Sunday, October 18, 2009

26. तकारादि शब्द

5060 त (मसक॰ 14:25; 15:10; 19:19, 20, 22)
5061 त (= तो, तब) (कब॰ 1:2)
5062 त (=तो, तब) (बअछो॰ आमुख:5.19; 9:44.5)
5063 तऽ, त (नसध॰ 1:1.27)
5064 तँवसल (= तउँसल, तरासल) (भूख के गाँव सगरो बसल हे, देहे-देहे पियासल नदी हे । ऊ हकासल, तरासल, पियासल आउ तँवसल सदी-दर-सदी हे) (अमा॰14:1:1.4)
5065 तंग-उँग (नसध॰ 3:13.2)
5066 तअजुज (फूब॰ 5:19.21)
5067 तइयाना (दुन्नो पक्ष एक-दूसरा के माने ला तइयाय न हथ) (अमा॰4:4:1.9)
5068 तइयार (नसध॰ 27:119.15, 16)
5069 तइयो (अमा॰1:17:1.23; 164:3:1.32; 165:6:1.17; 166:3:1.16, 5:1.33, 6:1.25; 169:10:2.16; 173:7:1.13; अआवि॰ 41:3; बअछो॰ आमुख:5.23, 6.25; 5:26.20; 7:32.7, 33.5; 10:46.19; 14:62.7; 15:68.8; 18:77.17; चुभसे॰ 1:4.10; 4:14.10; गो॰ 3:17.4; 9:40.15; कब॰ 27:6; 62:5; मकस॰ 55:16; मसक॰ 9:14; 16:6; 18:11; 25:6, 12; 27:11; 28:3; 36:22; 51:20; 56:20; 82:6; 83:5; 91:3; 99:12; 115:16; 149:19, 23; 150:3; 166:4; 168:6, 9; 171:14; 173:11; नसध॰ 1:2.2; 4:14.8; 5:16.27, 18.14; 6:24.20, 25, 25.11; 7:30.18, 23;  9:36.26; 10:43.31; 17:74.15; 19:76.3; 20:81.4, 28; 22:88.15; 25:107.1, 25; 32:139.28; 33:141.25, 30; 36:156.2; 39:173.26; 42:185.6, 187.22)
5070 तइयो (बटेसर कहलक हल -"हाँ बेटी, तूँ ठीके कहऽ हऽ । बेचारा जग्गू ठाकुर के ओहे पांड़े मार देलकइ, दवा खिलइते-खिलइते ।" साड़ी में पेवन्द लगइते सुमितरी के माय कहलक हल -"तइयो तऽ तोहर वान न छूट रहलो हे । न जानी तोहरा कउन चीज पढ़ा के खिला देलको हे उ पांड़े । जब न तब घुरिया-घुरिया के ओकरे भीर जा हऽ । ओकरा अप्पन गाड़ धोवे के अकले न हइ आउ डगडरिए करऽ हे ।") (अल॰14.42.24)
5071 तइसहीं (गो॰ 6:32.2)
5072 तइसहीं (जइसहीं …  तइसहीं ) (जइसहीं उनकर बेटी जवान हो चलल तइसहीं उनकर बेटा के टीबी पकड़ लेलक) (अमा॰23:17:1.19)
5073 तउन (जउन ... तउन) (अमा॰2:4:1.8)
5074 तकरार (लगऽ हे कि इनसाल किसान-मजूर में कहीं ~ न हो जाय) (नसध॰ 35:152.4)
5075 तकलीफ (अमा॰1:8:2.12)
5076 तका (= त का) (~ हमरे किसमत में फेरी-लदनी लिखल हे) (नसध॰ 30:131.5; 39:166.1, 15, 167.19; 40:175.1; 49:210.20)
5077 तकारी (रम॰ 13:107.23)
5078 तक्कड़ (हम तऽ परदा उघार हो गेलियो । बाकि एक ~ भीड़ के भी देख लेइत हियो) (नसध॰ 13:57.17)
5079 तखनिये (अमा॰173:1:1.6)
5080 तखनियें (मसक॰ 75:5, 14)
5081 तखनी (गो॰ 2:11.20; 5:25.24; मसक॰ 22:9, 25)
5082 तखनी (= तब, उस क्षण) (जखनी रमाइन रेघा के पढ़ऽ हइ तखनी सुनताहर के हम्मर घर में भीड़ हो जा हइ ।) (अल॰10.32.3)
5083 तखने (फूब॰ मुखबंध:2.26)
5084 तखनें (मसक॰ 71:1, 2, 10)
5085 तखनें ... जखनें (मसक॰ 71:1)
5086 तखनै (मसक॰ 38:21)
5087 तखसल (कब॰ 15:4)
5088 तगड़ा (मुकाबला तगड़ा हो गेल) (अमा॰4:18:1.15)
5089 तजबीज (~ करना) (अमा॰165:11:1.16)
5090 तडंग (~ बाँधना) (पहले साथी-संघाती से करजा ले के काम चलौलन । एक दिन अप्पन माय के एक ठो गहनो बेच देलन । बाकि जब पइसा के कमी भेल तो फिन तड़ंग बाँधलन।) (मकस॰ 24:23)
5091 तड़कुला (= तड़कुलारिष्ट, ताड़ी) (खाली कभी-कभी जादे कड़ा धूपवा रहऽ हई, त तेज गर्मिया में थकइनी मेटावे ला तड़कुलारिष्ट से भेंट कर लेही । लोग एकरा देहाती भाषा में ताड़ी कहऽ हथ, बाकि हे ई बहुत मजेदार चीज । अगर स्वर्ग के अमृत सुरा हे त धरती के अमृत तड़कुला हे ।) (अमा॰23:14:1.21)
5092 तड़कुलारिष्ट (= ताड़ी) (खाली कभी-कभी जादे कड़ा धूपवा रहऽ हई, त तेज गर्मिया में थकइनी मेटावे ला तड़कुलारिष्ट से भेंट कर लेही । लोग एकरा देहाती भाषा में ताड़ी कहऽ हथ, बाकि हे ई बहुत मजेदार चीज । अगर स्वर्ग के अमृत सुरा हे त धरती के अमृत तड़कुला हे ।) (अमा॰23:14:1.18)
5093 तड़के (दूसरा दिन ~ ) (नसध॰ 26:115.16)
5094 तड़तड़ाना (किसान पसेना से तड़तड़ाएल हल) (अमा॰20:18:1.29, 2.13)
