Sunday, October 18, 2009

43. हकारादि शब्द

10985 हँ (हँ में हँ मिलाना) (सुगिया के ननद, देवर भी अप्पन बाप के हँ में हँ मिलैलन) (अमा॰29:13:2.29)
10986 हँऽ (हँऽ में हँऽ मिलाना) (नसध॰ 1:3.16; 6:25.17)
10987 हँउकना, हौंकना (सुमितरी हाथ में तार के पंखा लेके हँउके लगल हल) (अल॰42:132.29)
10988 हँकड़ना (कब॰ 44:1)
10989 हँकाना (= हाँकना) (हँकौले; नगीना बैल हँकावइत घरे दने चललन (नसध॰ 4:14.12; 37:159.10)
10990 हँकाना (सास-ससुर होथिन चाहे बड़ गोतनी; बहुरिया के हँकएतन त कनिया चाहे कनेवा कहतन) (मकस॰ 43:2)
10991 हँठुआ (चुभसे॰ 3:7.30)
10992 हँड़पेटहा, हँड़पेटाहा (उ हंड़पेटाहा पांड़े बहुत टिपोरी भी हो, उ पहिले अपने जेमे ला मांगतो ।) (अल॰43:141.9)
10993 हँड़िया (अप्पन-अप्पन ~ अलगे कर लेना) (कब॰ 8:6)
10994 हँथिया, हथिया (नक्षत्र के नाम) (गो॰ 6:29.31)
10995 हँफनी (धीरे-धीरे ~ कमल जा रहल हे) (अमा॰13:8:1.11)
10996 हँसी के दही जमाना (गो॰ 9:41.19)
10997 हँसुआ (बअछो॰ 12:56.11)
10998 हँसुआ (~ के बिआह में खुरपी के गीत) (अमा॰18:11:1.11; 165:17:1.17)
10999 हँसुली (अआवि॰ 80:31; नसध॰ 19:76.19)
11000 हँसुली-रुपौठी (नसध॰ 19:78.7)
11001 हंडिया, हँड़िया (बअछो॰ 12:55.19, 27)
11002 हंथबत्ती (फूब॰ 4:13.3)
11003 हंसीली पसली (जब नन्हकू आम के पेड़ तर बैठ के खैनी लगा रहल हल तऽ कपसल जइसन होके सुमितरी नाना से कहे लगल हल - "नाना, नानी तऽ बढ़नी से मारते-मारते सउंसे देह में बाम उखाड़ देवे कइलक हे, मुदा घर पर सेनूर वाला बात सुन के मइया आउ बाबू मारते-मारते हंसीली पसली एक कर देतन ।") (अल॰3:7.25)
11004 हउँकना (पंखा ~) (नसध॰ 29:126.15)
11005 हउआना (रम॰ 4:43.5)
11006 हउड़ा (= हौरा, हौड़ा, कोलाहल, सुनगुन, अफवाह) (कुंआरी सुमितरी के मांग में सेनुर देवे के हउड़ा सगर मचल हल) (अल॰1:3.18; 32:103.11, 104.13; 44:151.27)
11007 हउड़ा, हउरा (रम॰ 10:79.19)
11008 हउल (धम-धम-धड़ाम के अवाज से इलाका सिहर रहल हल । सबके कलेजा हउल-हउल कर रहल हल ।) (अल॰15.44.3)
11009 हउ-हउ (रम॰ 10:82.20)
11010 हक-बक (थाना के सामने सूबेदार सिंह के हक-बक न चलतइन) (अमा॰18:12:1.28)
11011 हक-बक न चलना (रम॰ 18:136.12)
11012 हक-हिस्सा (नसध॰ 30:134.2)
11013 हकासल (भूख के गाँव सगरो बसल हे, देहे-देहे पियासल नदी हे । ऊ हकासल, तरासल, पियासल आउ तँवसल सदी-दर-सदी हे) (अमा॰14:1:1.4)
11014 हकासल-पिआसल (चुभसे॰ 3:12.5-6)
11015 हकासल-पिआसल, हकासल-पियासल (नसध॰ 3:9.25; 18:75.9; 29:127.23; 34:148.18)
11016 हकासल-पियासल (गो॰ 6:31.21-22)
11017 हकीकत (अफवाह ~ में बदलना) (नसध॰ 38:162.15)
11018 हगना (हगइत एगो अधवइस अउरत सुमितरी के ओर मुंह करइत, सले से सरकइत कहलक हल, "अहे सुमितरी, तोहरा आउर अलगंठवा के बारे में सुनऽ हियो कि तोहनी दूनो बड़ावर में जाके खूबे चकलस कइलऽ हे ।") (अल॰18:53.28; 25:76.27)
11019 हगना, हग देना (मकस॰ 11:2)
11020 हगुआना (नसध॰ 3:12.22)
11021 हगुआना (काका के बात सुन के रंगुआ माथा हगुआवे लगल) (अमा॰13:5:2.6)
11022 हजमटोली (अमा॰2:16:2.7)
11023 हजाम (बअछो॰ 2:14.2; 5:24.6)
11024 हजाम (ऊ रात हम्मर बेटी के बिआह होवे वाला हल । पिरीतीभोज के बाद अठमँगरा के रसम चल रहल हल कि हजाम हमरा पास पहुँचल आउ कहलक - 'समधी साहेब कहऽ हथुन कि दहेज में चार सौ रुपइया बाकी रह गेल हे । ऊ बकिअउटा के भुगतान भेले पर वर के दुआरपूजा होयत ।') (अमा॰28:5:1.3)
11025 हजामत (थानू हजाम से हजामत बनवा के गंगा में अस्नान करके आउर उतरी पहन के माय के मुँह में आग देवे से पहिले घाट के डोम से हुजत होल हल ।) (अल॰11.34.1)
11026 हजार-बजार (गो॰ 5:25.2)
11027 हटवे (अआवि॰ 31:5, 15; 32:20)
11028 हठरा (देखऽ ही कि ऊ खेत में मचान पर बइठ के ~ नियर बाल पर बाल पर बइठल सुग्गा-मैना के उड़ावे में हाल... होल... हाल... होल... करके टीना पीट रहल हे) (अमा॰173:16:2.1)
11029 हठुआ मनी (मसक॰ 75:2)
11030 हठुआखन (देखऽ सुमितरी, जिन्नगी में आनन्द आउर खुसी के छन बहुत कम होबऽ हे । जिन्नगी में हठुआखन उलझन होबऽ हे । अमदी के उलझन के सुलझावे में ही जीमन कट जाहे । ई गुने जे छन मिले ओकरे इ छन्न मान के जिए के चाही ।) (अल॰36:114.22)
11031 हड़कना (गो॰ 11:48.19)
11032 हड़कम्प (नसध॰ 5:20.6)
11033 हड़ताल (नसध॰ 23:95.12)
