Saturday, May 8, 2010

3.08 अय-अव आद्यक्षर वाले शब्द

464 अयँ (~, सूरुज चा अभी जीते हथ ?) (नसध॰ 49:211.11)
465 अयँ, आयँ, आईं (बअछो॰ 9:43.1; 11:52.8)
466 अरइ (गो॰ 1:8.18)
467 अरउ (गो॰ 1:8.18)
468 अरउआ (कब॰ 30:16)
469 अरउआ (सुमितरी के माय हाथ में अरउआ लेके बैल आउर भैंसा के हाँक के घर ले आवल हल ।) (अल॰7:21.25)
470 अरग (मसक॰ 87:4, 5; 90:25, 26)
471 अरग (= अर्घ्य) (हम्मर बउआ के दुख हर लेबऽ तो हम एतवार करबुअ आउ तोरा दोहरे सूप से अरग देबुअ) (अमा॰165:10:1.9)
472 अरज (= अर्ज) (तुलातुल समतुल हे, ता पर मेष प्रचण्ड । खड़ा सिंहनी अरज करत हे, कुम्भ छोड़ दे कंत ॥) (अमा॰25:18:1.29)
473 अरजना (अरजल सम्पत्ति) (बअछो॰ 9:44.3)
474 अरतन-बरतन (नसध॰ 44:196.6-7)
475 अरतन-बरतन (मोहन सिंघ आउर जालिम सिंघ के घर के चौखट-केवाड़ी घर के अरतन-बरतन, अनाज से लगाइत खूँटा पर बँधल गाय-बैल आउर भैंस-भैंसा कुरती-जपती होके इसलामपुर थाना चल गेल हल ।) (अल॰28:85.14, 86.7)
476 अरता (ताड़ीपर सैकड़न बीघा में अकवन के पेड़ हे ओकर रुइ बइसाख में उड़िया जा हे ओकरा बटोर के अरता बनावल जा सकऽ हे) (नसध॰ 39:173.7; 41:183.14, 27)
477 अरती (= आरती) (नसध॰ 10:46.8)
478 अरथ (= अर्थ) (बाद में एकर लघु रूप 'पालि' रह गेल आउ एकर अरथ हो गेल बुद्ध वचन) (अमा॰23:9:2.1)
479 अरदा-परदा (रम॰ 4:40.1)
480 अर-बर (~ बकना) (अमा॰165:12:1.16; नसध॰ 9:40.1)
481 अर-बर, अल-बल (कब॰ 32:5)
482 अरबराना, अरबरा जाना (तनी ठंढा से अरबरा गेली हल) (नसध॰ 27:120.32)
483 अरमन्ना (~ के साधन) (अमा॰168:5:1.16)
484 अरमान (सुभाष के अरमान आउ भगत के इन्कलाब) (अमा॰14:14:1.9)
485 अरराना (गो॰ 1:6.25)
486 अरवा (नसध॰ 48:209.13)
487 अरवा (~ चाउर) (सुमितरी आउर हेमन्ती इस्कूल के उतरबारी कोठरी के गाय के गोवर आउर गोरकी मट्टी से लिप-पोत के अमरूद केला बैर-सकरकन्द-गजरा आउर अरवा चाउर के चुना से परसादी बनावे में जुटल हलन ।) (अल॰34:107.25)
488 अरहड़ (कोमल पत्ती साग टमाटर फरवा शोभे डाली के । अरहड़ आम झकाझक फूलल स्वर कोकिल मतवाली के ।) (अमा॰22:17:2.6)
489 अराम (चुभसे॰ 1:6.3; नसध॰ 5:17.12; 28:124.16; 35:149.12; 38:163.10; 48:209.7)
490 अराम (~ से सुतल रहना; सिंचाई विभाग के नोकरी में तो ~ आउ छुट्टिये-छुट्टी रहऽ हे) (अमा॰6:18:1.8; 173:19:1.14)
491 अरार (= अराड़) (अरार पर पीपल, बर आउर ताड़ के पेड़ एक साथ जोट्टा हो के बड़ी दूर में फैलल हल ।; सब लोग जलवार नदी में नेहा के, अरार पर आके कपड़ा बदल रहलन हल) (अल॰21:66.28; 43:141.1)
492 अरार (नदी के ~) (मसक॰ 45:23)
493 अरिआते (ओकरा ~ कसबा तक चललन) (नसध॰ 26:115.18; 39:166.31)
494 अरियातना, अरिआतना (अरियात/अरिआत देना) (नसध॰ 1:4.6; 33:145.7)
495 अरियाते (महतो जी ओहनी के ~ गाँव से तनी दूर ला गेलन) (नसध॰ 10:45.5)
