Sunday, October 18, 2009

32. फकारादि शब्द

7141 फँसल (तू सच-सच कहिहें, बरमा के बेटी मुखिया के बेटा नगीनवां के साथे ~ नऽ हे ?) (नसध॰ 14:60.24)
7142 फउँकना (ई साँपिन जइसन फउँकऽ हथ, फिन तुरते नेउर बन जा हथ) (अमा॰15:20:1.11)
7143 फक-सन (एही बीच रजेसर तीन गो बीड़ी सलाई से फक-सन जलावइत रमेसर आउर दिलदार के देइत एगो अपने पिअइत बोलल) (अल॰21:67.24)
7144 फक-सन्न (रघुनाथ अप्पन जेभी से दू गो वीड़ी निकाल के फक-सन्न सलाइ जला के वीड़ी सुलगा के एगो वीड़ी रामखेलामन के ओर बढ़ावइत आउर एगो बीड़ी अप्पन मुंह में दवाबइत कहलक हल) (अल॰8:23.23)
7145 फकीरचंद (ई सब तुम्माफेरी नयँ करतई सरकार तऽ औफिस के बाबू लोग कइसे बनतन फकीरचंद से अमीरचंद ।) (अमा॰29:12:1.12)
7146 फक् दे (~ लहर जाना) (नसध॰ 29:129.8)
7147 फक्की (जीरवा के दोकान के ~ आउ बरिया से कुछो नऽ पैदा लोक रहल हल) (नसध॰ 19:76.1)
7148 फक्-फक् (नसध॰ 25:107.22; 29:126.7)
7149 फगुनाना (मौसम फगुनायल हे) (अमा॰9:1:1.3)
7150 फगुनाहट (अल॰42:136.20)
7151 फचाक् (नसध॰ 4:14.20)
7152 फजीहत ('हम्मर घर के औरत तो भुइयाँ में बैठे हे, हमरा अफसर नऽ, घर गृहस्थी लायक बहू चाही ।' सुन के बाप तो सन्न रह गेल । बाद में बड़ी मुश्किल से फजीहत करके ऊ लड़की के बिआह होल ।) (अमा॰27:17:1.25, 2.20)
7153 फजीहत, फजहत (कब॰ 47:19)
7154 फजुल (नसध॰ 33:144.4)
7155 फट चढ़ने न देना (गो॰ 4:23.3)
7156 फट पड़ना (बअछो॰ 11:52.22)
7157 फटफटिया (मसक॰ 99:13)
7158 फटल (~ फराँटी नियन मुँह से हावा निकालइत खदेरन कहलन) (नसध॰ 27:118.21)
7159 फटाक दबर (गो॰ 10:45.21)
7160 फटाक सिन (गो॰ 2:11.31)
7161 फटाफट (अलगंठवा थोड़हीं दिन में किताब दनादन पढ़े लगल हल । आउर देसी हिसाब भी फटाफट बना दे हल ।) (अल॰2:4.27)
7162 फटाफट (हम्मर सवाल के जवाब फटाफट दिहऽ ।) (अमा॰23:11:2.20)
7163 फटीचर (अमा॰6:15:1.2)
7164 फटेहाली (नसध॰ 7:29.2; नसध॰ 10:44.1)
7165 फट्टल (मसक॰ 106:27; 109:28, 29)
7166 फट्टल (= फटा हुआ) (अमा॰3:11:1.3; 172:20:1.18; 173:16:1.14)
7167 फट्टल-चिट्टल (अमा॰173:16:1.19)
7168 फट्टा (रंथी के साथ कबीर पंथी दुखहरन दास भी अइलन हल । दुखहरन दास हाथ में बांस के फट्टा से लास के खोर-खोर के जरा रहलन हल आउ येगो निरगुन गा रहलन हल) (अल॰11.34.8)
7169 फट्-फट् (~ के अवाज) (नसध॰ 21:85.17)
7170 फड, फस्ट (रम॰ 3:28.15; 15:117.24)
7171 फड़फड़ाना (नसध॰ 30:134.20)
7172 फड़फड़ाना (पंख ~) (नसध॰ 30:131.11)
7173 फड़ही (= फरही) (येही बीच अलगंठवा फड़ही के भूंजा खरीद के ले आवल हल । फड़ही के भूंजा तलाब में जइसे ही डाललक हल कि झुंड के झुंड मछली चमचमाय लगल हल ।) (अल॰31:102.18, 19; 41:129.26)
