Sunday, October 18, 2009

25. ढकारादि शब्द

4970 ढँकनी (~ भर पानी में डूब के मर जाना) (नसध॰ 45:200.8)
4971 ढकचाना (ढकचावइत-ढकचावइत) (कब॰ 32:12)
4972 ढकना (बअछो॰ 12:55.29; 14:61.18, 26)
4973 ढकना (गाड़ी पकड़े के चक्कर में, नऽ हम कइली ~ पट, भागल अइली तब तक, कानी बिल्ली कर गेल चट ।) (अमा॰24:9:2.1)
4974 ढकनी (अमा॰10:9:1.1, 10, 14; मकस॰ 29:10; मसक॰ 115:16)
4975 ढकनी-चुक्का (मसक॰ 115:16)
4976 ढकर-कोंय (फिन ~ लाठा-कूड़ी दिन-रात चले लगल) (नसध॰ 9:43.5)
4977 ढकार (गरमे-गरम कच्चा दूध पीके ~ लेना) (नसध॰ 37:158.14)
4978 ढकोसला (नसध॰ 13:57.16)
4979 ढन...ढना...ढन (अमा॰173:16:2.4)
4980 ढनढन (सूखल ~) (गरमी में ऊ नाला में एक्को बूद पानी न हल, अइसहीं सूखल ढनढन करइत हल) (मकस॰ 64:11)
4981 ढनमनाना (अआवि॰ 44:18)
4982 ढनमनाना (ढनमनायल चलना) (नसध॰ 24:101.10)
4983 ढर-ढर (आँख खोलऽ ही तो देखऽ ही कि उनखर आँख में ~ लोर) (अमा॰13:9:1.23; 16:14:2.20)
4984 ढराना (माल ~) (अआवि॰ 31:4)
4985 ढलता (खाद आउ ~ लेवे-देवे के निर्णय भी ओकरे हाथ में रहे हे) (अआवि॰ 30:18)
4986 ढलना (नसध॰ 35:151.19, 21)
4987 ढह-ढहमनाना, ढह-ढनमना जाना (उनका दुन्नू के मरला पर घर ढह-ढनमना गेल) (अमा॰16:13:2.7)
4988 ढहना (ढहल) (नसध॰ 25:107.28, 29)
4989 ढहल-ढुहल (अलगंठवा अप्पन ढहल-ढुहल ईंटा के भट्ठा पर बइठ के उत्तर रूखे मुँह कर के नीम के दतवन से रगड़-रगड़ के मुँह धोवइत ....सोचइत हल ।) (अल॰26:77.8)
4990 ढहल-फूटल (गो॰ 4:22.3)
4991 ढाँग (लोग नरहन्नी-कथा बाँच रहलन हे, हम तो ढाँग-कथा लिख रहल ही) (अमा॰14:1:1.14)
4992 ढाकल-ढुकल (~ शरीर से रूप जेतना उजागर होवऽ हे, ओतना खुलल उघाड़ल में नऽ (अमा॰12:18:2.19)
4993 ढारना (नसध॰ 39:163.32; 46:202.10)
4994 ढारना (ऊ दिन नाश्ता के बाद जब चाय ढारल गेल, त ऊ बिलकुल काढ़ के रंग के लगल) (अमा॰21:7:1.4)
4995 ढाहना (अआवि॰ 77:32)
4996 ढाही (टाँड़ी-टिकर आउ परती-पराती के ढाही बनल जा रहल हे) (अमा॰14:1:1.7)
4997 ढिंढोरा (~ पिटा जाना) (नसध॰ 13:56.26)
4998 ढिबरा (अआवि॰ 80:18)
4999 ढिबरी (अमा॰172:20:1.12)
5000 ढिबरी (दलान में ढिबरियो न बरल हल) (नसध॰ 5:16.14; 5:70.11)
5001 ढिल्ला (= ढीला) (मसक॰ 134:3)
5002 ढिवरी (बटेसर के बात सुन के सुमितरी के माय ढिवरी के बत्ती उसकावइत कहलक) (अल॰9:28.4; 42:132.1, 14)
