Sunday, October 18, 2009

24. डकारादि शब्द

4851 डँहजर (गो॰ 3:20.4)
4852 डंका (~ पिटा जाना) (सउँसे गाँव में डंका पिटा गेल आउ कहइत हें कि मालूम न हे) (अमा॰18:11:2.15)
4853 डंट (= डाँट) (अबर अंट-संट कैलक तो पुलिस के ~ परतई) (नसध॰ 43:191.11)
4854 डंटा (अआवि॰ 35:22; बअछो॰ 10:47.15; 12:55.7)
4855 डंटा (हमर जमीदारी हल तो अइसन लोग के मोगली ~ देके भूम्हरी में सुता के चुतर पर पैना से सोटवा दे हली) (नसध॰ 34:145.25)
4856 डंठा (माटी के चूल्हा में मकई के ~ झोंकइत खदेरन बहु के आँख लोरायल हल) (नसध॰ 29:129.1)
4857 डंड-परनाम (लड़इत रहला पर भी मिल गेला पर ~ होवऽ हल, हाल-चाल लोग पूछऽ हल) (नसध॰ 30:134.4)
4858 डंड-बइठकी (अमा॰169:11:2.2)
4859 डंडी (~ मारना) (अआवि॰ 30:25, 26; 32:8, 18)
4860 डंडीदार (अआवि॰ 30:2)
4861 डउँघी (दिन में ~ पर लटकल चनबुदरी उड़े लगलन हल) (नसध॰ 26:118.13; 40:178.23; 44:195.26)
4862 डउँघी (पेड़ के उँच ~ से न कूदे) (अमा॰1:9:2.8; 169:20:1.5)
4863 डउंघी (मसक॰ 115:8)
4864 डउरा, डउंर (~ लगना) (भुखल छौड़ा पटौर पड़ल हे, सेआन बेटी के डउंर लगल हे ।) (अल॰38:123.8)
4865 डकदरनी (गो॰ 1:2.6)
4866 डकमुंशी (अमा॰12:13:1.3, 18)
4867 डगडरी (मसक॰ 21:7)
4868 डगडरी (महेश डिस्पेंसरी आउ अस्पताल एक कयले रहऽ हे । ~ पेसे अइसन हे ।) (अमा॰13:7:2.21)
4869 डगदर (नसध॰ 23:94.8)
4870 डगदर-बइद (नसध॰ 30:133.30)
4871 डगदरी (नसध॰ 29:129.23; 45:199.31)
4872 डगमगाना, डगमगा जाना (नसध॰ 28:123.16)
4873 डगर (एकर बाद नाना-नतनी खुदागंज के डगर पर सोझिआ गेल हल ।) (अल॰3:8.4; 4:11.16)
4874 डगरा (बअछो॰ 5:26.12)
4875 डगरिन (गो॰ 5:26.32; रम॰ 8:68.21)
4876 डड़िआना (दूसर अदमी बोल उठल - बाबा के बात,  इ पूरवा नछतर थोड़े हे । हथिया चढ़लइ हे । अभी दू दिन तऽ चढ़ला होवे कइले हे । दोसर बूढ़ा कहलक - 'हथिया बरखे चित मड़राय । घर बइठल किसान डड़िआय ॥) (अल॰32:104.5)
4877 डबडबाना (डबडबाएल आँख) (अमा॰2:12:1.27)
4878 डब्बू (कभी कलछुल, त कभी डब्बू से ओकर माय मारे भी दउड़ जा हल) (अमा॰17:8:1.25)
4879 डब्बू-छोलनी (हुनखर धिया-पुता के चेहरवो-मोहरवो डब्बूए-छोलनिए जइसन बनल हल) (अमा॰173:16:1.16)
4880 डभकाना (खिचड़ी ~) (अमा॰173:16:2.16)
4881 डमकल (अलगंठवा अप्पन खाँड़ के एगो टील्हा पर बइठ के देखइत हल कि रूखी डमकल-डमकल आउर कचगर-कचगर अमरूद के कइसे कुतर-कुतर के, फुदक-फुदक के खा रहल हे ।) (अल॰13.38.20)
4882 डरपोक (नसध॰ 40:176.1)
4883 डर-भय (कोय कहे कि रात-रात भर बगीचवा में डोलपत्ता खेलऽ हइ । ओकरा तनिको भूत-मूंगा से डर-भय न लगऽ हइ ।) (अल॰2:5.4; 4:12.9)
4884 डराना (= डरना) (ढेर अफसर इनका से डरैबो करऽ हथ) (अमा॰19:13:2.16)
4885 डरे (= डर से) (येही ~, बाप के ~ ) (नसध॰ 6:24.26; 8:34.7)
4886 डरेबर (= ड्राइवर) (मसक॰ 81:18)