11034 हड़प-नराइन (रम॰ 10:77.17)
11035 हड़पना (सब हड़पते हथ तऽ तू हूँ नऽ काहे एगो झोपड़ी ओहिजे डाल दऽ) (नसध॰ 14:64.5)
11036 हड़बड़ाना (नसध॰ 5:16.28; 28:123.14; 42:185.12-13)
11037 हड़बड़ाना (काहे फुदेना सिंह ! हड़बड़ायल काहे लउट गेलऽ ?; ओजा से हड़बड़ाल पहुँचलन हेडसर के औफिस में आउ हाथ जोड़ के पूछलन - 'हमरा ला कउन आदेश हे सिरीमान ?') (अमा॰21:15:2.9, 11; 29:10:2.2)
11038 हड़बड़ी (नसध॰ 5:16.26)
11039 हड़होड़ (~ मचाना) (अमा॰3:6:1.4)
11040 हड्डी (नसध॰ 29:126.21, 22)
11041 हड्डी-गुड्डी (ऊ ओकरा ऊपर ही लोक लेलक न तो जमीन पर गिरइत तो ~ टूट जतई हल) (नसध॰ 40:176.13)
11042 हड्डी-गुड्डी (हड्डी-गुड्डी चिबा-चिबा के बोलऽ मुँह में दाँत न हे) (अमा॰22:20:1.14)
11043 हड्डीतोड़ (~ मेहनत) (नसध॰ 12:51.11)
11044 हत्या (दाल-भात घरइता खाय, ~ लेले पहुना जाय) (नसध॰ 37:156.23)
11045 हथकंडा (चुनाव के ~ सिखाना) (नसध॰ 22:91.18)
11046 हथिआना (अप्पन खरीदल आउ हथिआवल सबहे जमीन दान कर देलन) (अमा॰19:11:1.14)
11047 हथिया (= हस्त नक्षत्र) (नसध॰ 9:36.27)
11048 हथिया (= हस्त नक्षत्र) (दूसर अदमी बोल उठल - बाबा के बात,  इ पूरवा नछतर थोड़े हे । हथिया चढ़लइ हे । अभी दू दिन तऽ चढ़ला होवे कइले हे ।) (अल॰32:104.2; 44:152.12)
11049 हथिया बुले गामे-गाम, जेकर हथिया ओकरे नाम (मसक॰ 57:8)
11050 हथौड़ा (= हथौना) (तरबन्ना में एक हथौड़ा ताड़ी लेके रामखेलामन जी विना चखना के पी रहलन हे ।) (अल॰8:23.10; 26.17)
11051 हथौड़ी (नसध॰ 1:2.11)
11052 हद (जब बरदास्त के हद हो गेल, तब कहलो हम्मर जाइज हे) (अमा॰15:20:1.2)
11053 हदफदाना (ओकरा तनी डर लगल बाकि ऊ हदफदायल नऽ बलुक धीरजा से काम लेलक) (नसध॰ 42:185.1)
11054 हदफुदाना (हदफुदायल) (नसध॰ 40:175.28)
11055 हदबदाना (गो॰ 10:44.13; 11:47.16)
11056 हदर-बदर (गाड़ी खुले के सिटी सुन के हदर-बदर गाड़ी में घुसे लगलन हल ।) (अल॰6:14.26)
11057 हदसना (अलगंठवा हदसल जइसन चिल्लाइत कहलक हल - अरे विच्छा डंक मार देलको गोड़वा में बेटा ।) (अल॰26:77.19)
11058 हद-हद करना (गो॰ 1:10.23)
11059 हदहदाना (कल से बरखा हदहदा जायत, हदहदा के बरखा गिरल) (नसध॰ 6:23.16; 8:31.27; 35:149.15)
11060 हदाका (एक ~ चू जाय तऽ बिहन-बाल हो जाय) (नसध॰ 6:25.18)
11061 हदिआना (हदिआल) (हदिआल दरोगी जी हुनखे से पूछलन - 'पइसा खरचम तो हिएँ जमल रह जाम ?') (अमा॰29:12:1.26)
11062 हदिआना, हदियाना (सोहराय गांजा के विआ चुनइत कहलक -"मंगनी के चनन रगड़बऽ लाला, त लाबऽ न, भर निनार । ओही बात हे इनखर । अइसन हदिआयल जइसन दम मारऽ हका कि एक दम में सब गांजा भसम हो जा हे ।"; एकरा लेल तूँ काहे ला हदिया रहलऽ हे इयार ।) (अल॰8:25.7; 25:76.6)
11063 हदिया देना (अलगंठवा अप्पन घर के अइसन धच्चर देख के कभी-कभी एकान्त में रो जा हल । माय-बाबू आउ चचा जी के इयाद रोबा दे हल, हदिया दे हल ।) (अल॰12.37.5)
11064 हदियाना (न बेटी, तूँ हदिया मत, तनिको मत डरऽ । उ सब बात कहे के बात हइ । हम इतना बुढ़बक ही, अप्पन इज्जत अपने उघारम ?) (अल॰3:7.26)
11065 हनना-धुनना (गो॰ 1:6.26; गो॰ 5:24.14)
11066 हन-हन करना (हन-हन करे तेज तरुआर) (नसध॰ 40:177.21)
11067 हनहनाना (गैस-बत्ती हनहनाय लगल हल) (नसध॰ 9:39.21)
11068 हनहनाना (मीरा हनहनाइत गली में निकलल आउ गरज के भीड़ तर जाके बोललन) (अमा॰17:8:2.23)
11069 हपसल-धपसल (मसक॰ 73:4)
11070 हप्ता (अबरी ~ से, ~ भर में) (नसध॰ 28:123.26; 36:154.22)
11071 हबक (रम॰ 7:60.8)
11072 हबकना (कब॰ 18:8)
11073 हबकुरिए (कब॰ 23:15; 24:15)
11074 हबकुरिये (~ गिर-गिर के सपना चूर-चूर होवऽ हे) (अमा॰1:19:1.7)
11075 हबर-दबर (आज के ताजा खबर, पढ़िये ~) (अमा॰171:10:1.6)
11076 हमजोली (अमा॰18:11:2.9)
11077 हमजोली (तीनो हमजोलिये हलन) (अमा॰18:8:1.28)
11078 हमनिये (बअछो॰ 4:22.10)
11079 हमनियों (बअछो॰ 7:34.10, 11, 16; 15:66.3)
11080 हमनी (अआवि॰ 101:17; बअछो॰ आमुख:8.11, 13; 1:11.12, 12.28; 8:39.3; नसध॰ 1:1.2)
11081 हमनी (= हमन्हीं) (अमा॰12:12:2.7; 15:5:1.1, 9:2.31; 25:22:2.3)
11082 हमनीं (अआवि॰ 39:6)
11083 हमनीयो (नसध॰ 7:30.7)
11084 हमन्नी, हमन्हीं (चुभसे॰ 3:13.11; 4:15.19)
11085 हमन्हि (गो॰ 1:10.27; 5:25.4, 26.4)