5095 तड़तड़ाना (तड़तड़ाइत पसेना) (नसध॰ 39:164.1)
5096 तड़पिआक, तड़पिआँक (तड़पिआक - रम॰ 4:38.5; तड़पिआँक - रम॰ 4:38.8, 39.17, 20)
5097 तड़ातड़ (सुगिया का जवाब देत हल, चुप्पी साधले रहल । चन्दर आव देखलक न ताव, तड़ातड़ दू थप्पड़ सुगिया के गाल पर जड़ देलक ।; ओफ्फोह ! एतना गरमी ! बाप रे बाप ! तड़ातड़ पसेना छूट रहल हे ।) (अमा॰29:14:1.20; 165:7:1.16)
5098 तनखा (मसक॰ 59:5)
5099 तनखाह (नसध॰ 29:128.10)
5100 तनखाह (हमनि गाँव-जेवार से चन्दा बिहरी करके महीनवारी देवइ । जब सरकार इ इस्कूल के सरकारीकरन कर लेतय तऽ सरकारी तनखाह मिलतइ आउर इ दूनों सरकारी सिच्छक हो जइतन ।) (अल॰37:118.20)
5101 तनदेही (लूक लगल लइकन के तनी ~ से देखे के चहीं) (नसध॰ 34:146.22)
5102 तनना, तन जाना (औरत-बानी में तनि बतकुच्चन हो गेलई त ओकर मानी त न हे कि हमनी के भी तन जाय के चाही) (मकस॰ 16:17)
5103 तन-मन (~ से) (नसध॰ 38:163.22)
5104 तनल (फहरऽ हई धजवा हम्मर बड़ी शान से, तनल हई छतिया हम्मर एकर आन से।) (अमा॰26:1:2.2)
5105 तनाजा (= किसी वस्तु के दूसरे द्वारा उपयोग किए जाने पर की गई आपत्ति; बैर, शत्रुता) (हलूमान जी के नाम पर जे खेती-वारी हे ओकरा पर तनाजा पर तनाजा हे । जे पाबऽ हे, ओही खेत के जजात लूट-खसोट के अप्पन घर ले जाहे ।) (अल॰43:140.14)
5106 तनि (बअछो॰ आमुख:4.7; 2:16.21; 3:19.15; गो॰ 1:3.33; मसक॰ 7:2; 10:2; 13:6)
5107 तनि ("छोटू बाबू ! छोटू बाबू ! तनि केवाड़ी तो खोलूँ", रधिया पुकारे लगल) (अमा॰3:11:1.11)
5108 तनिको (अमा॰2:17:1.20)
5109 तनिक्को (अमा॰3:14:1.11; 165:10:1.22; बअछो॰ 2:16.15; गो॰ 8:36.25; मसक॰ 95:8; 106:4; 130:10; 143:26)
5110 तनि-तनि (अमा॰18:13:1.8)
5111 तनि-मनि (बुझा हे कि ~ निसा में ही) (अमा॰4:11:2.22; 6:11:2.8; 21:14:1.12)
5112 तनिमनी (= तनि-मनि) (अमा॰28:5:2.9)
5113 तनिसुन (मसक॰ 91:5; 93:22)
5114 तनी (बअछो॰ 5:24.5)
5115 तनी (~ देरी) (नसध॰ 1:1.5)
5116 तनी (= जरा, थोड़ा) (नाना, तनी छहुरवा में सुस्ता ल, बड़ी गरमी लग रहल हे आउ गोड़ भी जर रहल हे ।) (अल॰3:7.18)
5117 तनीमनी (मसक॰ 80:13)
5118 तनी-मानी (नसध॰ 3:12.20; 8:36.12; 40:174.13)
5119 तनीमानी, तनीमनी (बअछो॰ 1:10.2)
5120 तनीय देर में (= थोड़ी ही देर में) (नसध॰ 15:67.18)
5121 तनुआँ भनुआँ के (गो॰ 4:20.21-22)
5122 तने (जने ... तने) (जने चलथ तने दूनो साथे चलथ । खाली खाही-सुते भर अलगे रहथ ।) (नसध॰ 14:60.19)
5123 तन्दुरुस्ती (~ बिगड़ना) (नसध॰ 38:163.7)
5124 तन्ने (जन्ने ... तन्ने) (अमा॰14:16:2.3)
5125 तन्मय (नसध॰ 40:177.30)
5126 तपताहर (नसध॰ 10:44.8)
5127 तपना (कदर हो हल तोर बाप के समय में जब उनकर जमीदारी तपल हल) (नसध॰ 7:29.8)
5128 तपल-तपावल (देस के तपल-तपावल नेता भी अगुआइ करे के लेल हुंकारी भर देलन हे ।) (अल॰38:119.16, 120.28)
5129 तपस्या (नसध॰ 35:151.31; 37:160.27; 45:198.23)
5130 तपाक (~ से बोलल) (नसध॰ 25:105.12)
5131 तपाबन, तपामन (रम॰ 17:132.24)
5132 तपावन (= दारू) (ई सब देवतन के अलग-अलग तरह के भोजन हे । माँ काली ला भईंसा, देवी जी ला पठिया, सरस्वती ला फल-फूल आउ मिष्टान्न, गोरइया आउ डाक ला खस्सी-भेंड़ा, सूअर, मुर्गा, कबूतर, टिपउर ला खस्सी-भेंड़ा आउ डाक गोरइया के तो खूनो पीए से जब तरास न जाय त अलगे से तपावन (दारू) देल जाहे, तब जाके उनकर पियास बुझऽ हे ।) (अमा॰22:13:1.16)
5133 तपिस (अमा॰173:15:1.1)
5134 तफजुल, तफजुला (फूब॰ 4:15.13, 26)
5135 तफड़का (गाँव आउ शहर के संबंध में ~ देखल जाहे, जेकरा मगही कहानी स्पष्ट कयलक हे) (अमा॰13:12:1.6, 2.23, 13:1.12)
5136 तफरका (किसान सब मजदूर सब के मांग माने ला अवलदार न हो रहलन हल । जेकरा से किसान-मजदूर में तफरका हो गेल हल ।) (अल॰15.43.28)
5137 तब जाके (मसक॰ 164:6)
5138 तब ले (बअछो॰ 12:57.15; 13:59.3)
5139 तब ले (=तब तक) (बअछो॰ 1:11.13)