496 अरैत-करैत (उनू-गुनू धातु गुनू, असत-कसत अरिया मन्तर, अरैत-करैत तोसित खंडा, उमू-घुमू धाह बटोरा) (अल॰18:56.27)
497 अर्द्धमागधी (डॉ॰ एच॰ बईस कहलन - 'प्राचीन बौद्ध साहित्य अर्द्धमागधी में लिखल गेल आउ अजुका पालि साहित्य ओकरे अनुवाद हे ।') (अमा॰23:10:1.2)
498 अलंग (रम॰ 9:70.6; रम॰ 18:134.1, 9)
499 अलकतरा (~ करिया बुझाइत हई गे । गोड़वा तो लगऽ हई अलकतरा में डूबल हई ।) (अमा॰167:9:1.3)
500 अलगंठे (हलूमान मंदिल में संझौती भी न परऽ हे । येगो कुम्हार पंडित पूजा-पाठ करऽ हलन तऽ कुम्हार जाति होवे के कारन ओकरा छिछा-लेदर करके येगो पांड़े गरदनिया देके निकाल देलक । अब पूजा-पाघुर के हलूमान जी के चढ़ौना अलगंठे अप्पन घर में सइंतऽ हे ।) (अल॰43:140.19)
501 अलगण्ठ, अलगंठ (= अलग, अकेला, एक ओर, एक छोर पर) (~ फेंक देना, अलगंठे खा जाना) (अमा॰16:12:2.13)
502 अलग-थलग (~ हो जाना) (अमा॰11:8:2.19)
503 अलगल (हमरा चिन्ता काहे ला जब दुलहा हम्मर अकिलगर हे । दुनिया चाहे जे भी कहे, जियरा हम्मर अलगल हे ।) (अमा॰21:10:1.31)
504 अलगही (नसध॰ 13:56.6)
505 अलगे (नसध॰ 6:23.19)
506 अलचार (= लाचार) (बेमार अदमी, बूढ़ा अदमी, ~ के देख के महात्मा बुद्धो डिप्रेशन में आ गेलन हल) (अमा॰169:10:2.18)
507 अलता (= अरउता) (अइहऽ त बंगाल के अलता ले अइहऽ पिया हमरा के; गोड़ के एँड़ी में लाल-लाल अलता के जगह बेआय के दाग गहरायल जा रहल हल) (अमा॰24:15:1.29; 166:8:2.27; 167:14:1.9)
508 अलपजीउ (गो॰ 2:14.8)
509 अलबता (नसध॰ 28:124.19)
510 अलबते (नसध॰ 24:100.13)
511 अलबत्त (= क्या खूब, वाह; बेशक; किन्तु, परन्तु) (चलवे में चरखा ई बुढ़िया अलबत्त हे) (अमा॰28:16:2.25)
512 अलबत्ता (अलबत्ता डंका बजावो हल रजाक मियाँ । डंका बजावे में ऊ अप्पन जोड़ अपने हल सउँसे इलाका में ।) (कुश्ती लड़ेवला के दू दल बन जा हल - एक दल कन्त का के आउ दोसर कनेसर का के । दुन्नू बिचमान बन जा हलन ।) (अमा॰16:11:1.26)
513 अल-बल (हम तो जानऽ हली कि 'अलका मागधी' में कम से कम चार-पाँच गो कहानी जरूर रहऽ होतई । मगर एकरा में खाली अल-बल छाप रहलऽ हे ।; मोबाइल पर एक-दूसरा से घंटो ~ बतिआइत रहऽ हे ।) (अमा॰16:7:2.19; 170:7:1.29)
514 अलमस्त (अआवि॰ 45:29; 107:8)
515 अलमुनिया (= अल्यूमिनियम) (हम ऊ झोला झाड़ली तब ओकरा में से पुरान अचकल-पचकल अलमुनिया के कटोरा आउ एगो फट्टल पुरान मइल कुचइल चद्दर मिलल) (अमा॰22:16:1.11)
516 अलमुनिया (अलगंठवा के घर में माय के जीता-जिन्नगी में पीतल के वरतन में ही भोजन बनऽ हल । मुदा अब अलमुनिया के तसला में भोजन बने लगल हल ।) (अल॰12.37.3; 44:147.15)
517 अलमुनियाँ (कब॰ 45:22; 56:1)
518 अलसाना (चलई बसंती जब अलसवले, धमधम गाँव-गली धमकवले) (अमा॰20:7:1.15)
519 अलसायल (नसध॰ 11:46.28)
520 अलागम (रम॰ 3:29.21, 34.2)