11086 हमर (बअछो॰ आमुख:3.1; फूब॰ मुखबंध:1.3, 9, 16; 1:5.9; नसध॰ 1:3.3)
11087 हमरा (अआवि॰ 37:28; बअछो॰ 1:10.4; 4:21.17; 5:28.1; 8:38.27; फूब॰ मुखबंध:1.15, 17, 18; 1:4.8, 5.10; कब॰ 1:27; नसध॰ 1:1.28)
11088 हमरे (फूब॰ 1:5.9)
11089 हमरो (बअछो॰ 4:22.3; फूब॰ 8:26.10)
11090 हमहूँ (बअछो॰ 10:49.9; 12:55.22; गो॰ 2:14.20, 24)
11091 हमहूं (फूब॰ 4:17.8)
11092 हम्मर (अमा॰1:10:1.5; अआवि॰ 17:5; 29:31; बअछो॰ 8:38.2; गो॰ 1:4.26; 5:27.4; कब॰ 1:26)
11093 हम्मर (हम्मर कामना हे कि 'रजकण' जी के जस ई उपन्यास के जरिये मगही भासा आउ साहित्य के क्षेत्र में करमी के लत्तर जइसन फैले) (अमा॰1:15:2.17)
11094 हम्हड़-हम्हड़ के रोना (रम॰ 18:137.22)
11095 हय-चमन्ना (देस के आजादी के लेल जे लोगन जान देलन हल, बलिदान होलन हल, उ सब के विसार के एक जमात बना के हय-चमन्ना कर रहल हे ।) (अल॰40:124.15)
11096 हर (= हल) (अआवि॰ 38:32; बअछो॰ 12:55.19; 14:67.16; मसक॰ 113:2; नसध॰ 6:27.31)
11097 हर हमेशा (= हरमेशे, हरमेसे) (हम तो तोरे कहला पर चलऽ ही । हर हमेशा कहइत रहऽ ह कि जउन दिन घर में खाय ला अनाज मौजूद हे, तउन दिन कमाये के जरूरते का हे ?) (अमा॰27:9:1.5)
11098 हर-कुदारी (नसध॰ 9:39.10; 37:156.19)
11099 हरखना (दरसक हरख के परफुल्लित हो गेलन) (अमा॰16:12:1.25)
11100 हरगिज (फूब॰ 8:26.3)
11101 हरगिज (आगे से अइसन हरगिज न होवे के चाही) (अमा॰30:19:2.25)
11102 हरगोजे गुंजा कोई बुझले (एक प्रकार के खेल) (अआवि॰ 80:22; 83:27, 28)
11103 हरगोबिन (= हरगोविन्द) (एगो गाँव में ~ नाम के चमार रहऽ हल) (अमा॰27:5:1.1, 4)
11104 हर-घर (उ न हर के होवऽ हे न घर के) (गो॰ 1:10.5-6)
11105 हरजा (नसध॰ 1:4.26; 8:34.8; 24:99.5; 37:159.23)
11106 हरजोतवा (चार गो लदना बैल हल आउ चार गो ~) (अमा॰173:13:1.11)
11107 हरतालिका (बअछो॰ 5:26.19)
11108 हरदम्मे (~ डाँटिये के बात करऽ हलन) (अमा॰16:15:1.10)
11109 हरदी (अमा॰7:15:2.24; बअछो॰ 5:26.7)
11110 हर-पालो (चलऽ, तूँ बैलवा-भैंसवा हाँकले चलऽ । हम हर-पालो लेके आवइत हियो । अब कल एगो चास आउर करके गेहुँ बुन के चौकिया देवइ ।) (अल॰7:21.23, 26)
11111 हर-फार (गाँव में भी एतवार के ~ न चले से छुट्टी मिल जाहे) (नसध॰ 37:158.21)
11112 हरमेशे (= हरमेसे, हमेशा) (राजतंत्र में तो अइसन समय हरमेशे आवऽ हल) (अमा॰27:4:1.1)
11113 हरमेसा, हरमेसे (मसक॰ 62:4; 68:11; 114:11)
11114 हरमेसे (अमा॰16:18:2.8; नसध॰ 5:20.24, 22.26; 34:148.15)
11115 हरल-भरल (अआवि॰ 60:28; 63:21; 64:1)
11116 हरवाहा (अमा॰169:1:1.9; बअछो॰ 3:18.7; 8:37.5; 14:62.29)
11117 हरवाही (बअछो॰ 3:18.2, 19.4; 12:55.17; 15:66.15; गो॰ 5:25.14)
11118 हरसज (बटेसर अप्पन गाँव के गोवरधन गोप से हरसज करके खेत अवाद कर रहलन हल ।) (अल॰7:21.5)
11119 हरसट्ठे (अमा॰164:9:1.6)
11120 हरसठे (मलकिनी भी ~ बेमारे रहऽ हथ । खाय-पानी बनावे के दिक्कत हे । उनकर कहनाम हे कि लइकी बेस रहत तो पइसा के महत्व न देम ।) (अमा॰172:15:2.1)
11121 हरसना (हरसल) (मसक॰ 58:1)
11122 हर-हमेसे (सबके तहे दिल से समरथन देवे ला ई हर-हमेसे तइयार रहऽ हथ) (अमा॰19:14:1.16)
11123 हरहर (~ पखाना होना) (निरंग पानी नियन ~ पखाना हो रहलई हल) (नसध॰ 34:148.9)
11124 हर-हर (लइकाइये से खेलकूद में ~, पढ़े-लिखे में फरहर) (अमा॰169:17:1.9)
11125 हरहराना (गो॰ 11:48.4)
11126 हरहराना, हरहराय लगना (हरहरा के गिरना) (नसध॰ 30:131.14; 37:159.2)
11127 हरहोर (गो॰ 6:33.3)
11128 हरहोर (ई बात सुन के घर के आंगन में भरल-पूरल परिवार हरहोर करे लगऽ हलन ।) (अल॰12.37.30)
11129 हरामखोरी (नसध॰ 33:143.26)
11130 हरास (= ह्रास, कमी) (आज दुनिया के जनसंख्या अबाध गति से बढ़इत जाइत हे । एकर परिणाम ई होइत हे कि केतना किसिम के समाजिक कुरीति जलम लेवइत हे आउ नैतिक मूल्य में हरास होइत हे ।) (अमा॰29:5:1.4)
11131 हरिअर (अआवि॰ 62:22; 91:11; गो॰ 1:11.8)
11132 हरिअर (~ कचूर) (गाँव के चारों ओर हर तरह के पेड़-बगान हे । ई गुने वारहो मास हरिअर कचूर लउकइत रहऽ हे ।; धरती के सिंगार हरिअर कचूर मोरी दुलार विना टुअर जइसन टउआ रहल हल ।) (अल॰8:22.30; 15:44.13; 22:69.12)
11133 हरिअर (तुलसी के पत्ता के गह-गह पीयर बाकि कचनार नियर ~ रंग के एगो तेल निकलऽ हे जेकरा से हवा सुध होवऽ हे) (अमा॰12:6:2.2; 22:17:2.4)