5140 तबका (समाज के हरेक तबका के ओकर संख्या के अनुरूप उचित प्रतिनिधित्व मिलत) (अमा॰26:4:1.22)
5141 तबड़ाक (गाल पर अइसन ~ मारलन जइसे कसाई बिना ममता के जानवर के मार देहे; मुरारी ओकर गाल पर अइसन ~ मारलन कि ऊ धरती पर गिर के बेहोश हो गेल) (अमा॰3:14:1.20, 28; 20:16:2.29)
5142 तबर (गो॰ 4:23.5)
5143 तबरिये (बअछो॰ 11:51.19)
5144 तबरी (बअछो॰ 15:67.12; फूब॰ 7:25.30; गो॰ 6:29.20)
5145 तबरी (तूँ फिन धरा गेले ! तबरी तोरा मारते डण्डा के होश खराब कर देली हल ।) (अमा॰20:9:2.8)
5146 तबहिए (अलगंठवा जब ककहरा भी न जानऽ हल तबहिए ओकर माय हनुमान चलिसा, शिव चलिसा कंठस्थ करवा देलक हल ।) (अल॰4:10.20; 30:93.30)
5147 तबहिये (बअछो॰ आमुख:8.13; 18:79.10, 13; नसध॰ 6:24.27)
5148 तबहियें (अमा॰170:12:1.33)
5149 तबहियो (बअछो॰ 15:67.1)
5150 तबाह (अमा॰10:20:1.10)
5151 तबीज (= ताबीज) (नसध॰ 19:76.24)
5152 तबे (बअछो॰ 9:40.11)
5153 तबेल (~ में रखना) (नसध॰ 31:137.22)
5154 तबो (बअछो॰ 18:78.15)
5155 तमतमाना (रग्घू खिसे तमतमाइत घरे दने भाग गेल) (नसध॰ 28:125.25)
5156 तमाकुल (नसध॰ 3:10.3, 12.17)
5157 तमाकू (देखें 'तमाकुल') (~ के बुकनी) (नसध॰ 4:14.19, 20, 15.2, 14)
5158 तमासबीन (नसध॰ 36:154.30)
5159 तमासा (नसध॰ 40:176.15)
5160 तमासा (= तमाशा) (आझ-कल्ह तो सब लोग पइसा आउ पैरवी पर बतिअएबे करऽ हे । पइसा फेंकऽ, तमासा देखऽ ।) (अमा॰29:12:1.24)
5161 तम्बू (नसध॰ 26:116.24; 36:152.24)
5162 तय (~ करना) (नसध॰ 47:205.28)
5163 तर (बअछो॰ 3:18.4; 5:28.7; 8:37.1; गो॰ 2:14.17)
5164 तरऽजुत (तोहनी एतना ~ काहे ला कैलऽ ? हम का मरल जाइत ही ?) (नसध॰ 27:120.28)
5165 तरक-वितरक (नसध॰ 6:25.11)
5166 तरकारी (नसध॰ 17:72.14)
5167 तरकारी (करऽ हल रोज तबाही, अइसन हल जमींदारी । जब बेचे जा हली तरकारी, बराहिल आके करऽ हल गोहारी ।) (अमा॰22:7:1.3; 172:20:1.23)
5168 तरज (सिलेमा के ~ गाना) (नसध॰ 25:108.14)
5169 तर-तइयारी (नसध॰ 26:115.7)
5170 तरन्ना (= तरबन्ना) (आज वसन्तपुर तरन्ना में अगहनी ताड़ी पीए ला रामखेलामन महतो के जमाइत जुटलन हल । रामखेलामन महतो बड़गो पिआंक हथ । अप्पन मरुसी अट्ठारह विघा खेत ताड़ी-दारु-गांजा-भांग में ताप गेलन हे ।) (अल॰8:23.6)
5171 तरबतर (घाम-पसीना से तरबतर, जइसे दुन्नू गंगा नहा के ऐलन हे) (अमा॰16:12:2.3)
5172 तरबन्ना (गाँव के दखिन बगीचा आउर तरबन्ना हे । उ तरबन्ना में बिसु पासी तार छेव के ताड़ी उतारइत रहऽ हे । वसन्तपुर गाँव में ताड़ी पीए ला कइ गाँव के लोग आबऽ हथ ।; तरबन्ना में एक हथौड़ा ताड़ी लेके रामखेलामन जी विना चखना के पी रहलन हे ।) (अल॰8:23.4, 10, 24.7, 26.11)
5173 तरवा (~ के लहर कपार पर चढ़ना) (अमा॰13:16:2.4; 16:9:1.4; 17:11:2.20)
5174 तरवा के धूर कपार पर चढ़ना (मसक॰ 157:9)
5175 तरवा के लहर कपार पर चढ़ना (मसक॰ 118:1; 144:28; नसध॰ 1:3.11; 16:70.17; 45:199.17)
5176 तरसा जाना (कट जाना) (गो॰ 1:10.22)
5177 तरसों (आज बकरी पर 'लेख' लिखे ला कह देलन, त कल घोड़ा पर, परसों हाथी पर, तरसों ऊँट पर लिखे ला कह देतन ।) (अमा॰30:19:2.3)
5178 तरहरा (~ खन के गड़वा देना) (अमा॰12:11:2.16)
5179 तराऊपरी (एन्ने मुन्ना के निमोनिया जोर पकड़ले जाइत हल । दुन्नो पलो ~ फेंकइत हल ।) (अमा॰11:14:1.9)
5180 तरास (~ लगना) (नसध॰ 39:164.5)
5181 तरास (ई सब देवतन के अलग-अलग तरह के भोजन हे । माँ काली ला भईंसा, देवी जी ला पठिया, सरस्वती ला फल-फूल आउ मिष्टान्न, गोरइया आउ डाक ला खस्सी-भेंड़ा, सूअर, मुर्गा, कबूतर, टिपउर ला खस्सी-भेंड़ा आउ डाक गोरइया के तो खूनो पीए से जब तरास न जाय त अलगे से तपावन (दारू) देल जाहे, तब जाके उनकर पियास बुझऽ हे ।) (अमा॰11:6:1.1; 22:13:1.15)
5182 तरासल (भूख के गाँव सगरो बसल हे, देहे-देहे पियासल नदी हे । ऊ हकासल, तरासल, पियासल आउ तँवसल सदी-दर-सदी हे) (अमा॰14:1:1.4)
5183 तराह तराह करके बखत कटना (फूब॰ 6:22.19)