4887 डरेस (= ड्रेस) (मसक॰ 176:6)
4888 डलिया (जल्दी-जल्दी सब समान एगो डलिया में इकट्ठा करके चल पड़ली) (अमा॰24:16:1.14)
4889 डहकना (सोना तब जादे टहकऽ हे, जब अगिन ताप में डहकऽ हे) (अमा॰14:12:2.27, 13:1.3)
4890 डहरा (अपने सब ही भाग्य-विधाता ही सरकार बनावे आउर ओकरा मिटावे के तरह के सरकार के कच्चा डहरा हो जा हे । सतमासु बुतरू अधिकतर विसतउरिए में मुआ जा हे । ओहि हाल बनेवाली इ नयकी सरकार के भी होयत ।) (अल॰44:154.21)
4891 डहुँड़ी (= डाली) (इ सब करे के बाद नीम के डहुँड़ी से घूम-घूम के झरताहर झारे लगऽ हथन ।) (अल॰18:56.7, 58.9)
4892 डहुगी (= डेहुड़ी) (पड़ोसी वला मरियल पेड़ फूल के ~ हे - कहीं ओकर डहुगियो न जनाइ) (अमा॰8:5:1.23)
4893 डहुरी (अमा॰166:11:1.29)
4894 डाँक (गो॰ 1:7.5)
4895 डाँक-दउरा (रम॰ 6:55.2; 16:126.9)
4896 डाँट (~ सुनना; ~ खाना) (नसध॰ 28:123.8; 32:141.7)
4897 डाँठ (खर चुने के विधि में दुलहा के सास दुआरी से मड़वा तक गेहूँ के डाँठ छींट दे हे जेकरा दुलहा के चुने पड़ऽ हे) (अमा॰1:12:2.2)
4898 डाँड़ा (मसक॰ 72:22; 157:11)
4899 डाँढ़ (अमा॰166:13:1.21)
4900 डाँढ़ (= डाल) (सुमितरी, देखऽ तऽ, रुखी सब कइसन इ डाँढ़ से उ डाँढ़ उछल-कूद करइत कुलेल करइत हे ।) (अल॰13.39.8)
4901 डाँढ़ (बेचारी के नस-नस तो केतारी के ~ जइसन पेरा गेलइ हल, खाली खोइये तो बचलइ हे) (अमा॰2:10:1.9; 173:16:1.8)
4902 डाँढ़-पात (हवा चउबाहा बहे गछिया-बिरिछिया रामा, हरि-हरि डाँढ़े-पाते झुकऽ है हहाहै रे हरी ।) (अमा॰169:18:1.33)
4903 डाँहट (= डाँट) (सुमितरी के नानी डाँहट पारइत पुकार उठल हल - "सु उ उ उ मि इ इ इ त ऽ ऽ ऽ री इ इ इ गे ऽ ऽ ।") (अल॰13.41.9)
4904 डाइन (नसध॰ 9:36.29)
4905 डाइन-कवाइन (नसध॰ 26:114.25, 27)
4906 डाक (= एक देवता, जिनके बारे में मान्यता है कि वे गाँव-घर की निगरानी करते हैं) (फूल ~, ईशरा ~, लहरा ~) (शक्ति ला देवी जी, बुद्धि ला सरस्वती जी, गाँव-घर के निगरानी ला गोरइया डिहवार, डाक, फूल डाक, ईशरा डाक, लहरा डाक, त घर के परिवार के रच्छा ला टिपउर, मनुस्देवा, बाबा बकतउर आउ बराहदेव हथ ।) (अमा॰22:13:1.8)
4907 डाकडर (= डागडर) (अमा॰5:19:1.20)
4908 डाकदर (गो॰ 1:2.4, 13, 18; 2:12.21)
4909 डाखाना (= डाकखाना) (हमनी के दादा 1942 ई॰ के देस के आजादी ला गान्ही बाबा के पुकार पर जेल गेलन हल । इसलामपुर के रेलवे लाइन उखाड़े में आउ डाखाना जलावे में ।) (अल॰33:105.6)
4910 डागडर (कब॰ 17:8; मसक॰ 7:17; 21:19; 22:2, 20, 25, 30)
4911 डागडर (डागडर के बुलावे के पहिले ही दम टूट गेलइ । लास फतुहा आयल हो । माय के मुँह में आग तोहरे देवे पड़तो । काहे कि छोट बेटा ही आग दे हे ।) (अल॰11.33.19)
4912 डागडर (हम तोरा बड़का डागडर से इलाज करयबो) (अमा॰1:10:1.8; 13:7:1.22; 166:9:2.30)
4913 डागडर, डागदर (चुभसे॰ 3:10.15)