11134 हरिअरी (अआवि॰ 11:5)
11135 हरिजन (नसध॰ 22:87.20, 32; 27:121.4; 28:124.25, 125.23; 33:144.16)
11136 हरिजन (पारो एगो ~ लड़का से बियाह करके जात-पात के भेद-भाव मेटा देहे; ~ माने भुइयाँ-चमार, डोम-दुसाध होवऽ हे, समझले ? माने कि नीच जात ।) (अमा॰13:11:2.14; 16:8:2.21; 165:7:2.2)
11137 हरिन (= हिरनी) (अमा॰27:5:2.13)
11138 हरियर (= हरा) (हरियर, पीयर, उज्जर दुभ्भी) (अमा॰2:10:1.17; 22:11:2.13; 167:1:1.10)
11139 हरियरका (अमा॰26:1:2.5)
11140 हरियरी (मसक॰ 115:11)
11141 हरियरी (खेत ~ से लहलहाना) (नसध॰ 39:172.8)
11142 हलका-फुलका (अमा॰16:16:1.28)
11143 हलकारा (जीरवा नानी के कह देत आउ उहाँ से भोमा नियन सउँसे गाँव में ~ मच जायत) (नसध॰ 14:61.27)
11144 हलफना (नन्हकू के देख के हलफइत सुमितरी कहलक हल - "अरे नाना आ गेलथिन ।") (अल॰44:152.30)
11145 हलफा (मसक॰ 45:10)
11146 हलफा (हलफा के पानी से सुमितरी आउर अलगंठवा के कमर के नीचे के कपड़ा तीत गेल हल ।) (अल॰31:98.8)
11147 हलफा (हलफा छुअल दुन्बो कोर हे गंगा मइया, हलफा छुअल दुन्नो कोर) (अमा॰29:9:1.17)
11148 हलाक (गोली मार के ~ कर देलन) (अमा॰173:18:1.2)
11149 हलाकि (= हालाँकि) (अमा॰3:9:2.24; 173:8:2.11)
11150 हलावत (गो॰ 10:44.22; 11:48.10)
11151 हलुआ (नसध॰ 29:130.1)
11152 हलुआइन (नसध॰ 3:9.1)
11153 हलुक (नसध॰ 5:21.19, 26, 27; 36:153.29)
11154 हलुक (ओन्ने टीबी से दबल लइका के देखूँ कि बेटी के भार हलुक करूँ) (अमा॰23:17:2.3, 18:1.5)
11155 हलुमान, हलूमान (= हनुमान) (हलुमान गढ़ी जलवार नदी के कछार पर येक छोट-मोट तीरथ धाम के महिमा से जानल जाय लगल हे । मुदा मर-मोकदमा से पीड़ित हे हलूमान गढ़ी ।) (अल॰43:140.12, 14, 16)
11156 हलोराना, हलोरा जाना (सब खेलाड़ी चारो खाने चित्त हो गेलन । सब के पइसा हलोरा गेल ।) (अमा॰7:18:1.14)
11157 हल्ला (नसध॰ 6:24.16)
11158 हल्ला उड़ा देना (नसध॰ 5:16.25)
11159 हल्ला-गुल्ला (नसध॰ 16:70.25)
11160 हल्ली-मोहल्ली (बी॰डी॰ओ॰ साहेब अपन ~ के साथे महतो जी के सामने गिड़गिड़ाइत हलन) (नसध॰ 28:123.11)
11161 हल्लुक (चुभसे॰ 1:3.15; 3:11.19, 25; गो॰ 1:1.19, 3.22)
11162 हल्लो-हरान (गो॰ 8:38.14)
11163 हवकना (पकल बम्बइया आम सुमितरी के मुँह में सटावइत अलगंठवा कहलक हल -"लऽ, हवक के मारऽ चोभा । तोहरे जइसन गुदगर आउर रसगर आउर सवदगर हो ।") (अल॰29:89.5)
11164 हवका (~ मारना) (सुमितरी हवक के अलगंठवा के गाल में चूमा के हवका मारइत कहलक हल) (अल॰36:116.4)
11165 हवर-दवर (रम॰ 7:59.12)
11166 हवर-दवर (सुमितरी नरियर के तेल हवर-दवर माथा में चपोत रहल हल ।) (अल॰16.47.21)
11167 हवर-धवर (= हवर-दवर) (डगर पर अलगंठवा के देखते ही हवर-धवर बरतन मइंज के लपकल-धपकल ऊर दने सोझिया गेल हल ।) (अल॰44:152.1)
11168 हवर-हवर (रम॰ 13:96.19)
11169 हवा पानी लेना (बअछो॰ 9:40.17)
11170 हवास गुम होना (ओहनी के हवासे गुम हो गेल) (नसध॰ 1:3.1)
11171 हसद (फूब॰ 1:5.7)
11172 हसबखाह (फूब॰ 7:24.8)
11173 हसबरवाह (बअछो॰ 2:16.20)
11174 हसोतना (हसोत-हसोत के) (इहे बेविचार फैलावऽ हे । गाँव ओलन खखुआयल रहऽ हथ हसोत-हसोत के ले जा हथ ।) (नसध॰ 25:107.32)
11175 हस्ती (हिन्दी साहित्य में भारत देश के महान हस्ती ... महाकवि आरसी प्रसाद सिंह) (अमा॰18:4:2.9)
11176 हहरना (कब॰ 43:20; रम॰ 15:115.17)
11177 हहरना (जलवार नदी के दूनों कोर उपलल जा हल । उपलल नदी के देख के सुमितरी आउर ओकर माय-बाप आउ नाना के दिल हहर गेल हल ।) (अल॰31:96.20; 38:119.28)
11178 हहाना (छप्पर पर भद्-भद् के अवाज होवे लगल हल । हहा के बरसा बरसे लगल हल ।) (अल॰42:133.30)
11179 हहाना (हवा चउबाहा बहे गछिया-बिरिछिया रामा, हरि-हरि डाँढ़े-पाते झुकऽ है हहाहै रे हरी ।) (अमा॰169:18:1.33)
11180 हहार (~ करना) (निसवद रतिया में टरऽ टरऽ करऽ हइ ददुरवा । रहि-रहि मारऽ हइ लथार, हहार करइ पूरबा ।) (अल॰19:63.3)
11181 हहासल (नसध॰ 5:16.12)
11182 हहियाना (हवा में गरमी लग रहल हल । ओकरा में भी पछिया हवा हहिया रहल हल ।) (अल॰3:7.16)
11183 हहुआना (मसक॰ 107:8)
11184 हाँड़ी (हँड़िया ढुनढुनाना) (अमा॰11:8:1.21; 14:1:1.5)
11185 हाँफना (जीभ निकाल के हाँफइत कुत्ता) (नसध॰ 6:27.29)
11186 हाँफे-फाँफे (गो॰ 8:37.4)