5184 तरी (= तरह) (ई तरी डॉ॰ सिंह हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, मगही आउ बिहार के अनेक बोली-भाषा के क्षेत्र में प्रकांड विद्वत्ता प्राप्त करके ..) (अमा॰25:10:1:2, 14:1.1)
5185 तरी (ई तरी = इस तरह, येही तरी = इसी तरह) (नसध॰ 3:13.22, 28; 41:184.10)
5186 तरुआर (= तलवार) (नसध॰ 26:113.13)
5187 तरे (गोड़ के तरे) (अआवि॰ 81:31)
5188 तरेगन (गो॰ 1:1.8; नसध॰ 35:149.27)
5189 तरेगन (दिनो के ~ जनाय लगल) (अमा॰173:16:1.10)
5190 तरेगन, तरिंगन (मसक॰ 99:27; 174:3)
5191 तरे-तरे (फूब॰ 1:6.23)
5192 तरे-तरे (इहाँ तऽ ~ गुर चुरा ऊपरे एकारसी रहऽ हे) (नसध॰ 16:69.13)
5193 तरे-तरे (हगइत एगो अधवइस अउरत सुमितरी के ओर मुंह करइत, सले से सरकइत कहलक हल, "अहे सुमितरी, तोहरा आउर अलगंठवा के बारे में सुनऽ हियो कि तोहनी दूनो बड़ावर में जाके खूबे चकलस कइलऽ हे । तोहनी के बारे में तरे-तरे आग सुलग रहलो हे ।" अइसन बात सुन के सुमितरी के दिसा सटक गेल हल ।) (अल॰18:54.2)
5194 तरेता (= त्रेता) (बड़ावर पर कइगो खोह हे जेकरा में कहल जाहे कि तरेता से लेके दुआपर तक रीसि-मुनि अभी तक तपसिया कर रहलन हे ।) (अल॰16:50.4)
5195 तर्रार (बअछो॰ 2:14.4)
5196 तलक (आज तलक केकरो से उरेबी सुने के ई मौका न देलक) (अमा॰163:15:1.7)
5197 तलग, तलगू (रम॰ 14:109.19)
5198 तलफना (बोखार से तलफइत बेटा के शरीर पर अंजलि अमझोरा के पानी रगड़ के कटोरी रखबे कैलक हल कि विंकटेश बोललक - 'बाबूजी कहिया अयतन माय .... ?') (अमा॰20:15:1.4)
5199 तलबी (पंचायत बइठल ... सुक्खू के ~ भेल) (नसध॰ 13:57.28)
5200 तलवार (नसध॰ 36:153.21)
5201 तलुक (तों पहिले जाके बुतरू के सत-गत करऽ, तब ~ हम ओकरा लागी खिचड़ी बनाके ले आयम ।) (अमा॰173:16:2.21)
5202 तवाजा (फूब॰ 8:26.20, 27.3)
5203 तवाही (नसध॰ 15:67.29)
5204 तसतरी (= तश्तरी) (फिन अलगंठवा के माय एगो तसतरी में जिलेवी देइत कहलक हल) (अल॰10.30.23, 24)
5205 तसला (अलगंठवा के घर में माय के जीता-जिन्नगी में पीतल के वरतन में ही भोजन बनऽ हल । मुदा अब अलमुनिया के तसला में भोजन बने लगल हल। अलगंठवा अप्पन घर के अइसन धच्चर देख के कभी-कभी एकान्त में रो जा हल ।) (अल॰12.37.3)
5206 तसली (गो॰ 1:10.17)
5207 तसीलना (ओकरा अनुसार एकता आउ ताकत के ~ तो खाली परब-त्योहार के चंदा तसीले घड़ी देखल जाहे) (अमा॰13:12:1.15)
5208 तह (नसध॰ 29:128.16)
5209 तह-तोप (ऊपरे चिकन तऽ सगरो चिकन। ऊपरे से बराबर ~ कैले रहे के चाही ।) (नसध॰ 18:75.26; 24:99.29)
5210 तहमुल (~ करना) (गाँव के लोग ताकते रह गेल, तमासा देखते रह गेल । मुदा अलगंठवा कुत्ता के तहमुल करके, नेहा-धो के अप्पन घर आ गेल ।) (अल॰2:5.26)
5211 तहस-नहस (~ करना) (अमा॰15:12:2.30)
5212 तहिआना (तहिअवलन) (नसध॰ 29:126.30)
5213 तहिना (फूब॰ 5:18.1; मसक॰ 57:4; रम॰ 10:82.12; 12:90.11; नसध॰ 1:5.12)
5214 तहिना (ए जी, तहिना तूँ जे बड़ावर के साधु बाबा के बारे में जे कह रहलु हल, उ तऽ बीचे में ही छूट गेलो हल । रामदहिन पाड़े के तहिना सँढ़वा पटक देलकइ हल । हल्ला-गुदाल सुन के ओकरे तरफ चल गेली हल । जरा निमन से समझाबऽ ।) (अल॰9:27.9, 11; 16:50.15; 21:67.26)
5215 तहिना (जहिना ... तहिना) (अमा॰3:5:1.11)
5216 तहिने (जहिना ... तहिने) (नसध॰ 7:31.10)
5217 तहिया (अमा॰166:8:1.7, 13; गो॰ 10:43.29)
5218 तहिये (चुभसे॰ 3:9.17)
5219 ताकत (नसध॰ 36:153.21)
5220 ताकतवर (~ नेता) (अमा॰28:6:2.9)
5221 ताकना (नसध॰ 35:151.20)
5222 ताकिद (नसध॰ 36:155.12)
5223 ताखा (अमा॰166:8:2.21; 173:21:1.28; मसक॰ 34:16)
5224 तागत (= ताकत) (मसक॰ 97:4)
5225 ताजिनगी (अमा॰169:17:2.5)
5226 ताड़ी (अमा॰13:19:2.8; 23:14:1.19)
5227 ताड़ी (गाँव के दखिन बगीचा आउर तरबन्ना हे । उ तरबन्ना में बिसु पासी तार छेव के ताड़ी उतारइत रहऽ हे । वसन्तपुर गाँव में ताड़ी पीए ला कइ गाँव के लोग आबऽ हथ । आज वसन्तपुर तरन्ना में अगहनी ताड़ी पीए ला रामखेलामन महतो के जमाइत जुटलन हल ।; ताड़ी पिए तरन भए खुस होय भगमान । जे नर ताड़ी न पिए ओकर वंस निदान ॥) (अल॰ 8:23.5, 6, 8, 10, 26.19, 20)