7174 फतिंगा (नसध॰ 43:189.3)
7175 फतुही (~ उड़वले चलना) (नसध॰ 23:92.13; 34:145.21; 41:182.1)
7176 फनइला (बदली के बाते सुन के मुँह कसइला हो जा हल उनखर, जइसे कोय उनकर मुँह में फनइला ठूस देलक होत ।) (अमा॰29:10:1.5)
7177 फनाना (डेग फनयबे न करे) (गो॰ 6:28.1)
7178 फन्देला (कुछ बूढ़-पुरनिया अउरत-मरद बालू रेत पर बैठ के गलवात कर रहलन हल तऽ कुछ लंग-धड़ंग फन्देला रंग के बाल-बुतरून मिट्टी के घर बना-बना के खेल रहल हल ।) (अल॰44:145.8)
7179 फन्देला, फदेला, फनेला (फन्देला - रम॰ 3:30.16; फदेला - रम॰ 3:33.8)
7180 फफक फफक के रोना (नसध॰ 41:181.10; 42:186.9)
7181 फफकना (फफक-फफक के रोना) (अमा॰29:13:1.21)
7182 फफकना, फफक उठना (नसध॰ 41:181.31)
7183 फयदा (अमा॰17:12:1:9; 172:11:1.20; बअछो॰ 14:62.3; 15:69.6)
7184 फर (= फल) (मसक॰ 113:23)
7185 फर (= फल) (~ के रस) (नसध॰ 19:79.17; 30:133.18)
7186 फर (कोमल पत्ती साग टमाटर फरवा शोभे डाली के) (अमा॰22:17:2.5)
7187 फरक (बअछो॰ 3:19.6; नसध॰ 8:34.30)
7188 फरक (कथनी आउ करनी में फरक) (अमा॰18:10:2.3)
7189 फरका (= मिरगी) (सुमितरी के वेहोस पड़ल देखइत कुछ लोग कह रहलन हल कि हो सकऽ हइ कि फरका आबइ । मुदा बायाँ गोड़ में खून के दाग आउर साँप के धार जइसन चिन्हा पड़ल हल । इतने में कारू चौधरी, जमुना राम के देखइत कहलक हल -"ए जमुना भाय, पहिले हथवा चला के देखऽ कि सचो के साँप काटकइ हे कि फरका अइलइ हे ।") (अल॰18:55.1, 5)
7190 फरकोल (गनौरी के बेटिया सुगिया बड़ा ~ निकलल हो । कसबा में रोज पढ़े भी जा हो ।) (नसध॰ 40:175.11)
7191 फरछाल (मसक॰ 74:14)
7192 फरज (नसध॰ 12:54.27)
7193 फरना (= फलना) (बबूर के पेड़ लगैवऽ तऽ आम फरतवऽ कि कँटे गड़तवऽ) (नसध॰ 47:206.15)
7194 फरना (जब आम फर जाहे तब ढेला फेंकाहीं लगऽ हे) (मसक॰ 63:17)
7195 फरना (फरे न फुलाए, एक सूप रोज निकले ।; एकरा से हम आम के गाछ बनयबउ । गाछ में ढेरमानी आम फरतउ ।) (अमा॰25:18:1.14; 163:13:2.12, 14:1.1)
7196 फरना-फुलाना (उनकर रोपल मगही बिरुआ अब फरे-फुलाय लगल हे) (अमा॰169:17:2.21)
7197 फरना-फूलना (फरे-फूले) (गो॰ 5:27.1)
7198 फरनी (कभी-कभी असाढ़ के वादर गरज-बरज के बरस जा हल । जेकरा से खेत में पानी अहिल-दहिल हो रहल हल । मुदा खेत में फरनी न हो रहल हल, चास न लग रहल हल, दोखाड़ल न जा रहल हल ।) (अल॰15.43.21; 19:62.16)
7199 फर-फर (~ हावा) (नसध॰ 6:26.20)
7200 फर-फर (फर-फर बतवा करऽ हई असमान से) (अमा॰26:1:2.11)
7201 फरफराना (बअछो॰ 1:10.5)
7202 फर-फूला जाना (नसध॰ 40:178.5)
7203 फरमाइश (अमा॰20:15:1.26; 25:21:2.15)