11187 हाँफे-फाफे, हाँफे-फाँफे (सुखदेव खंड दने जा ही रहल हल कि अलगंठवा भट्ठा तर से लपकल-धपकल, हाँफे-फाफे दूरा दने आ रहल हल ।; पेड़ तर के जमाइत दखिन रूखे हाँफे-फाँफे गिरते-पड़ते भाग गेल हल ।; एही बीच हाँफे-फाफे, लपकल-धपकल दउड़ल मोहनचक इस्टेसन तरफ से तीरकोनीए आवइत दुरगा मुखिया अलगंठवा सहित सभे के जोर-जोर से बोलइत कहलक हल) (अल॰26:77.18; 27:82.28; 44:145.13)
11188 हाइल-काइल (कब॰ 38:11)
11189 हाईकोट (= हाइकोर्ट) (नसध॰ 49:212.16)
11190 हाई-कोट (= हाई-कोर्ट) (फूब॰ 3:10.2)
11191 हाकिम-हुकमरान (अआवि॰ 66:15)
11192 हाकिमो (= हाकिम भी) (फूब॰ 1:6.5)
11193 हाजती (~ केदी) (नसध॰ 49:209.18)
11194 हाड़ काँपना (रम॰ 14:112.18-19)
11195 हाड़ तोड़ के मेहनत करना (गो॰ 3:17.3-4)
11196 हाड़ में छेद करना (रम॰ 14:112.9-10)
11197 हाड़-माँस (नसध॰ 27:119.8)
11198 हाड़ी (नसध॰ 29:128.31)
11199 हाथ जोड़ना (रम॰ 14:111.7)
11200 हाथ-गोड़ (अमा॰7:17:2.21; 12:10:2.34; गो॰ 6:27.25; मसक॰ 9:22; नसध॰ 29:126.11)
11201 हाथ-गोर (= हाथ-गोड़) (बाहर से ठंढ में हाथ-गोर सिकोड़ले दरोगी जी के घर में घुसते देख के हुनखर बेकत भूपती बोरसी जराके हुनखा तर रखते पूछलक - "आज तोर तबियत ठीक नयँ हो का ? हँस-बोल नयँ रहला हे ।"; दरोगी जी के हिचकी आवे लगल आउ ऊ अप्पन हाथ-गोर खींचे लगलन ।) (अमा॰29:12:2.10, 23)
11202 हाथ-जाँगर (नाथ, हम्मर बाबूजी गरीब आदमी हथ । ऊ कहाँ से देतन । अप्पन ~ के भरोसा चाही । पइसा तो हाथ के मइल हे ।) (मकस॰ 23:2)
11203 हाथा-पाहीं (नसध॰ 20:82.12)
11204 हाथा-बाँही (भिखना के चाचा जीरवा से ~ करइत हलन) (नसध॰ 13:58.21)
11205 हाथा-बाही (एही सब बतकही में बात बढ़ गेल । मामला ~ पर आ गेल ।) (अमा॰9:10:1.24-25)
11206 हाथी (नसध॰ 28:125.19)
11207 हाथे (नारद बिना पइसा के खदेरन के ~ बिक गेलन) (नसध॰ 14:61.21)
11208 हाय-हाय (नसध॰ 42:187.20)
11209 हार (= माला) (नसध॰ 30:132.22)
11210 हार-जीत (~ के खेल) (नसध॰ 26:117.16)
11211 हार-दाव (गिरहथ ~ देख के परहे नियन निसु हो गेलन) (नसध॰ 9:36.25; 9:43.15; 31:135.16; 42:185.18; 43:192.10)
11212 हारना-हूरना (अलगंठवा तनी मुसकइत सुमितरी से कहलक हल -"जा, तूँ अप्पन परीच्छा के तइयारी करऽ गन । उत्तरवारी टोला जे कर रहल हे, करे देहु । उड़उती उड़ाना कमजोर लोगन के निसानी हे । कहाउत हे न कि हारे न हुरे तऽ दूनो गाल थूरे ।") (अल॰24:74.22)
11213 हार-पार के (कब॰ 6:11; 32:7; 45:7; 56:22)
11214 हार-पार के (अपने सब माय-बाप-बहिन-भाई मिलके सुगिया के जइसन उदवास देली कि बेचारी के हार-पार के इहाँ आवे पड़ गेल ।) (अमा॰29:14:2.12)
11215 हारल-हहरल (गो॰ 1:1.8)
11216 हाल (= जमीन की नमी जिसमें हल आदि चले) (जोतल बिड़रिया के उखड़इ न हाल पिया) (अल॰19:63.6)
11217 हाल (= जमीन की नमी जिसमें हल आदि चले) (मगही के हर एक विधा में मजगर रचना भेल; सबसे मजगर तो हल विजय जी के गजल - हाल अछते परीत हो गेली ।) (अमा॰26:15:2.29)
11218 हाल (एक ~ पानी परना) (नसध॰ 6:26.23)
11219 हाल... होल (देखऽ ही कि ऊ खेत में मचान पर बइठ के ~ नियर बाल पर बाल पर बइठल सुग्गा-मैना के उड़ावे में हाल... होल... हाल... होल... करके टीना पीट रहल हे) (अमा॰173:16:2.2-3)
11220 हालत (अपन मरद के ~ देख के तनी घबरा गेल) (नसध॰ 29:127.24; 35:152.3)
11221 हाला-हाली (धन हे ऊ भूतहा बसवारी जहाँ रात तो रात दिनो में ~ लोग जाय के हिम्मत न करे) (नसध॰ 8:36.9; 13:58.3; 42:186.11)
11222 हाली (नसध॰ 19:76.6; 37:158.30; 45:196.20)
11223 हाली (नौकरी तो हाली मिले न । एही से उलार जाके मन्दिर में प्रार्थना करल जाय ।) (अमा॰27:6:1.26)
11224 हाली-हाली (अमा॰18:8:1.5-6; 166:17:1.17; अआवि॰ 81:9; चुभसे॰ 1:1.15; मसक॰ 60:23; 100:10; नसध॰ 2:8.1, 2; 5:16.21, 20.1; 27:122.14; 39:169.15; 42:186.10)
11225 हावा (~ के एगो झोंका; गाँव के ~ सहर के दावा से जादे फैदा करऽ हे) (नसध॰ 5:16.12; 6:26.20; 8:33.5; 27:118.17; 37:158.17)
11226 हावा-पानी (नसध॰ 24:102.26, 28)
11227 हाह (अदमी के तो हाहे न भरे । जेकरा पास जेतने जादे हो हे ऊ ओतने हाय-तोबा मचयले रहऽ हे ।) (मकस॰ 39:12)
11228 हाह (पेट में ~ ढुक्कल रहना) (मसक॰ 151:7)
11229 हाहे-फाहे (मसक॰ 99:24)