5228 ताड़ी-दारु-गांजा-भांग (आज वसन्तपुर तरन्ना में अगहनी ताड़ी पीए ला रामखेलामन महतो के जमाइत जुटलन हल । रामखेलामन महतो बड़गो पिआंक हथ । अप्पन मरुसी अट्ठारह विघा खेत ताड़ी-दारु-गांजा-भांग में ताप गेलन हे ।) (अल॰8:23.8)
5229 ताड़ी-दारू (मकस॰ 58:2; 65:18)
5230 ताड़ी-दारू (लइका-लइकी के इज्जत उतारे पर दिन-रात ताड़ी-दारू पीके पड़ल रहऽ हलइ ।) (अल॰23:71.28)
5231 तातल (रम॰ 13:105.8)
5232 तातल (अलगंठवा आउर बटेसर तातल-खिचड़ी फूंक-फूंक के खा रहलन हल ।) (अल॰16.47.17)
5233 तातल (ततले-ततले मड़वा में भतवा मिलावऽ ही) (अमा॰7:6:2.23)
5234 ताधिना (नसध॰ 26:117.6)
5235 तान-वितान (गइया-बछिया तोड़इ किला पगहा, गोरखिया सुतइ तान-वितान । खटिया के ओदमानी मचकइ, लचकइ पनगर जान ।) (अमा॰3:19:2.27)
5236 ताना (बिआह के मुश्किल से दू महीना बीतल होत कि सुगिया पर ओकर ससुराल के ताना बरसना सुरू हो गेल ।) (अमा॰29:13:1.2)
5237 तापना (आग ~) (नसध॰ 10:46.3)
5238 तापना, ताप जाना (आज वसन्तपुर तरन्ना में अगहनी ताड़ी पीए ला रामखेलामन महतो के जमाइत जुटलन हल । रामखेलामन महतो बड़गो पिआंक हथ । अप्पन मरुसी अट्ठारह विघा खेत ताड़ी-दारु-गांजा-भांग में ताप गेलन हे ।) (अल॰8:23.8)
5239 ताबड़तोड़ (नसध॰ 39:164.5)
5240 तामा (= ताँबा, ताम्र) (अलगंठवा के घर में पीतर-सिलवर-कांसा-तामा के कोठी के कोठी बरतन हल । गाँव-घर में विआह-सादी आउर कोय भी काज-परोज में अलगंठवा के घर से ही बरतन जा हल ।) (अल॰12.35.15)
5241 तार (= ताड़) (नसध॰ 6:27.13)
5242 तार (= ताड़) (रह रह के इंजोरिया में बसन्तपुर देखते बनऽ हल । मदी-पोखरा, झमेठगर-झमेठगर बाँस के कोठी तार-खजूर-पीपर-पाँकड़ आउर वैर के पेड़ ओकर आँख के सामने नाच-नाच जा हल ।) (अल॰5:12.30; 19:59.28; 29:88.21)
5243 तार काटे तरकुन काटे (एक प्रकार के खेल) (अआवि॰ 80:23; 82:3)
5244 ताराऊपरी (= तराऊपरी) (अबकी तो कलश  लेवे ला ~ अमदी टूट रहलन हल) (अमा॰11:13:2.1)
5245 तारा-ऊपरी (पीअर-पीअर ठाबुस ~ चढ़ल टर्र-टर्र करइत हलन) (नसध॰ 6:27.24)
5246 ताल (पेड़ पर चिरई गाना गावऽ हे, हावा ~ दे हे) (नसध॰ 37:158.23)
5247 ताल-मखाना (जनता के खून बेच-बेच के, ताल मखाना खाइत हे । सीधा जनता पहचाने नऽ, जन-नेता कहलाइत हे ॥) (अमा॰26:8:1.22)
5248 ताला-कुंजी (गो॰ 8:37.9)
5249 ताव (आव देखना न ताव) (सुगिया का जवाब देत हल, चुप्पी साधले रहल । चन्दर आव देखलक न ताव, तड़ातड़ दू थप्पड़ सुगिया के गाल पर जड़ देलक ।) (अमा॰29:14:1.20)
5250 ताव (ऊ ताव में मिसिर जी भी पहुँचल आउ उनका गरिआवइत सीधे चमटोली पहुँच गेल) (नसध॰ 14:63.30, 64.12)
5251 ताव (एक ~ कागज) (अल॰6:18.18)
5252 ताव चढ़ाना (नसध॰ 3:12.24)
5253 ताव में आना (नसध॰ 1:2.5)
5254 तास (= ताश) (नसध॰ 16:71.3; 28:123.10)
5255 तासीर (= असर, प्रभाव) (दूध दूध के तासीर अलग अलग होवऽ हे) (अमा॰21:8:2.5)
5256 ताह जनम (नसध॰ 49:209.19)
5257 तिकड़म (अमा॰14:8:2.21, 17:1.11; 15:12:1.28; 24:8:1.5)
5258 तितइ (सुमितरी अभी दू कोर खइवे कइलक हल कि ओकर मुंह में आधा मिरचाई जे लिट्टी में सानल हल चल गेल हल । जेकरा से सुमितरी सी-सी करइत लिट्टी छोड़ देलक हल । आउर ओकर मुंह से तितइ के लार चुए लगल हल ।) (अल॰3:6.25)
5259 तितकी (कब॰ 18:15; कब॰ 39:3)
5260 तितकी (~ लेस देना) (अमा॰6:16:1:25; 173:11:2.21; 174:13:2.7)
5261 तितकी (सुमितरी के माय-बाप आउर नाना के आवे के बात आग तितकी निअन सउंसे गांव में फइल गेल हल ।) (अल॰32:104.10)
5262 तितना (= तीतना) (अलगंठवा के दलान पर एही बात होंही रहल हल कि नन्हकू, बटेसर आउर सुमितरी तितते-भींजते जूम गेलन हल ।) (अल॰32:104.5)
5263 तितलउका (छनिया एक देखली सिउजी, ओहो तितलउका) (अमा॰1:14:1.32)