5003 ढीढ़ा (हम्मर गाँव में कई गो काँच-कुँआरी अजदूर-मजदूर से गोड़ भारी करवा के ढीढ़ा फुलवा के चमइन से पेट गिरवावऽ हे ।) (अल॰43:139.18)
5004 ढीबढाब (~ बाँधना) (देखना हे कि अब का होयत । सूबेदार सिंह तो पूरा ढीबढाब बाँधइत हथ । कहइत हथ कि अब ओकरा घर में ढुके न देम ।) (अमा॰18:12:1.7)
5005 ढुकना (मसक॰ 98:24; 103:1; 144:23; 154:8)
5006 ढुकना (कमरा में ढुक गेलन; शोभना के ई घर में ढुके न देबई; उनका तो ठीक से अनाजो न ढुकऽ हल;  ढुकल, ढुकलइ) (अमा॰3:11:2.3; 16:9:1.31; 23:17:1.24; 166:14:2.11, 12)
5007 ढुकना, ढुक जाना (नसध॰ 39:167.11)
5008 ढुकना, ढूकना (रम॰ 5:49.24; 10:81.17)
5009 ढुकवाना (कब॰ 42:26)
5010 ढुकाना (अमा॰164:8:1.9)
5011 ढुनढुनाना (हँड़िया ढुनढुनाना) (अमा॰11:8:1.21-22)
5012 ढुरकना (गो॰ 6:28.26)
5013 ढुर-ढुर (गो॰ 1:1.19)
5014 ढुलना, ढूलना (ढुलुआ ~) (नसध॰ 25:108.6, 7; 40:176.3)
5015 ढुलाना (नसध॰ 40:176.7, 8)
5016 ढुलुआ (अमा॰15:1:1.5)
5017 ढुलुआ, ढुलुवा (~ ढुलना) (नसध॰ 25:108.6, 7; 40:176.3, 4)
5018 ढूकना (दिलदार भाय, हमनी दूनो जब से जेल से अइते गेली हे, पेट में अन्न-पानी न ढूक रहल हे ।) (अल॰33:106.22)
5019 ढूकना, ढूक जाना (तोरा सब चीज में सक के बेमारी ढूक गेलो हे) (नसध॰ 28:125.6)
5020 ढूह (जब जोगी के समाधि लग जा हे तो उनकर देह पर दीआँ ~ बना दे हे तइयो उनका कुछो पता न चले) (नसध॰ 32:139.28)
5021 ढेंकी (ढेंकिया में कूटे कोई) (अमा॰1:17:2.13)
5022 ढेंगराना (रम॰ 12:90.7)
5023 ढेंगराना (सबसे पहिले तऽ उ इस्कूल में जे एके जाति के मास्टर-किरानी आउर चपरासी हे उ सब के इहाँ से बदली करा देवे के चाही । काहे कि कुरफात आउर भरस्टाचार के जड़ छूछे एके जाति के ढेंगराल लोग हे ।) (अल॰25:76.15)
5024 ढेंगरियाना, ढेंगरिया देना, ढेंगरा देना (फिर कविता लिख के तो ढेंगरिया देलन) (अमा॰169:17:2.13)
5025 ढेंढर (अप्पन ढेंढर पर ध्यान न देके फुलमतिया के फूली निहारना उनकर काम रह गेल) (मकस॰ 23:14)
5026 ढेउढ़ पटी करना (रम॰ 7:61.5)
5027 ढेकरना ("नाना-नानी तइयार होथिन तऽ न ।" ढेकरइत बटेसर हप्पन जनाना के बात सुनइत कहलक हल ।) (अल॰9:27.28)
5028 ढेकार (अमा॰173:5:2.8)
5029 ढेढ़ैला (कुछ कहताहर सूप ~ , से न भागत ऊँट । कुछ लोभी लालच में आके, डाल रहल हल फूट ।।) (अमा॰169:8:1.7)