7204 फरमाइशी (सोना में सोहागा ई भेल कि श्रोता के प्रश्न के उत्तर भी देलन आउ फरमाइशी लोकगीत भी सुनयलन) (अमा॰26:15:2.7)
7205 फरमान (हाथ में आल सरकारी औडर दरोगी जी के फाँसी के फरमान बुझा रहल हल ।) (अमा॰29:11:1.15)
7206 फरमाना (अमा॰12:16:2.8)
7207 फरमूला (लच्छू भाई के बात ! न काहे जायम ? तोरे ~ से तो आज हम खुशहाल ही । ओन्ने दरोगा जी भी खुश हथ आउ एन्ने हम्मर दूधा दुगुना दाम में बिक रहल हे) (अमा॰9:8:1.13-14)
7208 फरल (फूब॰ 3:11.31)
7209 फरल (~ फसल उखाड़े में लाभ हे) (नसध॰ 40:178.3)
7210 फरह (अब लड़ के ओहनी से ~ नऽ पयबें) (नसध॰ 15:65.7)
7211 फरहर (अपना के सबसे ~ बुझे वाला भुनेसर जी दरोगी जी के सलाह देलन; लइकाइये से खेलकूद में हर-हर, पढ़े-लिखे में ~) (अमा॰29:12:1.20; 169:17:1.9)
7212 फरहर (फुलमतिया अप्पन माय-बाप के एकलौती बेटी हल - देखे में खूबसूरत, काम-काज में फरहर, बोलचाल में तेज) (मकस॰ 20:2)
7213 फरही (= फड़ही) (नसध॰ 19:76.21; 46:204.1)
7214 फराँटी (फटल ~ नियन मुँह से हावा निकालइत खदेरन कहलन) (नसध॰ 27:118.21)
7215 फराक (मसक॰ 147:16, 17)
7216 फराक (= frock) (अमा॰24:16:2.6; 163:8:1.15; 173:16:2.28)
7217 फरागत (गो॰ 1:3.13)
7218 फरागत (~ करना) (नसध॰ 34:145.14)
7219 फरिआना (रम॰ 10:75.21)
7220 फरिआना, फरियाना (जदि हमनी दूनो मजदूर से हड़ताल न फरिआ हो तऽ कोय तेसर पंच के चुन लऽ । जे किसान आउर मजदूर के दरद-पीड़ा से जुड़ल होय ।) (अल॰15.44.23; 38:122.24)
7221 फरिच्छ (= फरिछ) (अलगंठवा चार बजे भोर के ही पढ़े ला रोज उठ जा हल । फिन फरिच्छ होवे पर नेहा-धो के छाली भरल दही आउर रोटी खाके इस्कूल चल जा हल ।) (अल॰4:8.33)
7222 फरिछ (रम॰ 4:43.12)
7223 फरिछ (नन्हकू येक घंटा रात छइते ही सुमितरी के लेके घर से बहरा गेल हल । काहे कि गरमी के दिन हल । येकर अलावे फरिछ होवे पर फिन टोला-टाटी के लोग सुमितरी आउर अलगंठवा के बात के जिकिर आउर छेड़-छाड़ देत हल ।) (अल॰3:5.30; 31:102.12)
7224 फरिछ, फरीछ (~ होना) (अमा॰5:8:2.19; 169:17:2.25)
7225 फरिछ-बिहान (फरिछ-बिहान होइत ही दिलदार राम, रजेसर आउर रमेसर भी अलगंठवा के दलान पर धमक गेलन हल ।) (अल॰27:84.11)
7226 फरियाद (ऊ हुनखर घर-दुआर तो सम्हारवे कैलक, बाल-बच्चा नयँ होवे के बादो कभी कोय मान-मनौती  इया फरियाद केकरो से नयँ कयलक) (अमा॰29:11:2.7)
7227 फरियाना (फरिया लेल करना;  फरिया के; फरिया देना; घंटों मल्लयुद्ध होल, मुदा कुश्ती नहिएँ फरियाल; अबकी कुश्ती फरिया गेल । कन्त का कनेसर का के पछाड़ देलन ।) (अमा॰11:7:2.6; 16:12:2.2, 7; 165:6:1.11; 169:5:2.18, 19:2.25)
7228 फरियाना (हमनी के सब बात फरिया के बता देहूँ) (नसध॰ 33:143.4)