5264 तितली (नसध॰ 42:184.13, 16, 17)
5265 तितिम्मर (गो॰ 7:34.4)
5266 तिनडिड़िया, तिनडड़िया (गो॰ 4:20.16)
5267 तिरकोनिये (रमेसर हैदरचक से तिरकोनिये बसन्तपुर चल देलक हल ।) (अल॰41:129.25)
5268 तिरपित (= तृप्त) (नसध॰ 6:27.15)
5269 तिरपित (= तृप्त) (जिभियो जर गेल आउ पेटो न भरल । हिरदा तिरपित होवे के तो सवाले न हे ।) (अमा॰27:12:2.32, 33, 34)
5270 तिरबेनी (= त्रिवेणी) (अमा॰10:1:1.11)
5271 तिरभुज (= त्रिभुज) (नसध॰ 17:73.20)
5272 तिरमिराना (नसध॰ 17:73.19; 39:164.1; 41:181.22; 46:202.11)
5273 तिरसूल (= त्रिशूल) (अमा॰19:11:1.3)
5274 तिरस्कार (नसध॰ 42:186.27)
5275 तिरा जाना (मसक॰ 52:19)
5276 तिरिया (~ चलित्तर) (नसध॰ 17:72.11)
5277 तिरिया (= स्त्री) (अमा॰25:22:2.30)
5278 तिरोस्ती (= त्रयोदशी तिथि) (हमरा हीं से पच्छिमे दू किलोमीटर पर 'मेन' गाँव में बूढ़वा महादे हथ । उनका भिर हर साल फागुन तिरोस्ती के बिहानी होके एगो स्थानीय मेला लगऽ हे जेकर नाम हे कोचामहादे इया कोचामठ के मेला ।) (अमा॰22:13:2.20)
5279 तिल (चूँटी ससरे के इया तिल रखे के भी जगह न रहे) (अमा॰22:13:2.25)
5280 तिल चटा के छोड़ना (कब॰ 39:18-19)
5281 तिल रखे के जगह न होना (मसक॰ 91:1-2)
5282 तिलंगी (गो॰ 9:40.9)
5283 तिलक (गो॰ 1:9.30; 4:21.29; रम॰ 13:100.14, 102.19)
5284 तिलक (= दहेज) (नसध॰ 1:4.5)
5285 तिलक (= दहेज) (मइया कहलक कि ~ मनचाहा मिल रहल हे; ठीके बात कहलको चन्दर । तोरा नइहर से हमरो कोई सरधा नयँ मिटल । तोरा हीं से ~ में तो कम मिलबे कैल, कोई खास समानो नयँ मिलल ।) (अमा॰13:16:2.5; 28:13:2.8)
5286 तिलक, तिल्लक (चुभसे॰ 1:2.6, 5.14, 22, 30, 32 इ॰)
5287 तिलक-दहेज (अमा॰13:5:1.13, 2.24, 15:1.3; 29:9:1.1; मकस॰ 55:16)
5288 तिल-सँकरात (गो॰ 1:7.24)
5289 तिलसकरात (= तिल-संक्रान्ति) (ठहरे तपोवन हे जहाँ भी गरम कूंड के झरना जरते रहऽ हे । खास कर के तिलसकरात में तपोवन में बड़ भारी मेला लगऽ हे ।) (अल॰31:101.8; 43:137.27)
5290 तिलौरी (सेवइ, पापड़, तिलौरी, दनौरी, कोहड़ौरी आउ बहुत काम हे जे बइठला में कैल जा सकऽ हे) (नसध॰ 39:173.11)
5291 तिसरका (~ बियाह) (अमा॰173:20:1.18)
5292 तिसरकी (अमा॰173:20:1.11)
5293 तिसीअउरी (आजाद दोस्त के घर में चटनी-वरी-भात आउर मट्ठा परोस के खिलावे लगलन हल । बरी के सवाद से अलगंठवा बड़ खुस होल हल । आउर परसन ले ले के खैलक हल । बरी आउर तिसीअउरी के बड़ाई सुन के सिधमाइन मने-मन बड़ खुस होल हल ।) (अल॰41:128.8)
5294 तीज (अआवि॰ 69:5; 80:28; बअछो॰ 5:25.5, 14, 22)
5295 तीज व्रत (बअछो॰ 5:26.19-20)
5296 तीज-तेवहार (गो॰ 3:18.10)
5297 तीत (गो॰ 9:42.29)
5298 तीत (उनका गेला पर मन तनी हरियर भेल, न तो मलहोत्रा साहेब के करुआइन भासन घंटा भर ला मन के ~ बनौले रहइत) (अमा॰11:7:1.13)
5299 तीतकी (रम॰ 13:105.5)
5300 तीतना (तीतल) (रम॰ 4:41.2, 15, 22; 12:88.16)
5301 तीतना (हलफा के पानी से सुमितरी आउर अलगंठवा के कमर के नीचे के कपड़ा तीत गेल हल ।; उ भी पानी से तीत-भींज गेल हल ।) (अल॰31:98.8; 42:131.13)
5302 तीतना, तीत जाना (= भींगना, भींग जाना) (अमा॰169:1:1.10)
5303 तीता (= तिक्त, तीखा) (जमुना राम आलूदम तनी तीता लहलक हल ऽ रजेसर नमक कम होवे के बात कहलक, तऽ मुनेसर मांझी नून टनगर कहलक हल । मुदा अलगंठवा पालथी मार के गुमसुम होके बड़ी चउगर से खा रहल हल आउर सबके बात के भी सवाद ले रहल हल ।) (अल॰43:141.15)
5304 तीताई (रम॰ 12:87.18)
5305 तीन डंड़िया (भोर के पहर हम तोहरा पास पाती लिख रहलियो हे । तीन डंड़िया एकदम माथा पर हो । आउर सुकर महराज भी पछिम रुखे अकास में चमचम कर रहलो हे ।; इ तरह से झारते-झारते तीन डंड़िया माथा पर आ गेल हल ।) (अल॰9:28.25; 16:46.16; 18:58.8)
5306 तीन तेरह होना (अआवि॰ 51:11)
5307 तीनकोना (ए भइया ! जहाँगीर पोखर वाला लमका परीया में जे तीनकोनवा दसकठवा हे से नापले न गेल हे ।) (अमा॰30:14:1.23)
