Sunday, October 18, 2009

17. घकारादि शब्द

3071 घँटाई (गोतिया के देबई भात भतखहिया, गोतनी के हलुआ घँटाई ।) (अमा॰1:12:1.13)
3072 घंघोटना, घंघोट लेना (रग्घू बहू आउ टेनिया के माय एक दने हो गेलन । ओहनी दूनो बुधिया के घंघोट लेलन ।) (नसध॰ 41:181.10)
3073 घंटा (पनघट पऽ घंटन बतिआइत साँझ भे गेल) (नसध॰ 16:71.9)
3074 घंसगढ़ा, घंसगढ़नी (ई तीनों ऊ घंसगढ़न के भीरु गेलन) (अमा॰18:15:1.9)
3075 घइला (बअछो॰ 12:54.15, 55.10, 19, 27; मसक॰ 101:14; 174:4; नसध॰ 24:97.17, 26; 39:163.31)
3076 घइला (मट्टी के ~ लेवे घड़ी भी ठोक-बजा के देख लेवल जाहे । चार गो बेटी हे, त का शराबी-जुआरी के हाथ धरा दीं ?) (अमा॰1:11:1.26; 5:18:1.11; 173:10:1.12)
3077 घइला (लाल टुह टुह सुरज, लगे कुम्हार के आवा से पक के घइला निअर देखाई देलक, लगे जइसे कोय पनिहारिन माथा पर अमनिया घइला लेके पनघट पर सले-सले जा रहल हे ।) (अल॰3:6.4, 5; 6:18.12)
3078 घउद (परतिनिधि कथा घउद) (अमा॰6:7:1.21)
3079 घटन पूजा (नसध॰ 12:53.18)
3080 घटना (रम॰ 13:96.12, 105.9)
3081 घटाघट (गो॰ 10:45.5)
3082 घटिया (बड़े-बड़े उद्योग लगा के, कुटीर उजाड़ल जाइत हे । घटिया माल डिब्बा में कस के, बढ़िया अब कहाइत हे ॥) (अमा॰26:7:2.27)
3083 घटोरना (दुइये घड़ी दिन उठते तीन बेर भकोसऽ हे । आउ खाय आउ खाय तिले-तिले घोसऽ हे ।। सब मिल कटोरे-कटोरे बाले बच्चे घटोरऽ हे ।) (अमा॰7:7:1.13)
3084 घठाना, घठा जाना (पेट के मार ओकरा अइसन नुक्कड़ पर लाके पटक देलक हे, जहाँ अदमी के जिनगी घठा जा हे) (अमा॰168:9:1.9)
3085 घठियाँ (= घटिया) (नसध॰ 11:48.24)
3086 घड़सिरी, घिरसिरी, घिड़सेरी (रम॰ 14:109.11)
3087 घड़ा (सौ ~ पानी पर जाना) (नसध॰ 32:139.19)
3088 घड़ी (= समय, क्षण) (नसध॰ 2:7.13)
3089 घनघनाना (ढोलक घनघनाय लगल) (नसध॰ 40:177.17)
3090 घनर-घनर (गो॰ 2:12.10)
3091 घबराना (ए दरोगी भाय ! एन्ने आवऽ जी ! काहे ला घबराल हऽ ?) (अमा॰29:11:2.16)
3092 घबराना (कोई घबराय के बात न हे) (नसध॰ 29:127.19)
3093 घर बसाना (नसध॰ 5:22.14)
3094 घर-अँगना (गो॰ 7:33.23)
3095 घर-अंगना (अमा॰17:15:1.2)
3096 घरइता (दाल-भात ~ खाय, हत्या लेले पहुना जाय) (नसध॰ 37:156.23)
3097 घरघराना (चक्का ~) (नसध॰ 48:209.11-12)
3098 घर-घरुआर (मसक॰ 147:13)
3099 घरजेवई (नसध॰ 5:22.17-18)
3100 घर-जेवाई (चमार के घरे हम घर-जेवाई होके रहीं ?) (अमा॰25:8:2.5)
3101 घर-दुआर (अमा॰4:16:2.4; 29:11:2.5; गो॰ 7:33.24; मसक॰ 26:19)