11230 हिंछा (= इच्छा) (तोहर चिट्ठी सुन के हम्मर बाबू जी आउर माय के भी हमरा पढ़वे के हिंछा हो गेलो हे) (अल॰1:3.4; 9:29.4; 16:47.19; 28:85.20)
11231 हिंछा, हिंच्छा (रम॰ 5:46.2; 18:137.18; 19:142.8)
11232 हिंजो-हिंजो (गो॰ 1:8.21)
11233 हिंसकी (मसक॰ 101:6)
11234 हिआँ (अमा॰13:7:1.19; 165:19:1.18; 171:18:1.5)
11235 हिआँ-हुआँ (अमा॰164:5:1.32)
11236 हिआना (अलगंठवा खड़ा होके होके टुकुर-टुकुर ऊ झूंड में अप्पन चितकबरी पाठी के हिआवऽ हल / निहारऽ हल ।; भगमान के देखे खातिर अप्पन आँख से चारो ओर हिआवे लगल कि कहीं से भगमान जी जरुरे देखाय देतन ।) (अल॰1:3.2; 4:11.11)
11237 हिकारत (अआवि॰ 10:5)
11238 हिकारत (~ के नजर से देखना) (जमुना जी अप्पन गरूर के रंग में जमील के एकदम्मे हिकारत के नजर से देखऽ हलन बाकि जमील हिम्मत हारे वला अदमी हल नञ) (अमा॰16:15:2.3)
11239 हिगराना (= बेगराना, अलग-अलग करना) (मुखिया जी आउ सरपंच साहेब अमीन साहेब के लेके हमनी के सामने साफ-साफ हिगरयले हलन, कहीं कुछ मिंझरावल न हे) (अमा॰30:14:1.29)
11240 हिगराना (हिगरावल) (मसक॰ 4:20; 97:2)
11241 हिगरे-हिगरे (हम ऊँच-नीच बड़-छोट मिलके रहऽ ही इया हिगरे-हिगरे - एकर झलक में समाजिक सम्बन्ध देखल जाहे) (अमा॰13:12:2.13)
11242 हिचकिचाना (नसध॰ 9:40.10)
11243 हिचकी (नसध॰ 42:186.28)
11244 हिचकोला (नसध॰ 26:115.21)
11245 हिच्छा (नसध॰ 8:33.8; 15:67.17; 44:194.2)
11246 हिच्छा (बाबूजी के अवाज आउ धीम हो गेल हल, बाकि कहे के उनकर ~ जबरदस्त हल । से ऊ कहे लगलन ; इहे गाम में पैदा होलन, कमयलन-खयलन आउ हिएँ मरे के ~ हल हुनखर) (अमा॰1:8:2.18; 16:18:1.19; 29:10:1.20)
11247 हिजरी (अमा॰174:6:1.17)
11248 हिजरीस्तान (अमा॰174:6:1.18)
11249 हिजे ("नया चिलिम, येकरंगा नया साफी नरिअर के गुल लइलियो हे ।" जमुना राम तलहथी पर बालूचर गांजा लट्टिअइते कहलक हल -"बस गुल जलावऽ, साफी भिंजावऽ, अब हिजे करे के जरूरत न हो ।..") (अल॰43:138.13)
11250 हिज्जे (खाली बिगड़ल हिज्जे के सुधार कर देवे के जरूरत हे । अइसहीं अंगरेज लोग केतना शहर के हिज्जे बिगाड़ले हलन, जिनका सुधारल गेल हे । आरा, मुंगेर, हजारीबाग के नाम के सुधार पहिले भी करल गेल हे, जेकरा में किनको आपत्ति न भेल ।) (अमा॰22:4:1.18, 20)
11251 हिड़ना (अजाद नालन्दा जिला के गाँव-गाँव में करांति के विगुल बजा के जगउलक हल । जइसे पैन-खाता के मछली मारे लेल लोग हिंड़ दे हथ । सच्चिदानन्द ओइसहीं गाँव-गाँव टोला-मुहल्ला घर-घर के हिंड़ देलक हल ।) (अल॰44:150.11, 12)
11252 हिड़िस (कनखी मारित बिचरइ निरदंद हिए हिड़िस अथोर) (अमा॰15:1:1.10)
11253 हित-कुटुम (अमा॰3:11:2.10; 174:8:2.17)
11254 हित-कुटुम्ब (अमा॰171:7:1.4)
11255 हित-नाता (अमा॰167:9:2.1; कब॰ 47:5; 55:6)
11256 हिदायत (~ करना) (सब के माय-बाप अपन बाल-बच्चा के हिदायत कर देलक हल कि अलगंठवा के साथ कोई भी म खेले-कूदे काहे कि उ लइका बेअवारा हे, न उ अपने पढ़त आउर न केकरो पढ़े देतइ ।) (अल॰2:4.30; 4:11.1)
11257 हिनखर (= इनकर) (अमा॰26:10:2.19)
11258 हिनतई (= हीनता) (अउरत के गिआन से दूर रखल गेल ई सब हिनतई के बात हे ।) (अल॰34:109.30)
11259 हिन्दू (जेतने जल्दी लोग मुसलमान बनऽ हे ओतने जल्दी ~ बने ला छटपटाय लगऽ हे; हिन्दुओ ... मुसलमानो) (नसध॰ 13:58.19; 34:145.30)
11260 हिन्ने (मसक॰ 73:9)
11261 हिफाजत (नसध॰ 33:143.26, 28)
11262 हिफाजत (ई टूटल पेटी के रतन जवाहिर के तरह ~ से रखिहें) (अमा॰1:9:2.24)
11263 हिम्मत (अमा॰4:16:1.23)
11264 हिम्मत (~बान्हना) (नसध॰ 25:107.1; 32:140.20)
11265 हिम्मतपस्त (नसध॰ 15:65.20)
11266 हिया गरान (गो॰ 1:4.26)
11267 हियाँ (अमा॰4:8:1.18; 164:6:2.18, 19; 165:19:2.5; मसक॰ 21:19; 23:17)
11268 हिरदय (अमा॰16:14:1.7, 2.19)
11269 हिरदा (अआवि॰ 95:7; 97:5; 99:8; नसध॰ 5:17.23; 38:163.18)
11270 हिरनी (हिरनी, खिक्खिर, चमगुदरी के आज हे जमघट लगल उहाँ ।) (अमा॰25:23:1.25)
11271 हिरिस (अआवि॰ 79:7)
11272 हिलकोरा (ठहरे नहर में बेंग-बगुला देखाइ पड़ रहल हल । कभी-कभी मछली चभ-सन करऽ हल । जेकरा से पानी में हिलकोरा होवे लगऽ हल ।) (अल॰25:75.9)
11273 हिसकी (देखा ~) (जे सिकरेट नहियो पीअ हलन ओहू देखा ~ सिकरेट सुलगा लेलन) (नसध॰ 20:81.31)
11274 हिसबिया (= गणितज्ञ) (महान हिसबिया आर्यभट के जन्मभूमि हे पाटलिपुत्र) (अमा॰16:10:1.1)
