Sunday, October 18, 2009

29. धकारादि शब्द

5864 धँसोड़ना (अब पाणिनि के भी धँसोड़ के पराकृत के संस्कृत से उत्पन्न बतावे ओला कठहुज्जति लोग से कउन अनेरे माथा फोड़उअल करे ?) (अमा॰30:9:1.19)
5865 धंगच के (~ अराम से खाना) (मसक॰ 175:11)
5866 धइल (~ न थमाना) (सुमितरी के नानी के टोला-टाटी के अउरत-मरद इ परचार करे में लगल हल कि जब से छउड़ी मलटरी पास कइलकइ तब से ओकर पैर जमीन पर न रहऽ हलइ, धइल न थमा हलइ । रोज-रोज धमधमिया साबुन से नेहा हलइ । काजर-विजर आउर टिकूली साट के गुरोगन के तेल माथा में पोर के, चपोर के, जूरा बाँध के छीट के साड़ी पहिन के चमकाबऽ हलइ, झमकाबऽ हलइ ।) (अल॰32:103.18)
5867 धइल न थमाना, धइले न थमाना, धइले नञ समाना (धइले न थमाना - रम॰ 3:34.24; धइल न थमाना - रम॰ 15:118.1)
5868 धउगना (अमा॰15:1:1.15; 169:9:1.17; गो॰ 10:45.21)
5869 धउगना (चाची के खबर न होतइन, जान गेला पर तो ऊ धउगल अथुन) (नसध॰ 29:126.13, 15, 127.12)
5870 धउगल (अमा॰169:12:2.10)
5871 धउगल (~ आना, ~ चलना) (नसध॰ 41:181.21)
5872 धउड़ना (गो॰ 1:8.31; 6:27.25)
5873 धउल (चार-पाँच ~ जमा देना) (अमा॰17:8:2.18)
5874 धकियाना (अमा॰1:12:2.30; 13:8:2.16)
5875 धकेला-धकेली (अमा॰16:12:2.17)
5876 धक्कम-धक्की (गो॰ 8:36.22)
5877 धक्का-धुक्की (अमा॰18:4:1.27+)
5878 धच्चर (रम॰ 2:23.3)
5879 धच्चर (अलगंठवा के घर में माय के जीता-जिन्नगी में पीतल के वरतन में ही भोजन बनऽ हल । मुदा अब अलमुनिया के तसला में भोजन बने लगल हल। अलगंठवा अप्पन घर के अइसन धच्चर देख के कभी-कभी एकान्त में रो जा हल ।) (अल॰12.37.4; 38:122.17)
5880 धड़-धाँचा (मसक॰ 135:13)
5881 धड़फड़ाना (बढ़ावन चचा जनसेवक जी के निवास पर पहुँचलन आउ धड़फड़ा के जनसेवक हरिचनर बाबू के जोर से पुकारलन) (अमा॰30:15:1.16)
5882 धड़ाम दे (~ गिर जाना) (नसध॰ 45:201.26)
5883 धत् (~ सार, तोरा के पूछइत हउ रे ?; ~ तेरी, हम ई का कह देली हल ?) (नसध॰ 36:156.6; 39:167.21; 40:177.3)
5884 धत् (धत् बउराहा ! दोसरा से पढ़ावे के काम न हे । एतना तो हमहूँ कर लेती । कोट कचहरी में जाही तो रजिन्दर लाल ओसीकानबीस पढ़िये दे हथ ।) (अमा॰30:14:2.25)
5885 धत् (धत्, तूँ लोगन के फेरा में तऽ अभी तक येक पथिया घास तक न गढ़ पइलूँ । हम्मर भैंस येक तऽ जे सेर भर दूध दे रहल हे, उ भी लेके विसूख जात ।) (अल॰8:24.20; 13:39.18; 42:133.3)
5886 धथूरा (मंदिल में करिया कोयला अइसन महादे जी के लिंग इयानी सिउलिंग गड़ल हे । जेकरा पर धथूरा के फूल चढ़ल हल ।) (अल॰16:48.24)
5887 धधकना (तिलक दहेजवा के धधकल अगिया में, दुहिता जरऽ हे ठौरे ठौर) (अमा॰14:7:1.6; 22:18:2.1; 24:1:1.7)