4914 डागडरी (बेटा पढ़े में गुनगर हथन । एही से उनकर माय-बापू उनका डागडर बनावे ला चाहलन । भगवान के मर्जी से उनकर नामो डागडरी में लिखा गेल ।) (अमा॰27:15:1.4)
4915 डागदर (नसध॰ 28:124.1)
4916 डागदर-फागदर (नसध॰ 28:124.7)
4917 डाढ़ी (= दाढ़ी) (नसध॰ 25:104.18)
4918 डाढ़ी-मोछ (नसध॰ 25:104.21)
4919 डाबर (गो॰ 3:18.28)
4920 डाभ (अमा॰163:9:1.1)
4921 डायन-कमाइन (गनौर पासवान भीड़ के देखइत विगड़इत हट जाइ ला कह रहलन हे । खास कर के अउरत सबके । काहे कि डायन-कमाइन के अइसने बेला में वान चलावे के दाव लगऽ हे ।) (अल॰18:56.12)
4922 डालडा (अमा॰19:15:2.6)
4923 डाहट (रम॰ 12:93.16)
4924 डिंडा (= डिंडार) (सावा हाथ धरतिया कुंआरी, जेकरा पर ढाइ अच्छर डिंडा पारूँ ।) (अल॰18:55.9)
4925 डिंडार (जमुना राम पुरब रूखे मुँह कर के हाथ में एगो झिटकी लेके जमीन पर डिंडार पार के ओकरे पर हाथ चला के मन्तर पढ़े लगल) (अल॰18:55.6; 33:106.16)
4926 डिंड़िआना, डिड़िआना (इनखा जलदी चल जाय के चाही, काहे कि उ बेचारी अकेले घर में डिंड़िआ रहले होत ।) (अल॰42:131.27)
4927 डिंड़ी (गो॰ 1:11.12)
4928 डिंड़ी, डिंढ़ी, डींड़ी (रम॰ 18:133.8, 136.7)
4929 डिइस्वी (रम॰ 17:132.13)
4930 डिटोल (= डिटॉल) (नसध॰ 29:126.18)
4931 डिढ़िआना (रम॰ 8:67.3)
4932 डिमडाम बाँधना (गो॰ 7:35.21-22)
4933 डिल्ली (= दिल्ली) (हाँ बउआ, टोला-टाटी के चिट्ठी सुमितरी ही लिखऽ हइ । ओकर लिखल चिट्ठी डिल्ली-पटना-कलकत्ता तक चल जा हइ ।) (अल॰10.32.2; 15:45.19)
4934 डीड़ार (रम॰ 3:31.20)
4935 डीढ़ (~ गड़ना) (दूध पर एकर ~ गड़ जाएत तब हम्मर राजा बाबू बेमार पड़ जाएत) (अमा॰163:15:2.26)
4936 डीह (फकिरचन के पुरनका कच्चा मकान आउ डीह खेत वीरचन के जिम्मे रहल) (अमा॰5:15:2.20; 169:12:1.7)
4937 डुक्का-डुक्की (मसक॰ 97:6)
4938 डुबाना (डुबा के) (नसध॰ 37:159.12)
4939 डूबकी (~ मारना) (नसध॰ 9:36.16)
4940 डेंगा (~ देखाना) (नसध॰ 5:19.29)
4941 डेंगी (इतने में दखिन से नदी के किनछारे-किनछारे एगो डेंगी खेवइत दू-ती अदमी के आवइत देखके सुमितरी कहलक हल -"अरे बाप, लगऽ हइ कोई परेत हमनी के पकड़े ला आ रहले ह ।") (अल॰31:97.2, 5, 13)
4942 डेओढ़िया-सवइया (अमा॰174:12:1.8)
4943 डेकची (अमा॰172:6:2.3)
4944 डेग (तीन डेग अलग रहना) (रम॰ 14:112.16)
4945 डेग (दू-चार ~ चल के) (नसध॰ 5:20.9)
4946 डेढ़नच (अरे सार कह न । ~ का लगौले हें ?) (नसध॰ 26:114.12)
4947 डेढुकी (ओकर गोहा नहर के ऊपरे धूरी में छछनइत मछरी पकड़ के ओकर गाल चिर देवे तो मछरी के मुँह फाट जाय आउ ओकरा में लम्बा ~ के घास समा देवे) (नसध॰ 30:132.21)
4948 डेरा (नसध॰ 29:130.12; 35:152.15; 39:165.16)
4949 डेरा (ऊ दुन्नो के तबियत में जब सुधार होएल तब कलुटनी आउ दोआरिक अप्पन डेरा पर लेके चल अयलन) (अमा॰20:18:1.1)