11275 हिसाब-किताब (सच बात छप्पर पर चढ़ के गुदाल करऽ हे । इ बात खाली बुलाकी वाली के साथ ही न हे, बल्कि सौ में अस्सी अउरत-मरद के एही हिसाब-किताब हे ।) (अल॰13.40.26)
11276 हिस्सा (नसध॰ 30:132.8)
11277 हीं (= के यहाँ) (गो॰ 3:19.21; मसक॰ 9:4; 25:8; 28:3, 5, 27; 90:13; 114:14)
11278 -हीं (भोरहीं, पहिलहीं, रातहीं, ...) (मसक॰ 11:21; 12:5, 6, 7)
11279 हींआ (गो॰ 6:27.22)
11280 हींग (नसध॰ 9:37.9)
11281 हींच-खींच (अआवि॰ 82:6)
11282 हीआँ (अआवि॰ 50:31)
11283 हीआँ (हीओं) (मकस॰ 13:12)
11284 हीआं (=के यहाँ) (फूब॰ 5:18.27)
11285 हीर-राँझा (नसध॰ 35:151.4)
11286 -हु (सेहु) (मसक॰ 11:25)
11287 -हुँ, हूँ (दुन्हूँ) (मसक॰ 21:3; 91:3)
11288 हुँकारी (नसध॰ 9:37.24)
11289 हुँकारी (कुछ देर लागी तो मइया के हुँकारिये बन्द हे गेल हल) (अमा॰168:9:2.26)
11290 हुँचकी (अमा॰1:9:2.13, 10:1.1)
11291 हुँनखर (अमा॰173:16:1.6)
11292 हुंठा (अमा॰167:17:1.6)
11293 हुआँ (मसक॰ 20:28; 59:11; 73:14)
11294 हुआँ (= वहाँ) ("बस नामे के हो शहर जमनिया । ऊ तो पूरा इन्टीरियर इलाका हो ।" अप्पन गिआन बखानते कहलन भुनेसर जी - "पनियो-बिजली के समस्या हो हुआँ ।") (अमा॰29:12:1.4)
11295 हुआँ-हुआँ (तइयो सरवा रात भर खेत में ~ करइत रहलो) (अमा॰173:16:2.9)
11296 हुकन (~ समाना) (नसध॰ 25:108.25)
11297 हुकनी (~ के रोग) (नसध॰ 30:133.31)
11298 हुकहना, हुकना (ई सब कुनेत देख के हुकहत-हुकइत बेमार पर गेलन हे) (नसध॰ 30:133.31)
11299 हुक-हुक करना (रम॰ 6:52.1; 16:127.19)
11300 हुकुम (= हुक्म) (नसध॰ 19:76.13)
11301 हुजत (= हुज्जत) (थानू हजाम से हजामत बनवा के गंगा में अस्नान करके आउर उतरी पहन के माय के मुँह में आग देवे से पहिले घाट के डोम से हुजत होल हल ।) (अल॰11.34.2)
11302 हुजुर (फूब॰ 2:8.7)
11303 हुज्जत (अमा॰163:1:1.7)
11304 हुड़की (~ देखाना) (मसक॰ 157:5)
11305 हुनकर (मकस॰ 16:5)
11306 हुनका (मकस॰ 16:18, 21)
11307 हुनखर (अमा॰168:11:1.35; 173:16:1.16)
11308 हुनखा (अमा॰168:11:1.16)
11309 हुनरगर (मसक॰ 64:28)
11310 हुबा (ऊ दिना से जे ई बेमार पड़लन हे से उठे के ~ न हइन) (नसध॰ 27:119.20; 28:123.20; 36:153.18)
11311 हुमँचना (मसक॰ 72:4)
11312 हुमचना (मकस॰ 66:21; रम॰ 5:45.5)
11313 हुमाद (= हुमाध, समिधा)(शुद्ध घीउ से सनायल ~ के गंध; पति के अरथी के साथ हाथ में ~ के ढकनी लेले सावित्री के चलइत देख लोग दंग रह गेलन) (अमा॰9:9:2.24; 10:9:1.1, 9, 14; 17:9:2.1)
11314 हुमाद (बिहारशरीफ के मगही में "हुमाध") (होम करइत हाथ जर जा हे त का ~ देना बन्द कर दे हे ?) (नसध॰ 34:146.2, 3)
11315 हुमाद, हुमाध (रम॰ 12:91.20)
11316 हुरकुचना (अप्पन हाथ से हुरकुचइत अलगंठवा से पूछलक हल -'तोहरा ?' अलगंठवा कहलक हल -'जे तोहरा से हमरा ।') (अल॰36:115.8)
11317 हुरपेटना (नसध॰ 5:19.30)
11318 हुराँड़ (= हुँड़ार) (अमा॰5:13:2.9)
11319 हुराड़ (कब॰ 44:18)
11320 हुरिआना (रम॰ 16:121.15)
11321 हुलकना (मसक॰ 63:3; 125:1; रम॰ 4:42.22)
11322 हुलकना (अलगंठवा सबके इसलामपुर जाय के बस पर बैठा के अपने पटना जायवाला वस पर सवार होके विदा लेते गेलन हल । पहिले सुमितरी के बस खुल गेल हल । सुमितरी हुलक-हुलक के खड़ा अलगंठवा के उदास मन से देखे लगल हल ।) (अल॰31:102.27)
11323 हुलकना (उनकर मसनद मेकर रूई फाट के बाहर हुलक रहल हल) (नसध॰ 7:28.24; 34:147.6)
11324 हुलकना (दू-तीन दिन के बाद सोनी के आँठी से अँकुरा बाहर हुलक रहल हल) (अमा॰163:13:2.25)
11325 हुलकना (दूरा के केवाँड़ी थपथपावे लगलन त पिंकी ओने से हुलकल) (मकस॰ 11:27)
11326 हुलकी (रम॰ 14:110.7)
11327 हुलकी (~ मारना) (खाली चुनाव के समय नेता आबऽ हे, आउर जात-पात कर-करा के, आपस में लड़ा के बोट लेके नेता बन जा हे, फिन पटना-डिल्ली विराजते रहऽ हे पाँच बरिस तक । ओकर पहिले कोय थोड़े हुलकी मारऽ हे भला ।; बेटीचोद अप्पन समांग कहवे वालन गोतिया-नइया, जात-भाय, एक दिन भी जेल में हुलकी भी मारे न गेल ।) (अल॰15.45.20; 33:107.6)
11328 हुलकी (~ मारना) (जीतला के बाद आझ तक महल्ला में कोई हुलकिओ मारे न अयलन) (अमा॰163:9:1.25)
11329 हुलचुली, हुलचुल्ली, हुलजुली (रम॰ 11:85.9)
11330 हुलसना (जरा सा प्यार दुलार पाके हुलसवे कैल कि दूसर क्षण अत्याचार से संग्रस्त हो गेल) (अमा॰29:8:1.18)