5888 धधकाना (कब॰ 33:13)
5889 धन (~ हे ऊ भूतहा बसवारी जहाँ रात तो रात दिनो में हाला-हाली लोग जाय के हिम्मत न करे) (नसध॰ 8:36.8)
5890 धन (= धन्य) (गो॰ 6:32.17, 18)
5891 धन कटनी (बअछो॰ 9:40.15, 43.16; 10:50.21; 12:55.6)
5892 धन पीट के धरना (कब॰ 7:20)
5893 धनकटनी (मसक॰ 73:1)
5894 धनकटनी (~ के गीत) (अमा॰5:11:1.26; 174:12:1.19)
5895 धनखेती (अमा॰12:10:2.14)
5896 धनखेती (समय आउर परिस्थिति के मुताबिक हम अपने सबसे एलान करऽ ही कि इक्किस बोझा के जगह पर सोलह बोझा, पन्द्रह कट्ठा के जगह बारह कट्ठा धनखेती आउर बिड़ार आउर पक्की तीन सेर चाउर आउर गेहूँ मजदूरी लेवे-देवे के चाही । अभी हमरा जानिस्ते समय के पुकार आउर माँग एही हे ।) (अल॰19:62.8)
5897 धनचटुआ (जित्ते जरे के पहिले सेनुर पोंछ दे ! धनचटुआ कुत्ता के मुकुट मत पहिन !) (अमा॰24:12:1.27)
5898 धन-दौलत (दुनिया में पइसा से नफरत करे के नाटक करेवला दू तरह के आदमी होवऽ हे । एक ऊ जे धन-दौलत से भरल हे आउ दोसर ऊ जेकरा कहिनो पइसा देखे के मौका न मिलल) (अमा॰28:6:2.20)
5899 धनपत पोआर धुन्नऽ हे, आउर लछमी के नाम गोबर हे (गो॰ 1:2.16)
5900 धनमान (मसक॰ 153:25)
5901 धपना (जब तक पूरब में लाली न धप जइतइ तब तक सुमितरी ढिवरी जला के वाट जोहते रहतइ । ई सब कहल-बदल हइ ।) (अल॰42:132.1)
5902 धप्प-धप्प गोर (कब॰ 2:7)
5903 धब-धब (~ चोट लगना) (नसध॰ 40:177.23)
5904 धबर-धबर (रम॰ 12:88.4)
5905 धमकुचड़ी (अआवि॰ 80:23)
5906 धमकुचड़ी (छिनार के हजार बहाना, राते रात भर अलगंठवा के साथ धमकुचड़ी कइलक हे, ननमा-ननिया न हइ, खूटा-पगहा तोड़ के साढ़िन बन के चर-चोथ रहल हे ।; वरसात गाँव के गरीब-गुरवा से धमार करके धमकुचड़ी करऽ हे । गरीब सबके वेआवरू करके इज्जत उतारऽ हे । उठे-बैठे ला अजुरदा कर दे हे ।) (अल॰42:137.16; 44:152.16)
5907 धमकौआ तेल (चुभसे॰ 3:11.9, 10)
5908 धमधम (~ धनिया) (अमा॰3:18:2.28)
5909 धमधमाना (अगहनी धान टाल-बधार में लथरल-पथरल हल । कारीवांक, रमुनिया आउर सहजीरवा धान के गंध से सउंसे खन्धा धमधमा रहल हल ।) (अल॰7:20.26)
5910 धमधमिया (सुमितरी के नानी के टोला-टाटी के अउरत-मरद इ परचार करे में लगल हल कि जब से छउड़ी मलटरी पास कइलकइ तब से ओकर पैर जमीन पर न रहऽ हलइ, धइल न थमा हलइ । रोज-रोज धमधमिया साबुन से नेहा हलइ । काजर-विजर आउर टिकूली साट के गुरोगन के तेल माथा में पोर के, चपोर के, जूरा बाँध के छीट के साड़ी पहिन के चमकाबऽ हलइ, झमकाबऽ हलइ ।) (अल॰32:103.19)
5911 धमधमियाँ तेल (गो॰ 4:21.31)
5912 धम-सन (इ अनचके के मार से झमाइत आउर चिल्लाइत धम-सन जमीन पर गिर गेल हल ।) (अल॰27:82.26)
5913 धमसना (रम॰ 12:93.13)