7229 फरीक (फूब॰ 3:12.12, 16) 
7230 फरीच (= फरीछ) (बथान के बगले में हल लमहर-चौड़गर अखाड़ा जेकरा में फरीच होवइते पहलमान जी दुन्नू भाय गाँव के लड़कन के कुश्ती लड़ावो हलन) (अमा॰16:11:1.9)
7231 फरीछ (= फरिछ, फरिच्छ) (अलगंठवा फरीछ होते ही खोदागंज पहुँच गेल हल ।) (अल॰16.46.21)
7232 फलकना (अआवि॰ 64:3)
7233 फलकारना (हाथ ~) (सावा हाथ धरतिया कुंआरी, जेकरा पर ढाइ अच्छर डिंडा पारूँ । जेकरा पर हथा घालूँ । बीच कामरू से अइलन गुरू जी, देहु गुरू जी हथा फलकार ।) (अल॰18:55.12)
7234 फलना (बअछो॰ 16:71.12)
7235 फलना (काहे नञ फलनमा के एक्को बुतरू होलय, अदमीये पर निरभर करऽ हे त ?) (अमा॰24:14:2.30; 170:7:1.11)
7236 फलना (फलनवा) (अआवि॰ 108:30)
7237 फलना ... चिलना (फलना के जोरु चाहे चिलना के मेहरारू) (मकस॰ 43:4)
7238 फलना-फलनी (अमा॰173:19:1.17, 19)
7239 फलनी (गाँव में हवा जइसन बात फैल गेल कि फलनी के साँप काट लेलकइ हे ।) (अल॰18:54.21)
7240 फल-फलहरी (बअछो॰ 5:26.18)
7241 फल-मिठाई (नसध॰ 49:211.18)
7242 फल-वल (फूब॰ 1:4.25)
7243 फलसरूप (= फलस्वरूप) (औद्योगिक करांति के ~) (अमा॰17:5:1.1)
7244 फलहार (गाँव के लोग नेहा धो के एक ठंइया खाय लगलन हल । मुदा अलगंठवा के माय आज्झ अनुनिया कइले हल । ई गुने उ फलहार के नाम पर परहवा केला जे फतुहा में खूब बिकऽ हे, ओकरे से अप्पन मुंह जुठइलक ।) (अल॰6:16.10)
7245 फलेन्दा (महुआ बसंत के बाद फूलऽ हे आउ बरसात में फूलऽ हे ~ जामुन) (अमा॰8:5:2.4)
7246 फसट (उ लोग आपस में बातचीत कर रहलन हल कि अइसन अगिया बैताल लइका मलट्री फसट डिविजन से पास कर गेल ।) (अल॰10.30.2)
7247 फस्ट (गो॰ 5:25.12; 9:39.19; मसक॰ 35:19)
7248 फस्ट किलास (फूब॰ 2:8.29)
7249 फह-फह (उज्जर ~ कुर्त्ता; ~ उज्जर धोती; ~ फहरई तिरंगा हम्मर) (अमा॰11:13:1.6; 19:12:1.5; 26:14:2.9)
7250 फाँका (रम॰ 7:59.1)
7251 फाँका (अलगंठवा नइका चूड़ा के साथ फतुहा के परसिध मिठाइ मिरजइ भर-भर फाँका खा ही रहल हल कि उ अप्पन माय के हाथ से उसकावइत बोलल हल ..) (अल॰6:16.12)
7252 फाँकाकसी (मेहनतकस के उचित मजूरी कहाँ मिलऽ हे ? दू अदमी के मेहनत के मजूरी में जमीन असमान के फरक हे । एक आदमी न अधिक सारीरिक मेहनत करऽ हे, न अदिक मानसिक, फिर भी ओकर आमदनी हर महीना लाख रुपइया हे, जबकि बिहने से साँझ तक खटे वाला मजूर के पास फाँकाकसी हे ।) (अमा॰28:6:1.1)
7253 फाँड़ कसना (मसक॰ 77:14)
7254 फाँफर (गो॰ 2:11.21)
7255 फाँफर (टीन के ~ में, भीड़ तनी ~ पड़ना) (नसध॰ 3:11.30, 12.1; 4:15.9)
7256 फाँय-फाँय (जब कुइयाँ के निकट अयलन त देखऽ हथ कि एगो नौजवान सब चोर के मार के अपने ~ सुतल हे) (अमा॰23:7:2.10)