3102 घरनी (अआवि॰ 32:14; 51:10; 58:25, 26; 108:11, 15; मकस॰ 47:15; मसक॰ 104:6; नसध॰ 38:163.24; 39:172.20; 41:184.5)
3103 घरनी (कहलक घरनी मरदाना से, बउआ भेल सयान । एकरा अब पढ़ावे लागी करऽ कुछ इन्तजाम ।।) (अमा॰2:14:2.9; 172:20:1.1)
3104 घर-परिवार (सब के दिल-दिमाग में एक्के बात गूँजऽ हल कि इहाँ से हटला पर घर-परिवार के ढेरो दिक्कत के सामना करे पड़त ।) (अमा॰29:12:1.15)
3105 घर-बर (नसध॰ 7:30.1)
3106 घर-बार (अमा॰163:8:1.1; मसक॰ 94:21)
3107 घरर (रम॰ 6:52.7)
3108 घरर-घरर (नसध॰ 27:122.20)
3109 घररा (~ पेलना, ~ पेल के सुतना) (रात निसवद होवे पर आउर नाना-नानी के घररा पेल के सुते पर सुमितरी सले-सले अलगंठवा भीर आके सट के पड़ गेल हल ।) (अल॰44:153.24)
3110 घरवाली (अमा॰18:11:1.26; 173:16:1.2)
3111 घरवाली (नन्हकू के घरवाली सत्तू भरल लिट्टी आउर आम के अंचार गमछी के एगो खूटा में बाँध देलक हल ।) (अल॰3:6.5)
3112 घरहीं (बअछो॰ 12:56.11)
3113 घरहूँ (= घर पर भी) (नसध॰ 3:13.6)
3114 घरा (~ पेलना) (रात सांय-सांय कर रहल हल । खाँड़-कोला बाग-बगीचा में झिंगुर सोर कर रहल हल । गाँव-घर में सन्नाटा छायल हल । ... सुमितरी के नाना-नानी भी घरा पेल रहल हल ।) (अल॰36:113.24)
3115 घराऊ (अआवि॰ 98:6)
3116 घराना (केतनो हथिन तो मलिकारे घराना के न हथिन हो) (नसध॰ 37:156.15)
3117 घरी (= घड़ी) (नसध॰ 6:26.27; 40:175.30)
3118 घरी में घोर आउर नौ घड़ी भदरा (गो॰ 5:25.31)
3119 घरुआरी (बअछो॰ 14:61.25; मसक॰ 7:4; 8:3, 5; 11:3, 10; 87:11)
3120 घरुआरी (= घरवाली) (अमा॰3:11:1.17; 14:14::2.24; 170:11:1.23)
3121 घरे (अआवि॰ 105:24; बअछो॰ 13:58.1; नसध॰ 3:11.19; 4:14.31)
3122 घरे (समाचार पूछे ला उनकर ~ चल गेलन) (अमा॰18:8:1.19)
3123 घरैतिन (= घरवाली) (उनकर ~ जलेसरी हलन आउ उनकर दू बेटा नगेसर आउ परमेसर के साथ एगो बेटी हलइन - सोनमतिया) (अमा॰30:14:1.7)
3124 घरैना (फूब॰ 1:4.2)
3125 घर्र-घर्र (नसध॰ 25:107.22; 27:122.20)
3126 घवाहिल (कब॰ 63:4, 9, 11)
3127 घसकना (अमा॰173:13:2.8; नसध॰ 4:14.31)
3128 घसगढ़नी (दिलदार राम के अल्हा के तान सुनके आरी-पगारी पर घसगढ़ा आउ घसगढ़नी जे घास गढ़ते हलन सबके धेयान दिलदार राम आउर रमेसर देने चल गेल हल ।) (अल॰33:106.11)
3129 घसगढ़ा (दिलदार राम के अल्हा के तान सुनके आरी-पगारी पर घसगढ़ा आउ घसगढ़नी जे घास गढ़ते हलन सबके धेयान दिलदार राम आउर रमेसर देने चल गेल हल ।) (अल॰33:106.10, 15)
3130 घसगाढ़ा (घसगढ़वन) (नसध॰ 1:2.31)