5914 धमसाना (हेडमास्टर के जेल जाय से ओकर जात-भाय में उदासी रह-रह के खुसियाली के धमका रहल हल, धमसा रहल हल ।) (अल॰24:73.23)
5915 धमाकुचरी (मसक॰ 73:1)
5916 धमाचौकड़ी (अआवि॰ 71:10)
5917 धमार (~ मचाना) (रजनी के छाती पर मचयलक खूबे धमार) (अमा॰21:9:1.23)
5918 धमार (वरसात गाँव के गरीब-गुरवा से धमार करके धमकुचड़ी करऽ हे । गरीब सबके वेआवरू करके इज्जत उतारऽ हे । उठे-बैठे ला अजुरदा कर दे हे ।) (अल॰44:152.15)
5919 धयल न थम्हाना (गो॰ 4:21.30-31)
5920 धयले न धराना (आउ अपने के पाके हम धयले न धराइत ही) (अमा॰17:13:1.5; 18:11:1.4)
5921 धरक-धरक (करेजा ~ करना) (नसध॰ 5:16.27)
5922 धरछपन (मसक॰ 102:27)
5923 धरधराना (रबियो हो गेल तब धरधरा जायत) (नसध॰ 9:41.27)
5924 धरना (धैले रहऽ हल) (नसध॰ 8:35.4)
5925 धरम (नसध॰ 6:25.12)
5926 धरमधजा (= धर्मध्वजा) (अमा॰166:7:1.11)
5927 धरमसाला (= धर्मशाला) (अलगंठवा के माय आउ सुमितरी के माय फतुहा धरमसाला में ठहर के भोरे के गाड़ी पकड़े ला सोच के गौर-गट्ठा कर लेलक हल ।) (अल॰6:18.13, 17)
5928 धरातल (नसध॰ 35:150.28)
5929 धराना (नसध॰ 5:20.8)
5930 धराना (= पकड़ाना) (एक औरत अप्पन साल भर के लइका के हाथ में एगो ढेला धरा के गोदी में लेलहीं कहलक) (अमा॰22:14:1.3)
5931 धराना, धरा जाना (अमा॰4:18:1.21)
5932 धरासायी (~ हो जाना) (नसध॰ 37:160.27)
5933 धरिआना (रम॰ 14:113.4)
5934 धरे न थमाना (गो॰ 4:21.11-12)
5935 धवर-धवर (येक रोज अलगंठवा जइतीपुर बजार से दू घंटा रात विते पर अकेले लउट रहल हल कि गोरइया थान डगर पर झमेठगर इमली आम आउर तार के पेड़ तर भुनभुनाय के आउर धवर-धवर के अवाज सुनाई पड़ल ।) (अल॰27:82.9; 42:132.14)
5936 धसना (= धँसना) (हमनि उनखर एहसान से तऽ धरती में धसल जा रहली हे ।) (अल॰33:107.8)
5937 धसोरना (भीतरे धसोर देना; धसोर के गिरा देना) (नसध॰ 7:28.25; 17:73.25, 74.11; 25:106.12; 40:176.11)
5938 धाँधली (परीक्षा में ~) (अमा॰24:8:2.18)
5939 धाजा (= ध्वजा, झंडा) (फहरऽ हई धजवा हम्मर बड़ी शान से, तनल हई छतिया हम्मर एकर आन से।) (अमा॰26:1:2.1)
5940 धाध (बाढ़-धाध) (अआवि॰ 91:12)
5941 धान (नसध॰ 6:26.12)
5942 धायँ (~ से गिरना) (अमा॰16:12:1.3)
5943 धारण (~ करना) (नसध॰ 38:162.10)
5944 धार-मार (अआवि॰ 17:12)
5945 धारमिक (= धार्मिक) (अमा॰28:6:2.1)
5946 धारी (बअछो॰ 10:46.5)
5947 धावा (~ बोलना) (नसध॰ 37:156.25)
5948 धिकना (= गरम होना) (ओकिल भीतरे-भीतर धिकइत हलन, एक-ब-एक खदबदएलन - 'ऐं जी ! सब्भे में दोष-पाप हमरे ?') (अमा॰169:19:2.20)
5949 धिकना (= धिपना; गरम होना) (आवऽ, अब झामा से तलवार पजाबऽ, दुसमन तोहर गाँव में, पहले ओकरा पार लगाबऽ । पाछ-पाछ के खूनगर देह पर नमक रगड़ के धिकल गज से ओकरा बेड़ा पार लगाबऽ ॥) (अल॰21:68.22)