7257 फाँय-फाँय (फनु मियाँ चार सेल के टउँच पेड़ पर भकभका देलक, तऽ देखलक कि दू गो गोहमन साँप फन फैला के फाँय-फाँय कर रहल हे ।) (अल॰42:131.9)
7258 फाँसी (~ के फंदा) (नसध॰ 15:68.6)
7259 फांड़ा (मकस॰ 64:24)
7260 फाग (देवरा ननदी खेलई ~, टहके रंगवा घोर के) (अमा॰20:7:1.19)
7261 फागुन (अमा॰167:14:2.13; अआवि॰ 80:32)
7262 फागुन (अब तो रब्बी कटाय के दिन आ गेल हे । भर ~ में कटाय लगत ।) (नसध॰ 12:51.28)
7263 फाजिल (नसध॰ 22:90.26; 41:183.17)
7264 फाटक (नसध॰ 49:211.9)
7265 फाटना (= फटना) (नसध॰ 3:9.28)
7266 फाड़े-फाड़ (= फारे-फार; विस्तृत रूप से, नुक्ता-दर-नुक्ता) (हाथे पर ~ हिसाब जोड़वा दे हलन दरोगी जी) (अमा॰29:10:1.14)
7267 फानना (कब॰ 59:9)
7268 फानना (हम बिना गोड़ के फानऽ ही) (अमा॰4:20:2.24)
7269 फार (लोहार के भट्ठी में फार-कुदार पजे लगल हल) (नसध॰ 6:28.8)
7270 फारनी (~ करना) (अमा॰169:1:1.3)
7271 फारम (= फॉर्म) (अमा॰3:12:1.3)
7272 फारसी (नसध॰ 7:30.23; 37:156.13)
7273 फारे-फार ("केतना खरचा लग जात ?" फेनु सवाल उठयलन दरोगी जी । - "इहे कोय पच्चीस-तीस हजार ।" जोड़-जाड़ के फारे-फार समझयलन भुनेसर जी - "सबके देवे पड़ऽ हे दान-दछिना । चपरासी से लेके साहेब तक ।") (अमा॰29:12:1.34)
7274 फालतू (अमा॰12:12:1.24)
7275 फाहे-फाह (उत्तर कोई सुलझल न हे कि हम फाहे-फाह कह देउँ । जादे कबिलाँव में ढेरो अर्थ के अनर्थ हो जाहे ।) (अमा॰18:13:1.12)
7276 फिंचना (रम॰ 8:62.7)
7277 फिकार (गो॰ 4:23.7)
7278 फिकिर (~करना; खाय बनावे-खाय के ~) (नसध॰ 13:59.5; 46:204.16; 49:210.5)
7279 फिकिर-चिंता (नसध॰ 27:119.10)
7280 फिचाना (धोती फिचाइत-फिचाइत तनि पातर होल) (अमा॰13:10:1.15)
7281 फिदा (सेवा में ~) (नसध॰ 43:189.2)
7282 फिन (अआवि॰ 3:11, 26; गो॰ 8:36.28; कब॰ 6:21; नसध॰ 1:4.9)
7283 फिन (= फिर) (अमा॰1:9:2.1; 173:15:1.6, 18:1.8, 2.4, 19:1.3)
7284 फिन (फिन उ लोगन से खिस्सा-कहानी आउर गीत सुने आउर सिखे में विदुर अलगंठवा ।) (अल॰1:2.13)
7285 फिन, फिनु , फिनो, फेन, फेनु (फिन - रम॰ 1:19.1;  2:24.15, 16; 4:43.7 इ॰)
7286 फिन, फेन (मसक॰ 8:10; 17:3, 20; 19:22; 160:26)
7287 फिनु (अआवि॰ 3:9; 4:15; 105:14)
7288 फिनो (बअछो॰ 11:52.13; 16:70.2; नसध॰ 1:1.29)
7289 फिनो (= फिर) (अमा॰1:8:2.22, 10:2.6; 25:8:2.17)
7290 फिफिहिया (अमा॰2:6:2.26; 25:21:1.21; कब॰ 1:10; 46:8)
7291 फिफिहिया, फिफिहिआ (नसध॰ 5:21.7; 19:76.21; 41:182.20)
7292 फिरंट (कब॰ 1:5)
7293 फिरंट (कोई केतनो पोल्हावे रहे ई फिरंट) (अमा॰11:6:1.12)
7294 फिरन्टे (गो॰ 7:35.17)