5030 ढेना-ढेनी (तोरा पहिलहीं नसबंदी करा लेवे के चाहतियो हल, खाली ~ जलमौला से की होयत ?) (अमा॰173:16:1.26)
5031 ढेर (मसक॰ 10:14; 13:19)
5032 ढेर (~ साल के बाद; गिट्टी आउ ईंटा के ~ लगे लगल) (नसध॰ 2:8.5; 36:155.10)
5033 ढेर (= बहुत) (फूब॰ 1:4.10; 2:8.18; 8:26.17)
5034 ढेर (=बहुत) (बअछो॰ आमुख:5.28; 9:42.2; 10:46.19)
5035 ढेर (ढेर मनी) (अमा॰1:9:2.13, 27; 3:5:1.12; 5:19:2.15; 6:13:1.24)
5036 ढेर देरी (गो॰ 1:1.20)
5037 ढेर मानी (मसक॰ 20:22)
5038 ढेर-सन (नन्हकू अलगंठवा के माथा पर हाथ धरइत आउर छाती से साटइत ढेरसन असीरवाद के वरसा कर देलक हल ।) (अल॰44:153.3)
5039 ढेर-सबा (मसक॰ 77:18)
5040 ढेरी (= ढेर) (अल॰42:136.13)
5041 ढेरी (गोबर के ~) (नसध॰ 9:36.21)
5042 ढेलगर (सउँसे भरमजाल के एक्के झटका में राय-छितिर करके मिसिर जी हमरा यथार्थ के ~ केवाल खेत में उठा के पटक देलन) (अमा॰166:8:1.4)
5043 ढेलमरवा (हमरा हीं एगो देवता हथ, जिनकर भोजन एगो विचित्र चीज हे । ई देवता हथ ढेलमरवा बाबा जी । से इनकर भूख मिटऽ हे दू चार ढेला खाय पर ।) (अमा॰22:13:1.21)
5044 ढेलवा गोसाईं (अमा॰166:17:1.5)
5045 ढेला (~ फेंकना, मिसरी के ~) (नसध॰ 6:27.25; 8:33.13)
5046 ढेला (ई देवता हथ ढेलमरवा बाबा जी । से इनकर भूख मिटऽ हे दू चार ढेला खाय पर ।; पहुँचल सन्त महात्मा सोना-चानी के मट्टी के ढेला जरूर समझऽ हथ, मगर औसत आदमी पइसा के भूखल रहऽ हे ।) (अमा॰22:13:1.22; 28:6:2.23)
5047 ढेह (गो॰ 1:5.20; 2:15.6)
5048 ढोगा (= ठोंगा ?) (नसध॰ 48:209.12)
5049 ढोढ़ी (नसध॰ 9:37.1)
5050 ढोल (ढोलो बजा दे हियो) (नसध॰ 9:38.14)
5051 ढोल (लेकिन जब उनकर गला में ढोल टंग गेल हल तब तो उनका बजावहीं पड़ऽ हल) (अमा॰2:18:2.23)
5052 ढोलक (नसध॰ 9:38.3; 27:121.2)
5053 ढोल-झाल (नसध॰ 20:81.1)
5054 ढोल-ढमाका (मकस॰ 63:18)
5055 ढोल-ढाक (मसक॰ 162:24)
5056 ढोलहा (~ पीटना) (तोहर कहना तऽ सौवो आना सत हे जजमान, मुदा समाज माने तब न । इका आज्झ हम खा ले ही, तऽ येही लोग गाँव में जाके ढोलहा पीट के गुदाल कर देतन, तऽ कल से हमरा कोय जजमान थोड़े पूजा करे ला पूछत ।) (अल॰43:143.6)
5057 ढोवाना (सब माल बैलगाड़ी से ढोवा हल) (नसध॰ 26:115.20)
5058 ढौंसा (~ बेंग) (अमा॰164:13:1.18)
5059 ढौका (~ से घेरल आउ फूस के छावल घर) (मसक॰ 97:20)

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