3131 घसियारिन (घसियारिन के हँसी-ठिठोली बड़वा तर दुपहरिया में) (अमा॰22:17:2.10)
3132 घहराना (घंटा ~) (नसध॰ 26:113.17; 41:179.19)
3133 घाघ (खेल में ~) (नसध॰ 3:13.27; 31:136.6; 40:176.16; 44:194.22)
3134 घाघा (तोहनी दुन्नो इसकूल में कभी न बइठे गेलऽ । कभी हम पकड़ के भेजवो कइली तो कभी घाघा में, कभी मकई आउ झलासी के झालड़ में लुका जा हलऽ !) (अमा॰30:14:2.11)
3135 घाट (सात ~ के पानी पीना) (नसध॰ 30:133.2; 34:147.25)
3136 घाट नेहा देना (गो॰ 4:22.17)
3137 घाठी (मकस॰ 66:21)
3138 घाठी (~ देके मारना) (कब॰ 17:1)
3139 घाम (कतिकउर घाम आउ राड़ के बोली न सहाय) (अमा॰25:17:2:26)
3140 घामा (कतिकउर के ~ में मिचाई कोड़ के सुन्नर घरे आयल) (नसध॰ 39:163.31, 170.30)
3141 घामा (चाम पका देवे ओला ~ पड़ रहल हल) (अमा॰173:18:1.23)
3142 घाव (~ धोना) (नसध॰ 41:181.29, 30)
3143 घास-पात (ऊ सब ~ खाय के चीज हे ? हम कउनो जानवर थोड़े ही कि ~ चिबाबित रहम ?) (अमा॰23:14:1.10, 11)
3144 घिऔड़ा (गो॰ 5:25.5)
3145 घिग्घी (~ बंधना) (मसक॰ 61:8)
3146 घिघिआना (नसध॰ 1:4.23; 5:20.20; 39:164.14)
3147 घिघिआना (= गिड़गिड़ाना) (अमा॰14:18:1.12)
3148 घिघियाना (बअछो॰ 3:19.11; मसक॰ 91:5; 175:1)
3149 घिघियाना (झिंगुर साव घिघियाइत कहलन) (अमा॰21:7:1.8; 22:14:2.10)
3150 घिचना, घिंचना (घिचना - रम॰ 3:31.20)
3151 घिड़सिर (बेला तब तक हाथ धोवे ~ के नीचे बनल गोड़ पौर भिजुन पहुँच गेल हल) (नसध॰ 45:198.24)
3152 घिढारी (अमा॰166:11:2.3)
3153 घिन (~ बरना) (ओकायत तऽ अइसन कि ~ बरे लगत) (नसध॰ 14:61.1; 20:80.20; 23:93.2; 38:163.21; 41:182.27, 28, 29)
3154 घिना-घिना के गारी देना (अमा॰166:14:2.9)
3155 घिनाना (कब॰ 40:6, 21; नसध॰ 41:182.1)
3156 घिनाना (सब सास्तर के धरम-करम के तूँ लोग महका के, घिना के रख देलऽ ।) (अल॰43:142.30)
3157 घिरना (= घृणा) (अमा॰18:10:2.5)
3158 घिरनी (~ नियन नाचना) (नसध॰ 17:73.26; 32:138.25)
3159 घिरनी (टिंकू अप्पन बाबा के घिरनी देखा रहल हे । "ई खूब नाचऽ हई, बाबा ! एकरा में सुरुज नियर किरिंग निकसऽ हई । हम एकरा छोड़म ।") (अमा॰13:7:1.15)
3160 घींच-घाँच के (मसक॰ 97:5)
3161 घींचना (मसक॰ 171:24)
3162 घींचना (घींच-घाँच के) (दउड़े में तो ऊ घींच-घाँच के पास कर गेल; हम एगो कुर्सी घींच के बैठ गेली आउ सोचे लगली कि आज के जमाना में भी ऐसन बात ।) (अमा॰18:14:2.21; 24:17:1.10)
3163 घीअउड़ा (रम॰ 12:88.12; 16:121.14)