7295 फिराक (गाम के लोग दिनभर खटला के बाद अप्पन-अप्पन घर में पहुँच के खाय आउ सुते के फिराक में हलन ।) (अमा॰29:12:2.6)
7296 फिलाट (दारू पीके ~) (मसक॰ 33:13)
7297 फिलिम (= फिल्म) (अमा॰16:16:1.13, 24)
7298 फिसिर-फिसिर (चुभसे॰ 3:10.2; रम॰ 10:74.2)
7299 फिसिर-फिसिर (पानी बरसना थम गेल हल । खाली फिसिर फिसिर पड़ रहल हल ।) (अल॰41:126.20; 42:130.3)
7300 फींचना (गो॰ 1:7.19)
7301 फींचना (लुगा ~) (अमा॰173:1:1.2)
7302 फीचना (कपड़ा ~) (अआवि॰ 106:4)
7303 फीस (फीस-पइसा) (नसध॰ 28:124.25, 26)
7304 फुटल-कउड़ी (फुटलो-कउड़ी भर न सोहाना) (अमा॰28:11:2.25)
7305 फुटहरा (मसक॰ 71:5)
7306 फुटानी छाँटना (फूब॰ 4:15.24)
7307 फुटानी, फूटानी (फूटानी छाँटना) (रम॰ 3:27.7)
7308 फुतुंगी (हमरा लगल कि टूटल पेटी के भूर से लोकइत सूप से तोपल रुखी के बच्चा किलकारी मारइत गली के झमठगर पेड़ के फुतुंगी पर चढ़ गेल जहाँ से फिनो ओकरा पकड़ के सूप से तोपना सहज नऽ हे) (अमा॰1:10:2.6)
7309 फुदकना (नसध॰ 9:36.21)
7310 फुनकाना (नाक फुनका-फुनका के रोना) (उनका मरला पर उनकर मेहरारू आउ छोटका बेटा नाक फुनका-फुनका के रोवे लगलन) (अमा॰171:8:1.13)
7311 फुनगना (पेड़ झमटार हल जहिना तहिना, अब तो ठूँठे खड़ा हे अगाड़ी । ई न फूजे, न फुनगे, न लहसे, अब न चूके के भइया सगाड़ी ।) (अमा॰14:1:1.13)
7312 फुनगी (अमा॰20:15:2.10; 21:9:1.2)
7313 फुफुआना (भ्रष्टाचार के अजगर फुफुआ रहल हे) (अमा॰22:12:1.11)
7314 फुर-फुर (पुरवा ~ बहे बयार) (अमा॰169:1:1.5)
7315 फुरफुरा के उड़ना (मसक॰ 115:17)
7316 फुरफुराना (फुरफुरा के उठ बइठल) (नसध॰ 21:83.15)
7317 फुरसत (अलगंठवा के बात सुन के सुमितरी नाकर-नोकर करइत कहलक हल -"तोहरा नेतागिरी से फुरसत मिलतो तऽ न, तूँ खाली दिन-रात इटिंग-मिटिंग में ही रमल रहऽ ह ।") (अल॰22:70.10)
7318 फुरसत, फुर्सत (नसध॰ 3:11.22)
7319 फुर्र-फुर्र (लावऽ, खतिआन दऽ ! जनसेवक जी से पढ़वा लाऊँ । ओहु तो कैथी हिन्दी जानवे करऽ हथी । हिन्दी के अलावे ऊ रंगरेजीओ फुर्र-फुर्र पढ़ दे हथी ।) (अमा॰30:14:2.24)
7320 फुलउड़ी (चाह-पान, कचउड़ी-फुलउड़ी के दोकान सज जा हल) (अमा॰16:11:1.20)
7321 फुलझड़ी (हम्मर ठाँव तो सगरो धैल हे सावन के फुलझड़िया रे ।) (अमा॰24:1:1.3)
7322 फुलझरी (अआवि॰ 72:12)
7323 फुलवाड़ी (अमा॰1:11:1.8)
7324 फुलाना (काँस फुला के बरखा अपन बुढ़ारी के खबर जना देलक (नसध॰ 9:36.20)
7325 फुलाना (फरे न फुलाए, एक सूप रोज निकले ।) (अमा॰25:18:1.15)
7326 फुसकना (अमा॰13:9:1.18; नसध॰ 4:14.4; 6:26.7)
7327 फुसफसाना (= फुसफुसाना) (सुमितरी आउ हेमन्ती आपस में एही फुसफसा ही रहल हल कि नन्हकू खैनी में चुनौटी से चूना निकाल के हथेली पर चुटकिआवइत उत्तरवारी गली से बुल-सन दिखलाइ पड़ल ।) (अल॰44:152.28)