5308 तीनडड़िया (नसध॰ 27:122.6; 38:162.17-18)
5309 तीनतल्ला (मसक॰ 21:5)
5310 तीना (तीना-उना) (नसध॰ 3:9.13; 23:93.23)
5311 तीना, तिन्ना (= रसदार सब्जी) (मसक॰ 113:29)
5312 तीरकोनीए (दे॰ तिरकोनिये) (एही बीच हाँफे-फाफे, लपकल-धपकल दउड़ल मोहनचक इस्टेसन तरफ से तीरकोनीए आवइत दुरगा मुखिया अलगंठवा सहित सभे के जोर-जोर से बोलइत कहलक हल) (अल॰44:145.13)
5313 तीर-घींच (मसक॰ 88:2)
5314 तीरना (तीर-घींच के, तीर-तीर के) (मसक॰ 58:11; 152:4)
5315 तीरबवोख (तेतर भगत रूपकलिया के शादी करे ला बेचैन होवे लगलन । गाँव के लोग उनका ~ देवे लगलथिन) (अमा॰169:13:2.3)
5316 तीसमार (जब हमरा हीं तीसमार आउ शेरमार बलवान मौजूद हथ तब सोचे के बात न हे) (अमा॰23:8:2.14)
5317 तीसर (~ दफा) (अमा॰12:9:1.1)
5318 तीसी (तिसिया के फूलवा झोंकर गेल लहरवा से) (अमा॰1:17:2.3)
5319 तीसी (तोरी-तीसी के बोरा) (नसध॰ 29:126.2)
5320 तु, तुं, तूं, तों (फूब॰ 1:5.19; 2:7.31; 4:15.8, 16.16)
5321 तुका (रम॰ 16:125.18)
5322 तुका (= तुक्का; गुलेल) (सामर वरन, छरहरा बदन, तुका जइसन खड़ा नाक, कमल लेखा आँख, लमहर-लमहर पुस्ट बाँह, सटकल पेट, चाक निअर छाती, बड़गो-बड़गो कान, उच्चगर लिलार, उज्जर सफेद सघन दांत, पातर ओठ से उरेहल हल अलगंठवा ।) (अल॰1:1.20; 13:39.1)
5323 तुक्का (दें॰ तुका) (ई बात सुन के अलगंठवा तुक्का जइसन उठल सुमितरी के नाक चुटकिआवइत कहलक हल - उलटे चोर कोतवाल के डाँटे ।) (अल॰16:51.6)
5324 तुड़ना (नसध॰ 28:122.23)
5325 तुम्बा (फूल के तुम्बा होना) (अमा॰173:5:2.2)
5326 तुम्मा (कब॰ 27:2)
5327 तुम्मा फेरी (चोर चोरी छोड़ दे हे बाकि तुम्मा फेरी कहाँ छोड़ऽ हे (गो॰ 2:13.17)
5328 तुम्माफेरी (बदली के सरकारी एलान सुन के हुनखा लगऽ हे - पढ़ाय में सुधार के नाम पर ई सब 'तुम्माफेरी' के अलावे आउ कुच्छो नयँ होवेवाला हे ।; ई सब तुम्माफेरी नयँ करतई सरकार तऽ औफिस के बाबू लोग कइसे बनतन फकीरचंद से अमीरचंद ।) (अमा॰29:10:1.7, 15, 12:1.10)
5329 तुरते (अआवि॰ 109:5; बअछो॰ आमुख:6.5; 8:38.15; नसध॰ 3:12.19)
5330 तुरते (धरम से धन मिले में तो देरी भी होवऽ हे, मगर धन से धरम तुरते मिल जाहे) (अमा॰1:1:1.7; 28:6:1.28)
5331 तुरसी (गो॰ 5:25.32)
5332 तुरी (मसक॰ 173:8)
5333 तुरी (एके ~, एक-दू ~) (नसध॰ 1:3.31; 39:164.7)
5334 तुरी (तीन तुरी भौं-भौं के अवाज आयल ; हम कइयक तुरी राड़िन के टोकली कि अगे दीदबइठी, ...) (अमा॰11:7:1:3; 165:10:2.12)
5335 तुरी-तुरी (नसध॰ 40:177.13)
5336 तुरुप (= ट्रंप) (~ फेंकना) (रग्घू सुनके लजा गेल तऽ ऊ फिनो एगो ~ फेंकलक) (नसध॰ 28:125.10)
5337 तू (नसध॰ 2:7.19)
5338 तूड़ना (= तोड़ना) (नसध॰ 1:2.3)
5339 तूफान (अमा॰4:4:1.11; 18:4:1.16, 18)
5340 तूम्मा (~ नियन फूलना) (नसध॰ 1:2.28)
5341 तूल खींचना (फूब॰ 7:24.1)
5342 तूहूँ (अआवि॰ 25:1)
5343 तेंगा (गौना दोंगा तेंगा होयत) (अमा॰167:14:2.1)
5344 तेउरी (अलगंठवा के चढ़ल तेउरी देख के सुमितरी सिढ़ी पर से फिन छत पर आवइत हलगंठवा के कंधा पर हाथ धरइत कहलक हल) (अल॰22:71.1)
5345 तेकरा (फूब॰ 1:3.22)
5346 तेकरे (फूब॰ 6:21.5)
5347 तेगा (नसध॰ 26:113.16)
5348 तेज (~ प्रकाश) (नसध॰ 35:151.13)
5349 तेबर (= तीन गुना) (मसक॰ 81:23)
5350 तेबर (तब तिलक फरमैबो, औकात से दोबर-तेबर माँगबो) (अमा॰30:11:2.12)
5351 तेयाग (= त्याग) (नसध॰ 28:123.18; 37:160.23)
5352 तेरहा (शास्त्री जी उतरी पेन्हले घर से लापता हो गेलन । अइलन तब, जब ~ बीत गेल ।) (अमा॰170:6:2.2)
5353 तेरहो नीनान करना (फूब॰ 7:25.26)
5354 तेरुस (= विगत या आगामी तीसरा वर्ष) (अलगंठवा के इयाद आ रहल हल कि तेरुस साल ही माय के साथ कतकी पुनिया नेहाय ला कटहिया घाट आयल हल । इमलिया घाट से कटहिया घाट लउक रहल हल ।) (अल॰11.34.23, 35.5)
5355 तेल (पढ़े फारसी बेचे तेल) (नसध॰ 7:30.23; 37:156.13)