3164 घीअउड़ा (सत्तू के साथ घीअउड़ा अलगंठवा के बड़ वेस लगऽ हल ।) (अल॰12.36.23)
3165 घीउ (अमा॰17:8:1.14, 20; 163:15:1.23; 173:5:2.26; बअछो॰ 1:9.13, 14; 8:38.28)
3166 घीउ-तेल (गो॰ 3:18.12)
3167 घीव (गूड़-घीव) (नसध॰ 7:29.22; 14:61.1; 29:129.31)
3168 घुँघरु (नसध॰ 26:115.21, 116.1)
3169 घुकड़ी-मुकड़ी (किसान सबके दूरा-दलान पर नाद में बइल सानी खाके ताकते रहऽ हल । आउर किसान सब हाथ पर हाथ रख के घुकड़ी-मुकड़ी लगा के मन मनझान कर के आपस में गपसप करइत देखाय दे रहलन हल ।) (अल॰15.44.11)
3170 घुघनी (अमा॰13:6:1.6; 168:8:2.14; गो॰ 10:45.4; मकस॰ 44:8)
3171 घुच-घुच (~ अँधरिया) (अमा॰7:15:1.1)
3172 घुटना (घुट-घुट के रहना) (नसध॰ 5:17.19)
3173 घुटुक (अआवि॰ 83:8)
3174 घुट्ठी (नसध॰ 29:126.21, 26)
3175 घुट्ठी (डागडर साहेब अप्पन माय के फरमौलन कि हम ऐसन-ओयसन लड़की से बिआह न करम । तूँ ऐसन लड़की खोजऽ जेकर चकचक दूध नियर रंग, आम के फाँक नियर लमहर आँख, टूसा नियर नाक, सुग्गा के ठोर नियर लाल-लाल ओठ, बिजली नियर दाँत आउ करिया और लम्मा-लम्मा घुट्ठी छुअइत बाल होय ।) (अमा॰27:15:1.14)
3176 घुड़मुड़िआना, घुड़मुड़ियाना (नसध॰ 25:104.30; 30:134.19; 38:163.4)
3177 घुन (समाज में लगल ई घुन कब आउ कइसे मिटत ?) (अमा॰29:14:1.8)
3178 घुन-पिन (~ करना) (नसध॰ 23:93.13)
3179 घुनपिस (नानी टोला पऽ रोज ~ चल रहल हल; कुछ लइकन अलगे जमात बनाके ~ करइत हउ) (नसध॰ 22:87.18-19; 33:142.28; 47:206.11)
3180 घुनुर-घुनुर (गो॰ 3:16.15)
3181 घुप्प (~ अन्हार, ~ अन्हरिया) (अमा॰18:18:1.12; 27:11:1.2)
3182 घुमक्कड़ी (हम्मर ~ वला पेशा में नयँ फँसे दरोगी) (अमा॰29:11:1.26)
3183 घुमरना (कब॰ 46:5)
3184 घुमरी-पटउवा (एक प्रकार के खेल) (नसध॰ 8:35.20)
3185 घुमल (नसध॰ 42:185.26)
3186 घुमाना (बैल मच्छड़ उड़ावे ला पोछी घुमावइत हलन) (नसध॰ 37:159.13)
3187 घुर जाना (ऊ तीर नियन जमात में एक फेरा घुर गेल) (नसध॰ 48:208.32)
3188 घुर-घुर के देखना (मसक॰ 60:7)
3189 घुरना (गो॰ 11:47.30; रम॰ 19:141.1)
3190 घुरना (घुर-घुर के अलगंठवा सुमितरी के माय के देख ले हल ।) (अल॰6:20.20; 19:63.24)
3191 घुरना-घारना (घुर-घार के चल आना) (अमा॰173:14:1.10)
3192 घुरमना (सावित्री के आँख तर पति के साथ जीयल जिनगी के एक-एक छन घुरमे लगल) (अमा॰10:9:2.3)
3193 घुरमुड़ियाना (लड़े ओला जाल सेवार से अझुरा जा हे आउ कभी-कभी ओकरे से घुरमुड़िया के मर जा हे) (नसध॰ 12:52.12)
3194 घुरमुस (~ छोड़ना) (नसध॰ 3:10.13)