4950 डेराना (= डरना) (अबहियो ऊ बड़ा डेरा हलन) (नसध॰ 6:24.23)
4951 डेराना (= डरना) (संयोग से शेरवा भी धोबिया के घर के पीछे गदहवन के बीच बइठल हल आउ धोबिनिया के मुँह से 'टिप-टिपा' शब्द सुन के समझलक कि हमरा से बढ़ के भी कोई टिप-टिपा हई, जेकरा से धोबिनिया भी डेरा रहल हे । शेरवा के दिल भी टिप-टिपा के नाम से दहल गेल हल ।; शेरवा तो डेरायल हइए हल ।) (अमा॰23:8:1.18, 29)
4952 डेराना (= डराना) (धुआँ डेरावऽ हे) (अमा॰23:11:1.19)
4953 डेवड़ी (= ड्योढ़ी) (नसध॰ 12:52.1)
4954 डेहन्डल, जेहन्डल (कब॰ 58:1)
4955 डोम (हरिजन माने भुइयाँ-चमार, डोम-दुसाध होवऽ हे, समझले ? माने कि नीच जात ।) (अमा॰ 165:7:2.2)
4956 डोमकच (एक प्रकार का लोकगीत जिसे नाट्य एवं नृत्य करते हुए वर्षा ऋतु में स्त्रियों के दो दलों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है; एक मगही नाट्य गीत) (गीत गेल, संगीत गेल, पनिहारिन, बखोआइन गेल,  पूरबी, बिरहा, डोमकच गेल, लोरिकायन, पमरिया गेल) (अमा॰14:12:1.10)
4957 डोम-दुसाध (हरिजन माने भुइयाँ-चमार, डोम-दुसाध होवऽ हे, समझले ? माने कि नीच जात ।) (अमा॰ 165:7:2.2)
4958 डोमनी (नसध॰ 11:50.6)
4959 डोरा (~ में लहसुन गाँथ के घेंघा में पेन्हा दिहीं; सुगिया पर ~ डाल आउ रखनी रख ले) (नसध॰ 9:37.2; 40:175.18)
4960 डोरिअवले (एहनी दूनो के काहाँ ~ ले जाइत हहूँ ?) (नसध॰ 43:190.23)
4961 डोरिआना (अरे बाप रे बाप, रामदहिन पाड़े के सँढ़वा मार के पथार कर देलकइ । कादो ओकर गइया मखे ला उठलइ हल । ओकरे पगहा में बाँध के सढ़वा दने अप्पन गइया के डोरिअइते जा रहलथिन हल कि गाँव के कोय बुतरु सढ़वा के देखइत ललकारइत कह देलकइ - उन्नऽऽऽढाऽऽहेऽऽ । बास इतने में सढ़वा गइया दने आउ गइया सढ़वा दने बमकइत दौड़लइ । जेकरा से रामदहिन पाड़े के दहिना हथवा पगहवा में लटपटा गेलइ । जेकरा से पखुरबे उखड़ गेलइ । उका खटिया पर लदा के इसलामपुर हौसपिटल जा रहलथिन हे ।) (अल॰7:22.18)
4962 डोरिआयल (~ चलना) (नसध॰ 42:187.24; 45:198.18; 46:204.21)
4963 डोरियाना (डोरियायल जाना) (गो॰ 7:35.28)
4964 डोल (~ डूबे के गुड़गुड़ाहट) (नसध॰ 8:36.13; 29:126.3)
4965 डोलना, डोल जाना (नसध॰ 36:153.6)
4966 डोलपत्ता (कबड्डी-चिक्का-लाठी, डोलपत्ता, आउर कत्ती खेले में, पेड़-बगान चढ़े में, गाँव में नदी-नाहर से गबड़ा में मछली मारे में आउर अप्पन जोड़ापारी के संघतिअन में तेज तरार हल अलगंठवा ।) (अल॰1:1.23; 2:5.3)
4967 डोलाना (अमा॰12:18:2.2)
4968 डोली (बोली ~ पर चलना) (सूबेदार सिंह के बोली तो डोली पर चलऽ हल । एक दम से लीप के बोलऽ हलन । गाँव के कोई अदमी के लगावऽ भी न हलन । बाकि आझे उनका बुझाइत हे ।) (अमा॰18:12:1.15)
4969 डौंघी (डौंघी पर झूला रचयले मस्तमौला पोरे-पोर) (अमा॰23:19:1.7)

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