5950 धिपाना (कब॰ 16:15)
5951 धियान (जखनी जगह जमीन पर धियान देवे के हल, तखनी देवे नञ कयलन । आउ अब का ? धियानो का देतन हल, अब तो ऊ घर में कई गोतिया के हिस्सा हल । .... मगर बुढ़ापा में सब छूटल चीज पर उनखर धियान जाहे ।) (अमा॰13:10:1.4, 5, 9)
5952 धिया-पुता (अमा॰173:16:1.16)
5953 धिया-पुता (अपने लोग अब निचिंत होके अप्पन धिया-पुता के मोह-ममता तेआग के वैर-भाव के भूल के पढ़े खातिर इस्कूल में भेजथिन ।) (अल॰23:73.4)
5954 धिराना, धिरा देना (सास तो सास, इनकर बाउजियो धिरा देलथिन हल कि अबकियो अगर बेटी होतउ त ओनहीं रह जइहें) (अमा॰24:17:1.7)
5955 धीकना (रम॰ 13:105.8)
5956 धीचोदा (फिन अलगंठवा वसन्तपुर हाई इस्कुल के हेडमास्टर के बारे में कहीं ला चाह रह हल कि दिलदार राम कहलक हल कि तूँ उ धीचोदा के वारे में कुछ न कहऽ, खाली हुकुम करऽ ।) (अल॰21:67.19)
5957 धीपल (नसध॰ 1:5.11)
5958 धी-पुतोह (गो॰ 1:2.1)
5959 धुआँ ढेकार (कल से गांजा न पीलूँ हे जेकरा से धुआँ ढेकार आ रहल हे । पेटवे गुमसल हे । येक दम लेवे से सब ठीक हो जायत ।) (अल॰8:25.14)
5960 धुआँ-धुकुर (केतना ~ हे इहाँ, चेहरा साफ न देखऽ ही) (अमा॰19:17:2.7)
5961 धुआँना (धुआँइत आग) (नसध॰ 27:118.20)
5962 धुआँ-पानी (मसक॰ 100:4)
5963 धुकचुक (खा-पी के, देख-सुन के जे गेलन, त महीनो चुप्पी लगा गेलन । उधर लड़की वाला के धुकचुक होइत हे । बहुत पूछे-पाछे पर एगो चिट्ठी दे देतन चाहे टर्र से रुठायल नियर बोल देतन, 'अभी हमनी आउ लड़की देखम', चाहे, 'हमरा लड़की पसन्द न हे ।') (अमा॰27:16:1.2)
5964 धुकधुक्की (धुकधुक्की समा गेल हुनखर मन में । ओजा से हड़बड़ाल पहुँचलन हेडसर के औफिस में आउ हाथ जोड़ के पूछलन - 'हमरा ला कउन आदेश हे सिरीमान ?') (अमा॰29:10:2.1)
5965 धुकना (जदि सरकार मधुमक्खी इया विरनी के खोंथा न उजाड़त तऽ हमनी आग लगा के धुँआ से धुक-धुक के मार देवइ ।) (अल॰25:76.23)
5966 धुधकारना (तिलक-दहेज आउ टी॰भी॰ लागी सइयाँ रोज धुधकारइ भइया, ससुरा हमें जरावइ) (अमा॰5:10:1.16)
5967 धुनना (मेहरारु आउ जादे कपार धुने लगल) (नसध॰ 9:40.4)
5968 धुन-पिस (नसध॰ 26:115.2)
5969 धुनिया (घर वके भतार पूछे कउन-कउन जात हे । चार गो तो जोलहा-धुनिया, चार गो चमार हे ।) (अमा॰1:12:1.32)
5970 धुमइल (गो॰ 1:1.20)
5971 धुमछकड़ी (देखऽ ह न भुनेसर जी के ? पगार ले हथ मास्टरी के आउ नेता बन के घूमल चलऽ हथ । इसकूल तो जइसे हुनखर बइठका हे । लड़कन के पढ़ाई जाय भाड़ में । हुनखर कउची बिगड़ेवाला हय ? अइसन में मास्टर लोग के अब धुमछकड़ी छोड़वा देत सरकार ।) (अमा॰29:11:1.5)