3195 घुराना (गो॰ 5:25.4)
3196 घुराना (= लौटाना, वापस करना) (दिलदार आउर सम्मन के इसलामपुर से ही उ दूनों के घुरा देलक हल ।) (अल॰44:147.25)
3197 घुरियाना (घुरियायल) (गो॰ 4:21.2)
3198 घुरियाना (बटेसर कहलक हल -"हाँ बेटी, तूँ ठीके कहऽ हऽ । बेचारा जग्गू ठाकुर के ओहे पांड़े मार देलकइ, दवा खिलइते-खिलइते ।" साड़ी में पेवन्द लगइते सुमितरी के माय कहलक हल -"तइयो तऽ तोहर वान न छूट रहलो हे । न जानी तोहरा कउन चीज पढ़ा के खिला देलको हे उ पांड़े । जब न तब घुरिया-घुरिया के ओकरे भीर जा हऽ । ओकरा अप्पन गाड़ धोवे के अकले न हइ आउ डगडरिए करऽ हे ।") (अल॰14.42.24)
3199 घुरी-घुरी (मसक॰ 60:11)
3200 घुल-घुल के (~ मर जाना) (नसध॰ 1:1.18)
3201 घुसना (नसध॰ 16:70.5; 35:151.20)
3202 घुसर-फुसुर (नसध॰ 17:73.16-17)
3203 घुसल (~ चलना) (नसध॰ 41:181.18)
3204 घुसाना (बेमारी ~) (नसध॰ 41:181.19)
3205 घुसियाना (ओहनी दूनो परानी घरे पोरा में घुसिया के रात काट देलन) (नसध॰ 10:45.3)
3206 घुसियाना (बसन्त बौरायल हे, फुनगी पर छितरायल हे, जड़ में घुसियाएल हे, कने-कने कहूँ, नख से शिख ले सगरो समाएल हे।) (अमा॰21:9:1.3)
3207 घुसुर-पुसुर (नसध॰ 3:9.22)
3208 घुसुर-फुसुर (गो॰ 10:46.1)
3209 घुसेड़ना (नसध॰ 6:28.17)
3210 घूघा (रम॰ 3:35.20; 14:110.17)
3211 घूघा (~ तानना) (नसध॰ 5:20.18)
3212 घूमना (घूमना-फिरना) (नसध॰ 24:98.29)
3213 घूर आना (गो॰ 5:25.3)
3214 घूरना (नसध॰ 5:17.26; 38:163.16)
3215 घूरना (घूर-घूर के अगोरना) (अमा॰11:7:1.23)
3216 घूरना, घूर जाना (= लौटना, लौट जाना) (नसध॰ 38:163.16; 39:165.21, 167.8)
3217 घूरल (~ आना) (नसध॰ 39:167.26)
3218 घूल-घुलउअल (रम॰ 16:125.20)
3219 घूस्सा (मारलें न सार के दू ~) (नसध॰ 12:55.6)
3220 घेंघा (~ में काँटा उखड़ना; जंतर अपन ~ में डाललक) (नसध॰ 9:36.22; 14:62.6)
3221 घेंघा (ओकर घेंची में कागज के पुड़िया बाँध देल जा हल आउ ऊ ~ उठौले नदी के पानी में पार कर जाय) (अमा॰11:7:1.21)
3222 घेंची (कब॰ 23:17; नसध॰ 3:9.2; 35:151.20; 40:176.14, 177.22)
3223 घेंची (ओकर ~ में कागज के पुड़िया बाँध देल जा हल आउ ऊ घेंघा उठौले नदी के पानी में पार कर जाय) (अमा॰11:7:1.20)
3224 घेरना (घेरले) (नसध॰ 29:126.20)
3225 घेरा (नसध॰ 26:117.3)
3226 घेरान (जहाव परभुआ समाज के जात-पात के भेद-भाव मेटावे में हार जाहे, उहईं बटोही के कहानी के पारो ई जात के ~ तोड़ देहे) (अमा॰13:11:2.14)
3227 घेराना (= घिर जाना) (घेराल) (अमा॰16:15:2.27)