11331 हुलिया (अआवि॰ 110:16)
11332 हुवा (अब हमरा बोले के हुवा नऽ हो) (अमा॰1:9:2.21)
11333 हुहुआना (बाहर से ठंढ में हाथ-गोर सिकोड़ले दरोगी जी के घर में घुसते देख के हुनखर बेकत भूपती बोरसी जराके हुनखा तर रखते पूछलक - "आज तोर तबियत ठीक नयँ हो का ? हँस-बोल नयँ रहला हे ।" मगर दरोगी जी ओकर एक्को बात के जवाब नयँ देलन आउ चउकी पर बिछल बिछौना में घुस के हुहुआय लगलन ।) (अमा॰29:12:2.16)
11334 हूँ (= भी) (गो॰ 2:14.21)
11335 हूँकना (नसध॰ 25:108.25, 26)
11336 हूँकारी (~ भरना) (नसध॰ 37:157.13)
11337 हूर (आज तो जहाँ देखऽ ही, जेकरा देखऽ ही, सबके सब हूर के परी खोजऽ हथ । पर हाँ, खाली हूर के परि होवे से काम न चलत । साथे कुबेर के खजाना भी चाही ।) (अमा॰27:15:2.1, 2)
11338 हूरना (अआवि॰ 41:1)
11339 हूर-हार करना (मसक॰ 131:1)
11340 हूर्रा (अआवि॰ 41:2)
11341 हूर्रा (दू ~ में बुधिया ठीक हो जतई हल) (नसध॰ 12:55.11)
11342 हेंकड़ी (भूल जयबऽ फिर अप्पन हेंकड़ी, तब डाँटो तोरा भयतो । की अइंठल चलऽ ह अखने, एक दिन समय भी तोरो अइतो ॥) (अमा॰23:20:1.21)
11343 हेंकरी (कब॰ 4:19)
11344 हेंगा (~ आउ सिकड़) (नसध॰ 37:159.10)
11345 हेंठ (नसध॰ 7:29.16; 35:149.15)
11346 हेंस-नेंस (मसक॰ 71:19)
11347 हेठ (गरमी ~ होना) (नसध॰ 8:31.21)
11348 हेदि-दोदी (रम॰ 16:122.24)
11349 हेमान (मसक॰ 168:11)
11350 हेराना (रम॰ 15:116.17)
11351 हेराना, हेरा जाना (अमा॰173:9:1.4)
11352 हेराना, हेरा जाना (लड़की ... जइसे जइसे ~ होवऽ हे, माय-बाप के नींद हेरा जाहे) (अमा॰7:13:2.10)
11353 हेरी-बेरी (एक रोज पोल खुल जयतो हात में ~ लग जयतो) (नसध॰ 31:137.19; 49:211.2)
11354 हेलना (गो॰ 10:45.33; मसक॰ 156:2; मसक॰ 166:1; रम॰ 13:96.12; 16:123.21)
11355 हेलना (= घुसना) (अलगंठवा अप्पन माय के हाथ पकड़ के गाड़ी के डिब्बा में हेल गेल हल ।; लास जब पूरा जर गेल तऽ थोड़ा-सा कलेजा करकरा रहल हल तऽ ओकरा कपड़ा में बांध के कमर भर पानी में हेल के लोग परवह कर देलन हल ।) (अल॰6:14.28; 11:34.28; 16:48.26, 28; 20:64.17)
11356 हेलना, हेल जाना (नसध॰ 39:171.24; 41:180.3)
11357 हेलना, हेल जाना (बाबूजी हमनी के घर में हेले देतथुन तब नऽ ?) (अमा॰17:12:1.9; 166:9:1.16)
11358 हेलाना (तीन चार अदमी आउ ओहिजा अपन ठोर लेले असरा में हलन कि कदई में हेलावे के कखने मोका मिले) (नसध॰ 34:148.3, 4; 37:157.1; 39:168.31)
11359 हेस-नेस (तोहर नाना जी से बराबर तोहर हेस-नेस पूछइत रहली हे ।; अभी तक उनखा आबे के कोई हेस-नेस न आयल हे । मुदा देर-सकेर उ अइथिन जरूर ।) (अल॰6:18.30; 34:108.5; 38:121.7)
11360 हेस-नेस (हे भगवान ! कुछ ~ न हो गेल होय ।) (अमा॰24:16:1.24)
11361 हैं तू हूँ (सीधे नऽ, घूमा के ओकर असर ~ अइसने बात बोलऽ हऽ) (नसध॰ 43:189.14)
11362 हैजा (नसध॰ 14:62.22; 28:125.9; 38:161.24)
11363 हैजा-मतवाही (~ में तो मुफत मेम इलाज होयत ओकरा में अदमी पिल्लू-पताई नियन मर जा हे) (नसध॰ 27:121.21)
11364 हो (सुक्खू भईया, दौड़िहँऽ हो) (नसध॰ 49:212.8)
11365 होटल-फोटल (इहाँ ~ भी न हे कि खायल-पीयल जाय) (नसध॰ 28:124.9)
11366 होम (होम करइत हाथ जर जा हे त का हुमाद देना बन्द कर दे हे ?) (नसध॰ 34:146.1)
11367 होय के बाद (= होवे के बाद) (बअछो॰ आमुख:7.12)
11368 होय से (= होवे से) (बअछो॰ आमुख:7.14)
11369 होरहा (बूँटवा के ~ बनाएम) (अमा॰171:17:1.17)
11370 होरहा (हमनी तीनो आ रहलियो हल । मुदा नइकी वगीचवा में तेतर तिवारी मिल गेलक । कने से तऽ एक पांजा गदरल बूँट के झंगरी ले के होरहा बना रहलथुन हे । ओही लोग तोहरा बुलावे ला हमरा कहलथुन हे।) (अल॰29:89.23, 27)
11371 होरी-चइता (कब॰ 54:13)
11372 होल (जादू-जुगा ~ करना) (नसध॰ 30:130.28)
11373 होलइया (उत्तरवारी टोला में लोग तोहर आउर हम्मर नाम सान के होलइया गा रहलो हे । अछरंग लगा-लगा के छिया-छिया के कवित्त पढ़ रहलो हे ।) (अल॰24:74.18)
11374 होलइया, होलैया (होलइया - रम॰ 3:30.13)
11375 होली (नसध॰ 12:51.29)
11376 होवइया (गो॰ 9:41.2)
11377 होशियार (अमा॰14:9:1.13; 15:10:2.6)
11378 होस-हवास (नसध॰ 29:128.5)
11379 हौंसना (= औंसना) (मसक॰ 72:8)
11380 हौंसला (नसध॰ 14:65.4; 26:117.21)

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