7328 फुस-फुस (रोहन भी नगीना के साथ ~ करइत बरमदा में चल गेल) (नसध॰ 16:71.24)
7329 फुसफुसाना (नसध॰ 8:34.6)
7330 फुसरी (फुसरी के भोकंदर) (भला हम का बोलली हे जे ई एत्ता बोल रहल हे । फुसरी के भोकंदर एही कहा हे ।) (मकस॰ 14:10)
7331 फुसलाना-मलारना (हमरा फुसला-मलार के आउ रुपया देवे के लोभ देके लइलक हल ।) (अल॰27:83.24)
7332 फुसुर-फुसुर (~  करना) (नसध॰ 16:71.23)
7333 फुसुर-फुसुर (~ बतिआना) (अल॰1:4.13)
7334 फुहड़ (मुँह के ~) (नसध॰ 7:31.1)
7335 फुहिआना (फिसिर-फिसिर पानी फुहिया रहल हल ।) (अल॰42:130.3)
7336 फूँक-ताप जाना (एन्ने-ओन्ने से पइसा झीट के लावऽ हलन, ओकरा फूँक-ताप जा हलन) (मकस॰ 22:22)
7337 फूँकना (कस-कस के ~)‍ (नसध॰ 29:129.2)
7338 फूजना (पेड़ झमटार हल जहिना तहिना, अब तो ठूँठे खड़ा हे अगाड़ी । ई न फूजे, न फुनगे, न लहसे, अब न चूके के भइया सगाड़ी ।) (अमा॰14:1:1.13)
7339 फूटल (एगो ~ जमींदार के बेटी हे आउ एगो मुखिया के बेटा हे) (नसध॰ 14:60.26; 28:123.9)
7340 फूटल-टूटल (नसध॰ 30:131.3)
7341 फूटल-भांगल (अमा॰171:9:1.7)
7342 फूल (नसध॰ 35:151.25)
7343 फूल डाक (= एक देवता, जिनके बारे में मान्यता है कि वे गाँव-घर की निगरानी करते हैं) (शक्ति ला देवी जी, बुद्धि ला सरस्वती जी, गाँव-घर के निगरानी ला गोरइया डिहवार, डाक, फूल डाक, ईशरा डाक, लहरा डाक, त घर के परिवार के रच्छा ला टिपउर, मनुस्देवा, बाबा बकतउर आउ बराहदेव हथ ।) (अमा॰22:13:1.8)
7344 फूलना (फूल के तुम्बा होना) (अमा॰173:5:2.2)
7345 फूलना, फूल जाना (नसध॰ 29:129.4)
7346 फूलल-फरल (फूब॰ 3:11.31)
7347 फूलाना (फूल लगैबऽ तऽ फूलैतो आउ काँटा रोपवऽ तऽ गड़तो) (नसध॰ 6:25.8)
7348 फूस (~ के मकान) (नसध॰ 16:69.33)
7349 फेंकाना (अमा॰173:12:2.6)
7350 फेंकाना, फेंका जाना (नसध॰ 29:126.8)
7351 फेंकायल (पीठ पर ~ अँचरा) (नसध॰ 45:197.30)
7352 फेंकारी (~ भरना) (नसध॰ 26:118.13)
7353 फेंटा (~ बान्हना) (नारद ओहनी दिन ~ बान्ह के कसबा दने निकललन) (नसध॰ 19:76.26)
7354 फेंटुआ (घी तेल डालडा फेंटुआ बिक गेल) (अमा॰29:6:2.13; 30:8:2.11)
7355 फेंटुआँ (गो॰ 1:9.32)
7356 फेदा (फेदवा के झोंटवा जइसन) (अमा॰1:13:1.26)
7357 फेन (मसक॰ 32:7)
7358 फेन (= फिर) (अमा॰24:15:1.13; 173:15:2.28)
7359 फेन (डूबइत के ~ के सहारा भी एगो आसा उपजा देहे) (नसध॰ 12:55.28)
7360 फेफड़ी (रम॰ 15:115.18)
7361 फेफड़ी (दिन भर देउता देवी के सुमरते रहल, गोहरइते रहल आउर पथिया भर मनौती मनइते रहल अलगंठवा के चंगा होवे ला । दिलदार राम, रमेसर-रजेसर के मुँह पर तऽ फेफड़ी पड़ल हल ।) (अल॰26:80.8)