3228 घेरावा (नसध॰ 26:117.2)
3229 घैला (गाँव जेवार के गिरथाइन, बेटी-भतीजी मौसी दाई बहिन सब खाली घैला बगल में दबैले टुकुर टुकुर देख रहल हे, जिरिकनी, जिरिकना सब साड़ी खींच रहल हे) (अमा॰28:7:2.11)
3230 घोंघर (पेट में बड़गो ~ हो, ई कहिओ भरेवाला नैं हो । कोय तो ठीके ने कहलके हल - पेट बड़ी चंडाल हो, दुनिया में हर इन्सान के । सुबहे भर द तइयो फेन मांगतो सांझ के ।।) (अमा॰171:9:1.19)
3231 घोंघा (नसध॰ 13:56.1)
3232 घोंघा (ऊ ~ लेखा लिबिर-लिबिर आँख से हमरा देखलक) (अमा॰173:16:1.22)
3233 घोंघा-सितुहा (अमा॰7:19:1.7)
3234 घों-घों (ठउरे बखोर में सुअर सब घों-घों करके अनोर कर रहल हल ।) (अल॰44:145.9)
3235 घोंट, घोट (दू ~ दूध, दू ~ पानी) (नसध॰ 27:120.27; 29:127.2)
3236 घोंटवाना (छुतका मेटावे ला माथा घोंटवा लेलन हल) (अमा॰7:15:2.3)
3237 घोंटाना, घोंटा जाना (घोंटा गेल अब गला आदर्स के, आउ पूर्वज के अरमान) (अमा॰26:13:2.9)
3238 घोघर (मसक॰ 50:1, 6)
3239 घोटाना, घोटा जाना (लगल कि सबके परान घोटा जायत) (नसध॰ 9:40.28)
3240 घोड़कइयाँ (अआवि॰ 83:24, 29-30)
3241 घोड़कइयाँ (अमा॰25:23:2.7)
3242 घोड़हिया (कब॰ 1:22)
3243 घोनाँस (मसक॰ 72:2)
3244 घोपना (सूई ~) (नसध॰ 28:125.1; 39:165.7)
3245 घोरना (जिनगी में जहर ~) (अमा॰173:9:2.15)
3246 घोरना (सतु घोर के पीना; मस्ती ~) (नसध॰ 4:16.3; 26:116.1)
3247 घोरल (ई बसन्त के बयार में सराब घोरल हे) (अमा॰8:7:1.10)
3248 घोलटते-पोलटते (फूब॰ 5:20.28)
3249 घोलटना (हम चउकी पर गोलटल हलूँ) (अमा॰173:15:1.27)
3250 घोलटना-पोलटना (घोलट-पोलट के) (अमा॰173:12:1.9)
3251 घोल-मेल (भारत के धर्म संस्कृति आउ सामाजिक रचना में बिधना, बिसुन आउ महादेव के कर्तव्य आउ सरसती, लक्ष्मी आउ पारवती के शक्ति के बड़ा अजूबा आउ प्रतीक के रूप मे घोल-मेल लोकऽ हे) (अमा॰25:15:2:14)
3252 घोसना (= घोषणा) (लूल्हा, लंगड़ा आउ कोढ़िया भी ठेलागाड़ी में बइठ के निरगुन भजन सुना के दुनिया के निस्सारता के घोसना करऽ हे । मगर दू पइसा खातिर लुच्चा लफंगा में भी भगवान के रूप देखऽ हे ।) (अमा॰28:6:1.24)
3253 घोसना (तू एगो सुमितरी के नाम चिट्ठी दे दऽ । हम ओकरा दे देवइ । उ तोर नाम बराबर घोसते भी रहऽ हो ।) (अल॰6:18.8)
3254 घोसना (दुइये घड़ी दिन उठते तीन बेर भकोसऽ हे । आउ खाय आउ खाय तिले-तिले घोसऽ हे ।। सब मिल कटोरे-कटोरे बाले बच्चे घटोरऽ हे ।) (अमा॰7:7:1.11)

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