521 अलागम (लावऽ, गांजा हो तऽ मइजऽ हिओ, न तऽ तोहनी रहऽ, हम जा हियो । डेढ़ पहर दिन से कम न वित रहल हे, माथा पर तऽ सूरज आ रहलन हे । गाड़ मारी हम गांजा पीए के । तोहनी अइसन अलागम न न ही ।; ; अइसन वसन्ती रात के सवाद जीमन में पहली बार मिलल हे । अलागम होके हमनि जीअ ।) (अल॰8:24.25; 36:115.18)
522 अलानी (फरत करइला खीरा शोभे लदबद फूल अलानी में) (अमा॰22:17:2.19)
523 अलाव (नसध॰ 10:44.6; 27:118.19)
524 अलाव (जाड़ा में अलाव जोड़ के इया गरमी के दुपहरी में गाछ भिजुन बइठ के लोग-बाग एकता, मिल्लत आउ भाईचारा के परिचय दे हथ; घीसू आउ ओकर बेटा माधव बुतायल अलाव के पास बइठल हथ) (अमा॰13:12:2.26; 27:11:1.3)
525 अलावे (एकरा ~; के ~) (अमा॰12:18:2.26; 18:4:1.12)
526 अलाह (रम॰ 3:25.16)
527 अलाह (धूप-दीप जला के मंदिल से वाहर निकल के पहाड़ पर ही अलाह जोड़ के लिट्टी लगावे के उपाय करे लगलन हल ।) (अल॰16:50.1)
528 अलोप (= लुप्त) (पुरनकन चीज जइसे चकचन्दा-गीत पहिले भादो में गावल जा हल, बाकि अब ई अलोप होल जा रहल हे) (अमा॰163:6:2.18)
529 अलोप (= लुप्त, गायब) (अलगंठवा अप्पन झोला कंधा में लटका के सुमितरी के गाल पर एक चुमा लेइत गली में अलोप हो गेल हल ।) (अल॰42:137.6)
530 अलोपित (चुभसे॰ 3:12.28; गो॰ 10:44.9)
531 अल्ल-बल्ल (गो॰ 1:5.24)
532 अल्हा (= आल्हा) (एकर अलावे दलान में तीन गो चौंकी, ताखा पर रमाइन-महाभारत, अल्हा-उदल, विहुला-विरजेभान के किताब लाल रंग के कपड़ा के बस्ता में बंधल रखल रहऽ हल ।) (अल॰12.37.15)
533 अल्हा-उदल (अल्हे-उदल नियन पहलवान) (नसध॰ 26:113.23)
534 अल्हा-रुदल (= आल्हा-उदल) (दिलदार राम कान में अंगुरी डालइत 'अल्हा-रुदल' के एक कड़ी गावइत बरहमथान दने चले लगल हल) (अल॰33:106.2)
535 अल्हैत (अल्हैतियन) (नसध॰ 26:115.1; 33:141.13)
536 अवतेमातर (= अइते ही, अइतहीं) (नसध॰ 29:126.24)
537 अवरी, अबरी (नसध॰ 1:3.1, 4:11)
538 अवलदार (रम॰ 13:102.22)
539 अवलदार (=तैयार) (येक रोज गाँव के बीच गली में येगो कुत्ता मर गेल हल । ओकरा फेके ला कोय अवलदार न हल ।; अप्पन गाँव में भी लइकी सब के पढ़े खातिर इस्कूल खुल गेलइ हे । जेकरा में मास्टरनी भी पढ़ावऽ हइ । मुदा तोर बाप पढ़वे ला अवलदार होथुन त नऽ ।; किसान सब मजदूर सब के मांग माने ला अवलदार न हो रहलन हल ।; अलगंठवा आउर सुमितरी अमदी के बनवल सादी-विआह के कानून माने लेल अवलदार न हल ।) (अल॰2:5.20; 5:13.22; 15:43.28, 44.7; 16:46.10; 44:157.14)
540 अवाज (अमा॰3:11:1.18; 165:19:1.4; 171:10:1.8; 172:14:2.11; नसध॰ 7:29.17; 47:206.7, 207.9)
541 अवाद (= आबाद) (बटेसर अप्पन गाँव के गोवरधन गोप से हरसज करके खेत अवाद कर रहलन हल ।) (अल॰7:21.5)
542 अव्यवहारिक (नसध॰ 37:161.5)

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