7362 फेफरी (मुँह में ~ पड़ना) (कब॰ 3:20)
7363 फेर (= फिर) (चुभसे॰ 1:6.3; फूब॰ 1:3.11, 6.2, 3, 25)
7364 फेर (= फिर) (फेर मीरा से केकरो बोले के साहस न भेल) (अमा॰17:10:2.5)
7365 फेरना (नसध॰ 28:125.1)
7366 फेरा (धत्, तूँ लोगन के फेरा में तऽ अभी तक येक पथिया घास तक न गढ़ पइलूँ । हम्मर भैंस येक तऽ जे सेर भर दूध दे रहल हे, उ भी लेके विसूख जात ।) (अल॰8:24.20)
7367 फेरा (समय के ~) (नसध॰ 7:30.17)
7368 फेरा में पड़ना (मसक॰ 54:6)
7369 फेराना, फेरा लेना (नसध॰ 28:125.5)
7370 फेरी (नसध॰ 30:130.23)
7371 फेरी-लदनी (तका हमरे किसमत में ~ लिखल हे) (नसध॰ 30:131.5)
7372 फैदा (मसक॰ 21:6; 23:9; नसध॰ 1:1.18; 37:157.11)
7373 फैर (= फायर) (अपने लोग हमरा जे पंच मानलऽ हऽ ओकर लाज रखऽ आउर कल से खंधा में फरनी के फैर बोले के चाही ।) (अल॰19:62.16)
7374 फैल (हम्मर घर के सामने कम से कम बीस फीट ~ रस्ता रहे) (अमा॰4:15:2.2)
7375 फैलाना (फैलौले हल) (नसध॰ 29:129.4)
7376 फैसला (अमा॰173:6:1.4; नसध॰ 47:205.25)
7377 फोंय-फोंय (गो॰ 4:20.29; रम॰ 6:52.7)
7378 फोंय-फोंय (अलगंठवा के फोंय-फोंय सुतल देख के सुमितरी एगो पकल बम्बइया आम ओकर मुँह पर रख देलक हल ।) (अल॰29:88.22)
7379 फोकचा (चाट आउ ~ के ठेला) (मसक॰ 92:11)
7380 फोकना, फुकना (= बैलून) (नसध॰ 3:12.9; 8:35.5)
7381 फोकराइन (जमान होइत सुमितरी के अब भान होवे लगल हल कि जमानी केता लोहराइन आउर फोकराइन होबऽ हे ।) (अल॰18:54.12)
7382 फोटू (रम॰ 5:50.25)
7383 फोटू (ऊ कभी आदर्श के राह देखावऽ हथ तो कभी यथार्थ के ~ फोटू खींच के लोग सबके सामने रख दे हथ) (अमा॰13:11:1.10)
7384 फोटू (पीपर-पाँकड़ वैर आउर गूलर के पोकहा चुन-चुन के कइसे खा हल सुमितरी, लइका-लइकी के साथ कइसे उछल-उछल के पोखर में नेहा हल सुमितरी आउर पानीए में छुआ-छूत खेलऽ हल सुमितरी । आज ओकर आँख में सब कुछ के फोटू देखाय पड़इत हल ।) (अल॰5:13.3; 38:120.25, 27; 44:156.3)
7385 फोड़ना (नसध॰ 28:125.23)
7386 फोन (नसध॰ 28:123.3)
7387 फोनूगिलास (रम॰ 10:80.20-21, 81.2)
7388 फोफिआना (नसध॰ 2:7.28; 4:16.4; 21:83.13)
7389 फोरन (नसध॰ 5:17.31)
7390 फोरना (= फोड़ना) (केकरो कदई परावे से आउ कुम्हार के आवा फोरे से पानी होवे लगे तऽ भेल ?) (नसध॰ 6:27.2)
7391 फोरा (कब॰ 47:16)
7392 फोहवा (रम॰ 6:53.22; 12:92.15)
7393 फोहवा (~ बुतरू ) (न, हम साथे न जइवो । तूँ का फोहवा बुतरू हऽ ।) (अल॰22:70.8; 36:115.1, 116.7)
7394 फौज (नसध॰ 9:43.1; 37:157.20)
7395 फौदारी (फौदारियो में) (फूब॰ 3:12.11)

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