5972 धुर-जानवर (~ के देखभाल करना) (अमा॰163:15:1.17, 19)
5973 धुर-जानवर (अलगंठवा के बात सुन के सुखदेव घर दने चल गेल हल आउ ई चारो गोटा भी चउरी पर पर-पैखाना करे ला दखिन रूखे गलवात करइत चल गेलन हल । ओने नकफेनी के झाड़ी में तीतीर आउर आम के पेड़ पर कोयल बोले लगल हल । गाँव के धुर-जानवर भी खंदा में घर देने लौट रहल हल । सूरज भी डूबे ला झलमला रहल हल ।) (अल॰29:90.26)
5974 धुरताई (फूब॰ 1:3.20)
5975 धुरपट (~ छोड़ाना) (नसध॰ 11:50.25)
5976 धुरफंदी (फूब॰ 1:3.7)
5977 धुर्रा उड़ जाना (गो॰ 8:36.24)
5978 धूप (धुप्पे में) (गो॰ 6:30.4)
5979 धूर (गो॰ 5:26.17, 18)
5980 धूर (जेकरा एक्को धूर जमीन न हे उनको पचीस हजार चाहीं) (अमा॰24:6:1.4)
5981 धूर-गनउरा (नसध॰ 8:32.2)
5982 धूर-गनौरा (कब॰ 27:24)
5983 धूर-जानवर (गो॰ 1:7.20)
5984 धूर-जानवर (= धुर-जानवर) (गाँव के धूर-जानवर भी खंधा से चर-चुर के घर दने लउट रहल हल ।) (अल॰33:107.11)
5985 धूरा (जाड़ा में ~ भी तापे ला जलावल जा हे) (अमा॰168:8:1.14)
5986 धूरी (अमा॰6:10:2.18; 166:6:1.22; नसध॰ 3:9.4; 8:31.26)
5987 धूरी-गनउरा (अमा॰169:6:1.9)
5988 धूरी-गरदा (अमा॰169:7:1.16)
5989 धेआन (= ध्यान) (अमा॰20:6:1.24, 15:1.17)
5990 धेयान (अमा॰18:10:1.23; 165:19:1.7; बअछो॰ 2:16.27; 13:19.8; नसध॰ 5:17.27; 46:203.7)
5991 धैल (= धइल, धरल, रक्खल) (अमा॰165:9:2.26)
5992 धैल (लोटा में ~ पानी) (नसध॰ 9:40.32)
5993 धैले (बरमा जी माथा पऽ हाथ ~ पलगड़ी पऽ लोघड़ गेलन) (नसध॰ 12:55.30; 40:179.8)
5994 धोआयल (पानी में ~ चाननी छत पर पसर गेल) (नसध॰ 35:149.29)
5995 धोकड़ी (अमा॰167:17:1.14; 173:17:2.14; कब॰ 29:6; मसक॰ 90:10; रम॰ 3:26.16; 10:76.14; 15:116.4; 17:132.2; नसध॰ 8:33.12; 15:68.6; 25:107.20; 29:126.30)
5996 धोकड़ी (नन्हकू ओही ठाँम बइठ के येगो अप्पन धोकड़ी से लसोढ़ा के दतमन निकाल के मुंह धोवे लगल हल ।) (अल॰3:6.15; 6:15.15; 6:18.18; 8:24.28)
5997 धोकरी (= धोकड़ी) (नसध॰ 14:61.25)
5998 धोखा (नसध॰ 28:124.32)
5999 धोखेबाज (नसध॰ 13:56.12)
6000 धोती (अमा॰13:10:1.12, 15, 16)
6001 धोती-लुग्गा (नसध॰ 23:93.22)
6002 धोधा (~ फेंकना) (रोवइत-रोवइत बुढ़िया सूखल जा रहल हे । जमनकी के धोधा फेंकले जा रहल हे ।।) (अमा॰17:19:2.23)
6003 धोधा (अपने धोधा मुरुख रह के, बुतरुन के बनइलऽ बंगटा, की पर घमंड कइले ह अब तक, बुतरुन भी पछतइतो ।) (अमा॰23:20:1.12)
6004 धोबनी (~ चिरई) (नसध॰ 9:36.21)
6005 धोबिया पटा चलाना (कब॰ 23:12)
6006 धोबी (बअछो॰ 2:14.2)
6007 धोवाई (पैर-धोवाई) (अआवि॰ 63:7)
6008 धौल, धौला (= धवल) (नसध॰ 26:115.24)

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