आउ खदेरन मांस भात गपकइत हलन आउ अगाड़ी के योजना बनावइत हलन) (नसध॰ 9:41.27; 14:60.4)
157 अगाड़ी (= आगे) (नसध॰ 1:3.17; 34:145.4; 38:162.25)
158 अगाड़ी (जेतना अदमी मिलइत हथ ऊ सब अभिवादन करके, तनी नेवतई देखावइत अगाड़ी बढ़ जा हथ इया पीछे छूट जा हथ) (अमा॰25:9:1.8; 28:5:1.10)
159 अगाड़ी-अगाड़ी (नसध॰ 43:192.11)
160 अगार-पगार (गो॰ 1:5.3)
161 अगारु (मसक॰ 7:5)
162 अगारू (तोरा अगारू हम भीख थोड़हीं माँगइत ही । हम अपने कमा ही ।) (मकस॰ 46:15)
163 अगाह (~ करना) (सचमुच में कुत्ता आगरो जानऽ हथ न ? सूँघ के चोर तो पकड़िये ले हथ, होवे ओली घटना के भी कान फड़का के आउ दुम हिला के अगाह कर दे हथ) (अमा॰11:7:1.15, 18)
164 अगिन (~ जरावन नियन साथे रहना) (नसध॰ 37:160.28)
165 अगिया बैताल (येकर अलावे अगिया बैताल हल अलगंठवा, लड़का-लड़की के साथ लुका-छिपी आउर विआह-विआह खेले में अप्पन माय के किया से सेनूर चोरा के कोय लड़की के माँग में घिस देवे में बदनाम अलगंठवा।; बाप रे बाप, उ छउड़ा अगिया बैताल हइ । कुंआरी लड़की के मांग में सिनूर दे दे हइ ।) (अल॰1:2.2; 2:5.2; 10.30.2)
166 अगियाना, अगिया जाना (नसध॰ 42:186.28)
167 अगुअइ (अगुअइये में) (अमा॰13:5:2.12)
168 अगुअई (मकस॰ 56:25; नसध॰ 5:20.13)
169 अगुआ (नसध॰ 23:96.10)
170 अगुआ (जाके ~ से कह दऽ कि कल्लू शादी न करत) (अमा॰2:14:2.7)
171 अगुआइ (देस के तपल-तपावल नेता भी अगुआइ करे के लेल हुंकारी भर देलन हे ।; पहिले तऽखाली जमाहिर लाल-इन्दिरा गांधी के दोस दे हली । बल्कि ओकरे समापत करे लेल जे॰पी॰ के अगुअइ में इ आन्दोलन हो हल ।) (अल॰38:119.16; 44:154.14)
172 अगुआई (आशा करऽ ही कि देश उनकर ~ में प्रगति के राह पर चलत) (अमा॰23:4:2.1)
173 अगुआई-बरतुआई (अमा॰165:15:2.18)
174 अगुवानी (अआवि॰ 105:16)
175 अगे (अमा॰165:10:2.13; मसक॰ 101:1, 7)
176 अगे (~ माँई) (नसध॰ 5:17.9)
177 अगे (अगे मइया, दीदी आउर नाना आ रहलथुन हे ।) (अल॰3:8.8; 5:12.18)
178 अगे मइनी (रम॰ 1:19.7)
179 अगेरी (रम॰ 11:83.9)
180 अगोरना (रम॰ 10:78.2)
181 अगोरना (अगोरले रहना; दुआरी ~) (नसध॰ 2:8.9; 21:83.27; 23:94.7, 8; 37:157.7; 42:184.29)
182 अगोरना (घूर-घूर के ~; दुआरी ~) (अमा॰11:7:1.23; 20:15:1.28)
183 अगोरले (~ रहना) (हम तो मइया से जादे ओकरे भिर अगोरले रहऽ हली ।) (अमा॰22:16:2.21)
184 अगोरा (रम॰ 10:75.13)
185 अगोरी (~ करना) (अमा॰11:8:2.8)
186 अघोरी (बिन कमैले खाय के अधिकार केकरो न होय के चाहीं । ओइसन अदमी ~ होवऽ हथ) (नसध॰ 27:120.5)

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