5356 तेल-कुड़ (= तेल-कूँड़) (नाना-नानी के खिला-पिला के तेल-कुड़ कर के आउ टोला-टाटी निसबद हो जइतो तऽ अइवो ।) (अल॰34:110.15)
5357 तेल-कूँड़ (हे भगवान, दिन-ब-दिन माला के ई का होयल जा रहल हे ? झाड़ू-बुहारू, चुल्हा-चउका, हम्मर माय के तेल-कूँड़ से फुरसते नञ् हे आउ हम ...?) (अमा॰166:8:2.31)
5358 तेल-पानी (~ करना) (नसध॰ 3:12.26; 23:96.5)
5359 तेल-पानी (~ करना) (अब एकरो देख-रेख, तेल-पानी करे के भार सुनरिये पर आ गेल) (अमा॰163:12:1.28)
5360 तेल-फुलेल (अआवि॰ 62:23)
5361 तेल-मेल (~ लगाना) (नसध॰ 5:17.10)
5362 तेलही (= तेल में पकाया या छाना हुआ) (जब लइकन सब चल जाहे तब बसिया दीदी दोना में तेलही जलेबी लेके हमरा भिरे आवे हे आउ बड़ी दुलार से कहऽ हे - 'ले बउआ ! एही ला न रुसल हले ।') (अमा॰22:17:1.8)
5363 तेलाइन (सगरो ~ महके) (नसध॰ 20:82.20)
5364 तेलिन (नसध॰ 3:9.15)
5365 तेलिया (~ मसान के हड्डी) (नसध॰ 19:76.17)
5366 तेसर (अमा॰18:12:2.25; अआवि॰ 12:9; नसध॰ 1:5.1)
5367 तेसर (= तीसरा) (तेसर अमदी बोलल कि जे बड़ तेज रहऽ हे उ तीन जगह मखऽ हे ।) (अल॰4:12.7)
5368 तेसरकी (~ मौगी) (अमा॰6:15:2.26)
5369 तेसरकी (नयकी तेसरकी मौगी) (अमा॰6:15:1.7)
5370 तेसरा (नसध॰ 3:12.1)
5371 तेसरौका, तिसरौका (मसक॰ 74:27; 75:21)
5372 तेहइया (नसध॰ 6:23.28)
5373 तै (= तय) (~ होना) (नसध॰ 9:42.17)
5374 तैश (चन्दर चुप रहल । सुगिया के फिन छेड़ला पर बड़ा तैश में बोललक -"तोहर मैका से हम्मर कोई सौख सरधा न मिटल । तोहर बाबूजी एगो बढ़िया टी॰वी॰, स्कूटर भी न देलथू ।") (अमा॰29:13:1.15)
5375 तों (चुभसे॰ 1:5.30)
5376 तोंद (नसध॰ 6:23.19)
5377 तोंदइल (तोंदइलवा) (नसध॰ 7:30.16)
5378 तोड़ना (अनसन ~) (नसध॰ 28:123.22)
5379 तोप (नसध॰ 36:153.21)
5380 तोपना (= ढँकना) (बूंदा-बूंदी करइ इ असाढ़ के बदरवा, चारो कोना तोपले हइ, सिहरऽ हइ तनमा ।) (अल॰19:62.30)
5381 तोपना (= ढँकना) (मड़वा के दिन एगो रुखी के बच्चा मार के सूप से तोप देवे के चाही । ई बात लिखल नऽ हे, बाकि खानदान में पहिलहीं से चलल आवइत हे ।) (अमा॰1:9:2.18, 10:2.5, 7; 22:6:2.22)
5382 तोर (अआवि॰ 51:12; बअछो॰ 1:12.8; 5:28.1)
5383 तोरा (अमा॰3:2:1.24; अआवि॰ 25:1; बअछो॰ 2:14.17, 22; फूब॰ 4:14.28; कब॰ 1:23; नसध॰ 1:1.25)
5384 तोरा-मोरा (~ होना) (ओही सब के ठकुरबारी बोलौलक हल आउ इहाँ तऽ ~ होवे लगल) (नसध॰ 23:96.9)
5385 तोरी (आँख तर ~ फूला गेल) (नसध॰ 29:127.2)
5386 तोरी (तोरी-तीसी के बोरा) (नसध॰ 29:126.2; 44:195.21)
5387 तोरे (कब॰ 1:12)
5388 तोरो (बअछो॰ 1:10.5; 4:23.8)
5389 तोरो (~ में) (नसध॰ 1:2.1)
5390 तोसक (अमा॰12:11:1.8)
5391 तोहनिये (नसध॰ 3:9.9)
5392 तोहनी (अमा॰1:6:2.28; बअछो॰ 9:41.3; फूब॰ 4:13.21; गो॰ 5:27.10; नसध॰ 1:2.9, 18)
5393 तोहनी (= तोहन्हीं) (जब पुलिस तोहनी के गिरफदार करो तऽ एही नारा लगइहऽ ।) (अल॰41:129.13)
5394 तोहफा (अमा॰29:4:2.26; 174:7:2.14)
5395 तोहमत (~ लगाना) (नसध॰ 28:125.16; 42:186.12, 30)
5396 तोहर (अमा॰14:16:1.6; 26:12:1.6, 2.1, 8; फूब॰ 4:14.13; 6:22.14)
5397 तोहरा (फूब॰ 1:5.19)
5398 तोहरा (= तुम्हें) (अमा॰26:14:1.4)
5399 तौल-जोख (अआवि॰ 31:7-8, 13)
5400 तौली (ई जुग में बाल-बुतरू ला एकाध तौली करुआ तेल आउ भर सितुआ सुधगर दूधो मोहाल हे) (मसक॰ 99:10)
5401 त्याग (नसध॰ 37:160.21)
5402 त्रिपिटक (जब ऊ मूल त्रिपिटक (बुद्ध वचन) के कुछ 'पाँति' उतारलन, तब ओकरा कहलन 'पालि' । इहाँ पर इनकर मतलब भाषा से न हल, बलुक कुछ पाँत या पाँति से हल ।; 'अट्ट कथा' से त्रिपिटक के दीगर जतावे ला भी 'पालि' सबद के बेवहार करल गेल हे; त्रिपिटक के पालि आउ अशोक के शिला-लेख के पालि में अंतर देखल जाहे, ई साबित करऽ हे कि बोल-चाल के भाषा में अन्तर होइत गेल ।; त्रिपिटक के भाषा श्रीलंका में आके धरम भाषा बनके स्थिर हो गेल, बन्धा गेल) (अमा॰23:9:1.11, 20, 2.23, 26)

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